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Description

सीख | बलराज साहनी 

वैज्ञानिकों का कथन है कि

डरे हुए मनुष्य के शरीर से

एक प्रकार की बास निकलती है

जिसे कुत्ता झट सूँघ लेता है

और काटने दौड़ता है।

और अगर आदमी न डरे

तो कुत्ता मुँह खोल

मुस्कुराता, पूँछ हिलाता

मित्र ही नहीं, मनुष्य का

ग़ुलाम भी बन जाता है।

तो प्यारे!

अगर जीने की चाह है,

जीवन को बदलने की चाह है

तो इस तत्व से लाभ उठाएँ,

इस मंत्र की महिमा गाएँ,

इस तत्व को मानवी स्तर पर ले जाएँ!

जब भी मनुष्य से भेंट हो

भले ही वह कितना ही महान क्यों न हो,

कितना प्रबल

कितना ही शक्तिमान हाकिम क्यों न हो,

उतने ही निडर हो जाइए

जितना कि कुत्ते से।

मित्र प्यारे!

अगर डरोगे, तो निकलेगी बास जिस्म से

जिसे वह कुत्ते से भी जल्दी सूँघ लेगा

और कुत्ते से भी

बढ़कर काटेगा!