शब्द और अर्थ के बीच। गायत्रीबाला पंडा
शब्द और अर्थ के बीच
एक नारी ही बदल जाती है
लंबे इंतज़ार में।
ख़ुद को कोड़ती है
बीज बोती है
अनाज उपजाती है
धरती को सदाबहार बनाती है
और जीवनभर
किसी न किसी की छाया में बैठकर
एक इंसान बनने की
अथक प्रतीक्षा करती है।