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Description

शुद्धिकरण | हेमंत देवलेकर

 

इतनी बेरहमी से निकाले जा रहे

छिलके पानी के

कि ख़ून निकल आया पानी का

उसकी आत्मा तक को छील डाला रंदे से

यह पानी को छानने का नहीं

उसे मारने का दृश्य है

एक सेल्समैन घुसता है हमारे घरों में

भयानक चेतावनी की भाषा में

कि संकट में हैं आप के प्राण

और हम अपने ही पानी पर कर बैठते हैं संदेह

जब वह कांच के गिलास में

पानी को बांट देता है दो रंगों में

हम देख नहीं पाते

"फूट डालो और राज करों" नीति का नया चेहरा

वह आपकी आंखों के सामने

पानी के बेशकीमती खनिज लूटकर 

किसी तांत्रिक की तरह हो जाता है फ़रार

'पानी बचाओ, पानी बचाओ' 

गाने वाली दुनिया 

देख नहीं पाती यह संहार ।