Listen

Description

वह जन मारे नहीं मरेगा | केदारनाथ अग्रवाल 

जो जीवन की धूल चाटकर बड़ा हुआ है,

तूफानों से लड़ा और फिर खड़ा हुआ है,

जिसने सोने को खोदा, लोहा मोड़ा है,

जो रवि के रथ का घोड़ा है,

वह जन मारे नहीं मरेगा,

नहीं मरेगा!!

जो जीवन की आग जलाकर आग बना है,

फौलादी पंजे फैलाये नाग बना है,

जिसने शोषण को तोड़ा, शासन मोड़ा है,

जो युग के रथ का घोड़ा है,

वह जन मारे नहीं मरेगा,

नहीं मरेगा!!