यह किसका घर है? | रामदरश मिश्रा
"यह किसका घर है?"
"हिन्दू का।"
"यह किसका घर है?"
"मुसलमान का।"
यह किसका घर है?"
"ईसाई का।”
शाम होने को आयी
सवेरे से ही भटक रहा हूँ
मकानों के इस हसीन जंगल में
कहाँ गया वह घर
जिसमें एक आदमी रहता था?
अब रात होने को है।
मैं कहाँ जाऊँगा?