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हिंदुस्तान में मुसलमानों का इतिहास इस्लाम जितना पुराना है। भारतीय लोकतंत्र में भी उनकी भागीदारी भरपूर है लेकिन सियासी मुहावरों में वो वोट बैंक भी हैं। इस्लाम के भारतीय वर्ज़न में हमारी आपकी समझ के लिए बहुत कुछ छिपा है। ये भी कि मुसलमानों में भी जातियां हैं, ये भी कि मुस्लिम होते हुए धर्मनिरपेक्ष हुआ जा सकता है क्या और ये भी कि गांधी मुसलमानों के बारे में क्या कहते थे? इस बार हिलाल अहमद ने पढ़ाकू नितिन में कुछ मुश्किल सवालों के जवाब दिए जिनसे वो अपनी किताब “अल्लाह नाम की सियासत” में भी मुखातिब थे।

Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.