चुनाव लोकतंत्र का हिस्सा हैं और भारत के मामले में महापर्व. हमारे देश में कहीं ना कहीं चुनाव चलता ही रहता है. इन्हीं चुनावों में ढेरों कहानियां बनती हैं. ऐसी ही कहानियों को अपनी किताब में पिरोया है सीनियर जर्नलिस्ट अनिल माहेश्वरी ने.. आज पढ़ाकू नितिन की बैठकी में सुनिए और आनंद लीजिए.