मल को कमोबेश हर जगह घृणा से देखा जाता है. हमारे समाज में तो ये इतनी ज़्यादा है कि पूरे एक समुदाय को इसे साफ करने में लगाकर हमने उसे ही दूर कर दिया. हम में से बहुतों को नहीं मालूम कि इस दुनिया के चलने-चलाने में मल का बहुत योगदान है. क़ुदरती प्रक्रियाओं का अभिन्न अंग है ये. इस बार के पढ़ाकू नितिन में 'जल थल मल' किताब के लेखक सोपान जोशी बता रहे हैं मल की महिमा क्या है.