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Description

“जैसी है वैसी बचा लो ये दुनिया” वाली लाइन सच तो है लेकिन क्या हम दुनिया बचा सकेंगे? या क्या हम इस योग्य हैं कि दुनिया को बचा सकें? और हम दुनिया को आखिर बचा किससे रहे हैं? सवालों की भूल भुलैया है और सामने बदलता क्लाइमेट है. 'पढ़ाकू नितिन' के इस एपिसोड में लेखक और पर्यावरण पर खूब काम करनेवाले सोपान जोशी से बात हुई है. सुनकर देखिए, कुछ तृप्त और कुछ आक्लांत महसूस करेंगे.

Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.