आधुनिक युग में तो तनाव, चिंताएं, विषाद एवम् अवसाद हमारे जीवन के अंग सा बन गए हैं। यह सब आधुनिक सभ्यता की देन है। हमारा जीवन के प्रति कैसा भी दृष्टिकोण क्यों न हों हम किसी न किसी तरह की उत्तेजना या तनाव से बच नहीं सकते है। इसलिए हमें अवसाद को, उसके लक्षणों, कारणों एवम् बचाव को समझना प्रासंगिक है, इसी विषयवस्तु पर केंद्रित यह अंक प्रस्तुत है..! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/drgirishtripathi/message