सरकारी कामकाज का एक तय तरीका होता है। उसकी अपनी मर्यादा होती है। उनके कुछ नियम-कायदे बने होते हैं। चाहे मंत्री हों या अफसर, सबसे उन तरीकों, मर्यादाओं और नियम-कायदों के पालन की अपेक्षा की जाती है। मगर सरकार के शीर्ष पदों का निर्वाह करने वाले कुछ लोग शायद इस तकाजे को भूल जाते या यह मान बैठते हैं कि वे जिस ढंग से काम करना चाहते हैं, वही तरीका उचित है।