दस साल के शान्तु को अपनी एटलस साइकिल से इतना प्यार है की वो उसे जिंदगी समझता है. वो साइकिल पर ही बैठ कर पढता है, खाना खाता है. यहाँ तक की अगर उसका बस चले तो वो साइकिल पर सो भी जाए. कुल मिला कर उसे अपनी साइकिल बहुत पसंद है. एक दिन रविवार की सुबह पड़ोस के एक चाचा आते हैं जिनकी पत्नी की तबियत खराब खराब है ऐसा कह कर शान्तु से साइकिल ले लेते हैं. और ये कहते हैं की शाम तक साइकिल वापस लौटा देंगे. हालाँकि शान्तु को वो चाचा बिलकुल भी पसंद नहीं हैं, पर मजबूरी में उन्हें अपनी जान से प्यारी साइकिल दे देता हैं. अब साइकिल दे तो देता है पर दिन भर उसका मन नहीं लगता है. और उसका दिल तब और टूट जाता है जब मोहन चाचा रात तक साइकिल लेकर नहीं आते हैं. अब शान्तु अपनी साइकिल वापस पाने के लिए क्या करता है , या किसी मुसबत में फंस जाता है ये हम जानेगे दुसरे एपिसोड में . सुनते रहिये किसलय की कहानियाँ . --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kislaya-kindam/message
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