"मन खाली था.' एक यात्रा वृतांत है. जिसमें आज के इंसानों की मानसिक स्थिति से पैदा हुए विकारों के पद चिन्हों पर चलने की घोर आस्था को लेकर एक भावनात्मक विचार प्रस्तुत किया गया हैं की कैसे एक इंसान अपने आप में ट्रैप हो जाता है. और जिन्दगी जीने की चाह में बस मरने लगता है. हो सके तो हमें ऐसी जिंदगी से बचना चाहिए. और बिलकुल शांत और साधारण हो कर जिंदगी जीना चाहिए. और इसका फैसला सिर्फ आप के हाथ में है. बस आँखे खोल कर देखने की जरुरत है. --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kislaya-kindam/message
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