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NEETY

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Her Own Narrative2025-04-2326 minHer Own Narrative2025-03-1325 minThe Mentorship Podcast2024-10-2243 minStorywithNeety
StorywithNeetyअलिफ लैलाइस गीत को बचपन में हम सब ने कई बार दूरदर्शन के धारावाहिक अलिफ़ लैला में अवश्य ही सुना होगा।अलिफ लैला की कहानी अरब देश की एक प्रचलित लोक कथा है जो पूरी दुनिया में सदियों से सुनी व पढ़ी जाती रही है। 'अलिफ लैला' भारत में अपने अरबी नाम "अल्फ लैला" के प्रचलित बिगड़े हुए रूपके नाम से अधिक जाना जाता है। अरबी में अल्फ का अर्थ है एक हजार और लैला का अर्थ है रात। यह हज़ार कहानियों का एक खूबसूरत गुलदस्ता है, जिसमें प्रत्येक कहानियां एक फूल की तरह है। इन कहानियों में प्यार, सुख, दुःख, दर्द, धेखा, बेवपफाई, ईमानदारी, कर्तव्य, भावनाएं जैसे भावों का अद्भुत संतुलन है, जिसको पाठकों और श्रोताओं को हमेशा लुभाया है। दसवीं शताब्दी ईस्वी के अरब लेखक और इतिहासकार मसऊदी के अनुसार अल्फ लैला की कथामाला का आधार फारसी की प्राचीन कथामाला 'हजार अफसाना' है। अल्फ लैला की कई कहानियाँ जैसे 'मछुवारा और जिन्न' 'कमरुज्जमा और बदौरा' आदि कहानियाँ सीधे 'हजार अफसाना' से जैसी की तैसी ली गई हैं। अलिफ लैला एक ऐसी नवयुवती की कहानी है, जिसने एक ज़ालिम बादशाह से विवाह करने के बाद न केवल उसका हृदय परिवर्तित कर दिया, अपितु अनेक नवयुवतियों का जीवन भी बचा लिया। इस कथा के अनुसार, बादशाह शहरयार अपनी मलिका की बेवपफाई से दुःखी होकर उसका और उसकी सभी दासियों का कत्ल कर देता है और प्रतिज्ञा करता है कि रोजाना एक स्त्री के साथ विवाह करूंगा और अगली सुबह उसे कत्ल कर दूंगा।
2023-08-143h 55StorywithNeety
StorywithNeetyपौराणिक कथाएंकिस्से-कहानियों का संसार अद्भुत है। कल्पना शक्ति का विकास करने वाली कथाएँ कहीं ना कहीं बाल मन में अच्छे गुणों के बीज भी बोती हैं। इतिहास ऐसी रोचक और शिक्षावर्धक कहानियों से भरा पड़ा है। ऐसी कहानियों को पौराणिक कथाएं (Mythological Stories) कहा जाता है।विश्व भर में कई तरह की संस्कृति व सभ्यताएं हैं और उन सभी का अपना इतिहास है। प्रत्येक सभ्यता में कुछ कहानियां इतिहास के अहम किरदारों के इर्द-गिर्द बुनी गई हैं। ग्रीक, हिंदू, रोमन सभ्यता और बाइबिल की पौराणिक कथाएं काफी लोकप्रिय हैं। हालांकि, इन कहानियों के पात्र वास्तविक थे या काल्पनिक, इसका कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन ये कहानियां बच्चों के नैतिक और सामाजिक विकास में बेहतरीन भूमिका जरूर निभाती हैं। पौराणिक कथाएं संस्कृति और मानवीय मूल्य दोनों से परिचय करवाती हैं। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चे को नई जानकारियां दे सकते हैं। कभी-कभी बच्चे कहानी के किरदार को ही अपना हीरो मान लेते हैं। अपने व्यवहार में वो उन्हीं गुणों को लाने का प्रयास करते हैं, जिनकी चर्चा उन्होंने कहानियों में सुनी होती है। महान किरदारों के जीवन की घटनाएं उनके लिए प्रेरणा स्रोत बन जाती हैं।कहानियों के इस सेक्शन में ऐसी ही पौराणिक और शिक्षावर्धक कहानियां आपके बच्चों के लिए लेकर आए हैं। तो आइए, हम पौराणिक कहानियों के माध्यम से आपके बच्चों को इतिहास के महान पात्रों से मिलवाते हैं।   नारियल के जन्म की कहानी | Nariyal Birth Story In Hindi  माता शबरी की कथा | Mata Sabri Ki Katha In Hindi  जितिया की व्रत कथा | Jitiya Ki Katha In Hindi  नाग पंचमी की व्रत कथा | Nag Panchami Vrat Katha In Hindi  यीशु के जन्म की कहानी | Jesus Christ Birth Story In Hindi  अनंत चतुर्दशी व्रत कथा | Anant Chaturdashi Vrat Katha In Hindi  वरलक्ष्मी व्रत कथा | Varalaxmi Vrat Katha In Hindi  करवा चौथ व्रत कथा | Karwa Chauth Vrat Katha In Hindi  सूर्य देव की व्रत कथा |  Surya Dev Vrat Katha In Hindi  होली की कथा |  Holi Mata Ki Kahani In Hindi  साईं बाबा व्रत कथा |  Sai Baba Vrat Katha In Hindi  गणेश जी की व्रत कथा |  Ganesh Chaturthi Vrat Katha In Hindi  सत्यनारायण की व्रत कथा - द्वितीय अध्याय |  Satyanarayan Vrat Katha (Chapter 2)  सत्यनारायण की व्रत कथा- प्रथम अध्याय | Satyanarayan Vrat Katha (Chapter 1)  सरस्वती पूजा (वसंत पंचमी) की व्रत कथा |  Saraswati Puja (Basant Panchmi) Ki Katha  दशा माता की कथा | Dasha Mata Vrat Katha In Hindi  वट सावित्री व्रत कथा | Vat Savitri Vrat Katha In Hindi  विष्णु भगवान की व्रत कथा |  Vishnu Bhagwan Ki Katha In Hindi  राम जन्म की कथा |  Ram Janam Katha In Hindi  बृहस्पति व्रत कथा | Brihaspati Vrat Katha In Hindi  शिव व्रत कथा | Sawan Somvar Vrat Katha In Hindi  सोलह सोमवार व्रत कथा | Solah Somvar Vrat Katha In Hindi  सत्यनारायण की व्रत कथा - चतुर्थ अध्याय | Satyanarayan Vrat Katha (Chapter Four)  राधा अष्‍टमी व्रत की कहानी  | Radha Ashtami Vrat Katha In Hindi  हनुमान जी व्रत कथा | Mangalwar Vrat Katha In Hindi  ब्रह्म देव की पूजा क्यों नहीं होती ? | Brahma Ji Ko Na Puje Jane Ki Kahani   तारा रानी की कथा | Tara Rani Ki Katha In Hindi  तुलसी माता की व्रत कथा | Tulsi Vivah Vrat Katha In Hindi  शनि व्रत कथा | Shani Dev Vrat Katha In Hindi  हरतालिका तीज व्रत कथा | Hartalika Teej Vrat Katha In Hindi 1 2 3 » Category | Filters किस्से-कहानियों का संसार अद्भुत है। कल्पना शक्ति का विकास करने वाली कथाएँ कहीं ना कहीं बाल मन में अच्छे गुणों के बीज भी बोती हैं। इतिहास ऐसी रोचक और शिक्षावर्धक कहानियों से भरा पड़ा है। ऐसी कहानियों को पौराणिक कथाएं (Mythological Stories) कहा जाता है।विश्व भर में कई तरह की संस्कृति व सभ्यताएं हैं और उन सभी का अपना इतिहास है। प्रत्येक सभ्यता में कुछ कहानियां इतिहास के अहम किरदारों के इर्द-गिर्द बुनी गई हैं। ग्रीक, हिंदू, रोमन सभ्यता और बाइबिल की पौराणिक कथाएं काफी लोकप्रिय हैं। हालांकि, इन कहानियों के पात्र वास्तविक थे या काल्पनिक, इसका कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन ये कहानियां बच्चों के नैतिक और सामाजिक विकास में बेहतरीन भूमिका जरूर निभाती हैं। पौराणिक कथाएं संस्कृति और मानवीय मूल्य दोनों से परिचय करवाती हैं। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चे को नई जानकारियां दे सकते हैं। कभी-कभी बच्चे कहानी के किरदार को ही अपना हीरो मान लेते हैं। अपने व्यवहार में वो उन्हीं गुणों को लाने का प्रयास करते हैं, जिनकी चर्चा उन्
2023-07-251h 19StorywithNeety2023-07-233h 43StorywithNeety
StorywithNeetyहिन्दी कहानियाँ और उपन्यास: किशोरीलाल गोस्वामी Hindi Stories and Novelsकिशोरी लाल गोस्वामी जी (1865 ई.-1932 ई.) का जन्म वृंदावन के एक प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। इनका परिवार निम्बार्क सम्प्रदाय का अनुयायी था। किशोरी लाल गोस्वामी के पितामह वृंदावन के सर्वश्रेष्ठ विद्वान् एवं आचार्य थे। किशोरी लाल गोस्वामी के नाना वाराणसी के संस्कृतज्ञ थे। इन्हीं से भारतेन्दु जी ने छन्दशास्त्र सीखा था। किशोरी लाल जी का लालन-पालन और शिक्षण इनके नाना के घर वाराणसी में हुआ। इसी कारण किशोरी लाल गोस्वामी भारतेन्दु जी के सम्पर्क में आए। 1898 ई. में किशोरी लाल गोस्वामी जी ने ‘उपन्यास’ पत्रिका निकाली जिसमें इनके उपन्यास प्रकाशित हुआ करते थे। किशोरी लाल गोस्वामी जी ‘सरस्वती’ के पंचायती सम्पादक मण्डल के सदस्य थे। उनने लगभग 65 उपन्यासों के अतिरिक्त कई कविताएं और विविध विषयों पर अपनी सिद्धहस्त लेखनी चलाई। इंदुमती और गुलबहार कहानियों के लेखक गोस्वामी जी को प्रथम कहानीकार होने का श्रेय प्राप्त है। इनकी मुख्य कृतियाँ हैं; उपन्यास: त्रिवेणी वा सौभाग्य श्रेणी, प्रणयिनी-परिणय, हृदयहारिणी वा आदर्श रमणी, लवंगलता वा आदर्श बाला (हृदयहारिणी उपन्यास का उपसंहार), सुल्ताना रज़िया बेगम वा रंगमहल में हलाहल, गुलबहार, हीराबाई वा बेहयाई का बोरका (ऐतिहासिक उपन्यास), लावण्यमयी (बंगभाषा के आश्रय से), सुख शर्वरी (बंगभाषा के आश्रय से), प्रेममयी (बंगभाषा के आश्रय से), इंदुमती वा वनविहंगिनी (ऐतिहासिक कहानी), गुलबहार वा आदर्श भ्रातृस्नेह, तारा वा क्षात्र-कुल-कमलिनी (ऐतिहासिक उपन्यास), तरुण तपस्विनी वा कुटीर वासिनी, चंद्रावली वा कुलटा कुतूहल, जिंदे की लाश (जासूसी उपन्यास), माधवी-माधव वा मदन-मोहिनी (दो भागों में), लीलावती वा आदर्श सती, राजकुमारी, चपला वा नव्य समाज चित्र, कनक कुसुम वा मस्तानी, मल्लिका देवी वा बंग सरोजिनी, पुनर्जन्म वा सौतिया डाह, सोना और सुगंध वा पन्नाबाई, लखनऊ की कब्र वा शाही महलसरा, अँगूठी का नगीना, लाल कुँवर वा शाही रंगमहल। कविता : किशोरी सतसई, नाटक : चौपट-चपेट, मयंक मंजरी ।  हिन्दी कहानियाँ और उपन्यास: किशोरीलाल गोस्वामी Hindi Stories and Novels : Kishorilal Goswami इन्दुमती हीराबाई वा बेहयाई का बोरका खूनी औरत का सात खून : परिच्छेद (1-6) खूनी औरत का सात खून : परिच्छेद (7-12) खूनी औरत का सात खून : परिच्छेद (13-17) किशोरी लाल गोस्वामी जी (1865 ई.-1932 ई.) का जन्म वृंदावन के एक प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। इनका परिवार निम्बार्क सम्प्रदाय का अनुयायी था। किशोरी लाल गोस्वामी के पितामह वृंदावन के सर्वश्रेष्ठ विद्वान् एवं आचार्य थे। किशोरी लाल गोस्वामी के नाना वाराणसी के संस्कृतज्ञ थे। इन्हीं से भारतेन्दु जी ने छन्दशास्त्र सीखा था। किशोरी लाल जी का लालन-पालन और शिक्षण इनके नाना के घर वाराणसी में हुआ। इसी कारण किशोरी लाल गोस्वामी भारतेन्दु जी के सम्पर्क में आए। 1898 ई. में किशोरी लाल गोस्वामी जी ने ‘उपन्यास’ पत्रिका निकाली जिसमें इनके उपन्यास प्रकाशित हुआ करते थे। किशोरी लाल गोस्वामी जी ‘सरस्वती’ के पंचायती सम्पादक मण्डल के सदस्य थे। उनने लगभग 65 उपन्यासों के अतिरिक्त कई कविताएं और विविध विषयों पर अपनी सिद्धहस्त लेखनी चलाई। इंदुमती और गुलबहार कहानियों के लेखक गोस्वामी जी को प्रथम कहानीकार होने का श्रेय प्राप्त है। इनकी मुख्य कृतियाँ हैं; उपन्यास: त्रिवेणी वा सौभाग्य श्रेणी, प्रणयिनी-परिणय, हृदयहारिणी वा आदर्श रमणी, लवंगलता वा आदर्श बाला (हृदयहारिणी उपन्यास का उपसंहार), सुल्ताना रज़िया बेगम वा रंगमहल में हलाहल, गुलबहार, हीराबाई वा बेहयाई का बोरका (ऐतिहासिक उपन्यास), लावण्यमयी (बंगभाषा के आश्रय से), सुख शर्वरी (बंगभाषा के आश्रय से), प्रेममयी (बंगभाषा के आश्रय से), इंदुमती वा वनविहंगिनी (ऐतिहासिक कहानी), गुलबहार वा आदर्श भ्रातृस्नेह, तारा वा क्षात्र-कुल-कमलिनी (ऐतिहासिक उपन्यास), तरुण तपस्विनी वा कुटीर वासिनी, चंद्रावली वा कुलटा कुतूहल, जिंदे की लाश (जासूसी उपन्यास), माधवी-माधव वा मदन-मोहिनी (दो भागों में), लीलावती वा आदर्श सती, राजकुमारी, चपला वा नव्य समाज चित्र, कनक कुसुम वा मस्तानी, मल्लिका देवी वा बंग सरोजिनी, पुनर्जन्म वा सौतिया डाह, सोना और सुगंध वा पन्नाबाई, लखनऊ की कब्र वा शाही महलसरा, अँगूठी का नगीना, लाल कुँवर वा शाही रंगमहल। कविता : किशोरी सतसई, नाटक : चौपट-चपेट, मयंक मंजरी ।  हिन्दी कहानियाँ और उपन्यास: किशोरीलाल गोस्वामी Hindi Stories and Novels : Kishorilal Goswami इन्दुमती हीराबाई वा बेहयाई का बोरका खूनी औरत का सात खून : परिच्छेद (1-6) खूनी औरत का सात खून : परिच्छेद (7-12) खूनी औरत का सात खून : परिच्छेद (13-17) इनकी मुख्य कृतियाँ हैं; उपन्यास: त्रिवेणी वा सौभाग्य श्रेणी, प्रणयिनी-परिणय, हृद
2023-07-0623 minStorywithNeety
StorywithNeetyगोदान (मुंशी प्रेमचन्द)मुंशी प्रेमचंद (31 जुलाई 1880–8 अक्तूबर 1936) का जन्म वाराणसी से चार मील दूर लमही गाँव में हुआ था। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।उनकी शिक्षा का आरंभ उर्दू, फ़ारसी पढ़ने से हुआ और रोज़गार का पढ़ाने से। 1898 में मैट्रिक की परीक्षा के पास करने के बाद वह एक स्थानिक पाठशाला में अध्यापक नियुक्त हो गए। 1910 में वह इंटर और 1919 में बी.ए. के पास करने के बाद स्कूलों के डिप्टी सब-इंस्पेक्टर नियुक्त हुए।उनकी प्रसिद्ध हिंदी रचनायें हैं ; उपन्यास: सेवासदन, प्रेमाश्रम, निर्मला, रंगभूमि, गबन, गोदान ; कहानी संग्रह: नमक का दरोग़ा, प्रेम पचीसी, सोज़े वतन, प्रेम तीर्थ, पाँच फूल, सप्त सुमन ; बालसाहित्य: कुत्ते की कहानी,
2023-04-254h 04StorywithNeety2023-02-158h 39StorywithNeety
StorywithNeetyप्रस्तुत है मुंशी प्रेमचंद जी की अनमोल कहानियां।मुंशी प्रेमचंद (31 जुलाई 1880–8 अक्तूबर 1936) का जन्म वाराणसी से चार मील दूर लमही गाँव में हुआ था। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।उनकी शिक्षा का आरंभ उर्दू, फ़ारसी पढ़ने से हुआ और रोज़गार का पढ़ाने से। 1898 में मैट्रिक की परीक्षा के पास करने के बाद वह एक स्थानिक पाठशाला में अध्यापक नियुक्त हो गए। 1910 में वह इंटर और 1919 में बी.ए. के पास करने के बाद स्कूलों के डिप्टी सब-इंस्पेक्टर नियुक्त हुए।उनकी प्रसिद्ध हिंदी रचनायें हैं ; उपन्यास: सेवासदन, प्रेमाश्रम, निर्मला, रंगभूमि, गबन, गोदान ; कहानी संग्रह: नमक का दरोग़ा, प्रेम पचीसी, सोज़े वतन, प्रेम तीर्थ, पाँच फूल, सप्त सुमन ; बालसाहित्य: कुत्ते की कहानी, जंगल की कहानियाँ आदि। 
2023-02-037h 01StorywithNeety2023-01-313h 55StorywithNeety2023-01-166h 09StorywithNeety2022-10-091h 03StorywithNeety2022-10-061h 22StorywithNeety2022-09-1756 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1103 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1115 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1108 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1119 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1118 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1114 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1120 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1110 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1104 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1112 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1108 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1106 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1114 minKatora bhar khoon । कटोरा भर खून2022-09-1112 minStorywithNeety2022-08-199h 58StorywithNeety2022-08-141h 32StorywithNeety2022-08-032h 49StorywithNeety2022-07-1355 minStorywithNeety2022-07-052h 47StorywithNeety2022-06-094h 46StorywithNeety2022-05-3038 minStorywithNeety2022-05-241h 36StorywithNeety2022-05-161h 17StorywithNeety2022-05-101h 07Healing Vibes2022-05-0209 minStorywithNeety2022-04-301h 02StorywithNeety2022-04-232h 20StorywithNeety2022-04-212h 21StorywithNeety2022-03-272h 38StorywithNeety2022-03-242h 27StorywithNeety2022-03-232h 29StorywithNeety2022-03-202h 31StorywithNeety2022-03-192h 55StorywithNeety2022-03-152h 14Healing Vibes2022-03-1515 minHealing Vibes2022-03-1335 minStorywithNeety2022-03-123h 42Healing Vibes2022-03-1234 minHealing Vibes2022-03-0906 minStorywithNeety2022-03-084h 07StorywithNeety2022-03-072h 17StorywithNeety2022-03-061h 57StorywithNeety2022-03-052h 50StorywithNeety2022-03-042h 22StorywithNeety2022-03-022h 35StorywithNeety2022-02-272h 27StorywithNeety2022-02-261h 58StorywithNeety2022-02-252h 16StorywithNeety2022-02-252h 27StorywithNeety2022-02-232h 33StorywithNeety2022-02-222h 31StorywithNeety2022-02-212h 35StorywithNeety2022-02-202h 30StorywithNeety2022-02-192h 32StorywithNeety2022-02-162h 41StorywithNeety2022-02-112h 47StorywithNeety2022-02-063h 38Healing Vibes2022-01-1506 minHealing Vibes2022-01-1215 minStorywithNeety2022-01-013h 28Healing Vibes2021-12-2120 minHealing Vibes2021-12-0221 minStorywithNeety2021-11-1121 minHealing Vibes2021-10-2905 minHealing Vibes2021-10-1607 minHealing Vibes2021-09-3042 minHealing Vibes2021-09-2407 minHealing Vibes2021-09-0414 minHealing Vibes2021-09-0221 minHealing Vibes2021-08-3106 minHealing Vibes2021-08-3104 minHealing Vibes2021-06-0711 minHealing Vibes2020-12-1121 minHealing Vibes2020-12-1124 minHealing Vibes2020-12-1136 minHealing Vibes2020-10-3116 minHealing Vibes2020-10-3100 minHealing Vibes2020-08-1317 minHealing Vibes2020-07-2707 minHealing Vibes2020-07-2417 minHealing Vibes2020-07-2408 minHealing Vibes2020-07-2421 minHealing Vibes2020-07-2107 minHealing Vibes2020-07-1805 minParlons clean2019-09-2609 min