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Neeraj Kumar

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Cognitive Corner2025-03-3020 minThe Syllabus of Life with Ravi Kapoor2025-03-0251 minCatch The Train-er \2025-03-0106 minCyrus Says2025-01-291h 23Talk 4 Change2025-01-2647 minCatch The Train-er \2025-01-2424 minCatch The Train-er \2025-01-2118 minCatch The Train-er \2024-12-0204 minCatch The Train-er \2024-11-3003 minCatch The Train-er \2024-11-1611 minCatch The Train-er \2024-09-2101 minCatch The Train-er \2024-09-2002 minIn The Arena by TechArena2024-09-1019 minOlympic Tales2024-08-0919 minCatch The Train-er \2024-02-161h 11Catch The Train-er \2024-02-0712 minCatch The Train-er \2024-02-0206 minCatch The Train-er \2024-01-1600 minBooks and Beyond with Bound2023-10-1750 minCatch The Train-er \2023-10-0804 minCatch The Train-er \2023-09-2902 minCatch The Train-er \2023-04-2904 minCatch The Train-er \2023-04-2908 minThe Wire Talks2023-03-1434 minCatch The Train-er \2023-03-0405 minDostcast2023-02-281h 14Catch The Train-er \2022-11-2012 minCatch The Train-er \2022-05-0802 minCatch The Train-er \2022-05-0801 minCatch The Train-er \2022-05-0807 minCatch The Train-er \2022-05-0503 minCatch The Train-er \2022-04-2907 minCatch The Train-er \2022-04-2803 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya
Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar KarosiyaCHHOTI SI BAAT | CORONA AUR JEEVAN KA SAFAR | EPISODE 15 | NEERAJ KUMAR KAROSIYAमेरे विचारों की श्रंखला “छोटी सी बात” के पन्द्रहवें एपिसोड में आपका स्वागत है |जैसा कि आपको पता ही है कि मैं हर एपिसोड में इस बात का ज़िक्र ज़रूर करता हूँ कि छोटी सी बात की सभी बातें हमारी और आपकी ही हैं जो जीवन के एक अनुभव और सीख के रूप में शब्दों के द्वारा आपके सामने हैं | ये सभी बातें वही हैं जो आपके और मेरे दैनिक जीवन में प्रतिदिन घटती रहती हैं | कहा जाता है कि समय बड़ा बलवान है और इसी बीते हुए समय की बातें अक्सर मैं आपसे शेयर करता हूँ जो अब अनुभव बन चुकी हैं | समय की बात चली तो आज अचानक ख्याल आया कि समय के परिवर्तन और समय की ताकत के बारे में आपसे कुछ बात की जाए | हम सभी जानते हैं कि हमारे पिछले दो वर्ष कितने भयावह और परेशानियों से जूझते हुए बीते हैं | सब कुछ अच्छा चल रहा था और हमें ज़रा सा भी आभास ही नहीं हुआ कि कोरोना जैसी आपदा ने हमें कब दबोच लिया | हालाँकि कोरोना जैसे विषय पर पिछले दो सालों में न जाने कितना लिखा जा चुका है कि आज के एपिसोड को लिखने की शायद ज़रुरत ही नहीं पड़ती, पर मैं कोरोना के विषय के बहाने समय की मार के बारे में आपसे बात करना चाहता हूँ इसलिए लिखने की प्रेरणा अपने आप मिल गयी | तो चलिए सुनते आज की "छोटी सी बात"
2022-04-1709 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya
Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar KarosiyaCHHOTI SI BAAT | PITA YA PURUSH | EPISODE 14 | NEERAJ KUMAR KAROSIYAमेरे विचारों की श्रंखला “छोटी सी बात” के चौदहवें एपिसोड में आपका स्वागत है |छोटी सी बात की सभी बातें हमारी और आपकी ही हैं जो जीवन के एक अनुभव और सीख के रूप में शब्दों के द्वारा आपके सामने हैं | इन बातों के लिए किन्ही किताबी ज्ञान की ज़रुरत नहीं हैं | ये वे सभी बातें हैं जो हमारे आसपास घटती रहती हैं | कभी हमारे दोस्तों या आसपास के लोगों की कही बातें ही शब्दों में ढालने की प्रेरणा देती हैं | अब इनमें से कुछ बातें सुख देने वाली और कुछ बातें दुःख पहुँचाने वाली भी हो सकती हैं जिनका ये खट्टा-मीठा रूप है “छोटी सी बात” | आज की छोटी सी बात को आप तक पहुँचाने की प्रेरणा मुझे मेरे बड़े भाई समान मित्र श्री सैयद अनवर अली जी, जो एक अच्छे गायक, ललित कला में माहिर व सच्चे दिल के इंसान हैं | पिता अथवा एक पुरुष के जीवन में कितनी चुनौतियाँ हैं, इस विषय पर मेरी श्री अनवर भाईसाहब से कई बार चर्चा हुई | आज के इस एपिसोड के भी दो भाग हैं | पहले भाग में है अभाव का जीवन का हिस्सा बनना और फिर उन्हीं अभाव से पनपी चुनौतियों को आप सुनेंगे दूसरे भाग में |  तो आइये सुनते हैं पिता अथवा पुरुष के व्यक्तित्व पर केन्द्रित आज की यह छोटी सी बात |
2022-04-0708 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya
Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar KarosiyaJEEVAN KA RANGMANCH | CHHOTI SI BAAT | EPISODE 13 | NEERAJ KUMAR KAROSIYAदोस्तों, एक व्यक्ति अपने पारिवारिक कारणों से काफी दिनों से चिंतित चल रहा था, जिसकी वजह से वह काफी चिड़चिड़ा तथा तनाव में रहने लगा था। वह इस बात से परेशान था कि घर के सारे खर्चे उसे ही उठाने पड़ते हैं, पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी के ऊपर है, और ऐसी परिस्थिति में भी किसी ना किसी रिश्तेदार का उसके यहाँ आना जाना लगा ही रहता है। इन्ही बातों को सोच सोच कर वह काफी परेशान रहता था तथा बच्चों को अक्सर डांट देता था , अपनी पत्नी से भी ज्यादातर, उसका किसी न किसी बात पर झगड़ा चलता रहता था। छोटी से छोटी बात पर भी वह झल्ला जाता था और शायद इसी वजह से वह अपनी उम्र से कुछ बड़ा भी दिखाई देने लगा था | एक दिन की बात है,  उसका बेटा उसके पास आया और बोला- पिताजी मेरा स्कूल का होमवर्क करा दीजिये,चूंकि  वह व्यक्ति पहले से ही तनाव में था, इसलिए उसने बेटे को डांट कर भगा दिया, उसका बेटा भी सहमता हुआ वहां से चुपचाप चला गया | इस बात को लगभग एक घंटा बीत गया और थोड़ी देर बाद जब उसका गुस्सा शांत हुआ तो वह बेटे के पास गया, तो देखा कि बेटा सोया हुआ है और उसके हाथ में उसके होमवर्क की कॉपी है। उसने कॉपी लेकर देखी, और जैसे ही उसने कॉपी नीचे रखनी चाही, उसकी नजर होमवर्क के टाइटल पर पड़ी। होमवर्क का टाइटल था  "वे चीजें जो हमें शुरू में अच्छी नहीं लगतीं लेकिन बाद में वे अच्छी ही होती हैं"। इस टाइटल पर बच्चे को एक पैराग्राफ लिखना था, जो उसने लिख लिया था। उत्सुकतावश उसने बच्चे का लिखा हुआ पढना शुरू किया बच्चे ने लिखा था ••• मैं अपने फाइनल एग्जाम को बहुंत धन्यवाद् देता हूँ क्योंकि शुरू में तो ये बिलकुल अच्छे नहीं लगते लेकिन इनके बाद स्कूल की छुट्टियाँ पड़ जाती हैं। मैं ख़राब स्वाद वाली कड़वी दवाइयों को बहुत धन्यवाद् देता हूँ क्योंकि शुरू में तो ये कड़वी लगती हैं लेकिन ये मुझे बीमारी से ठीक करती हैं। मैं सुबह - सुबह जगाने वाली उस अलार्म घड़ी को बहुत धन्यवाद् देता हूँ जो मुझे हर सुबह बताती है कि मैं जीवित हूँ। मैं ईश्वर को भी बहुत धन्यवाद देता हूँ जिसने मुझे इतने अच्छे पिता दिए क्योंकि उनकी डांट मुझे शुरू में तो बहुत बुरी लगती है लेकिन ये भी पता है कि स्थिति अच्छी न होने के बाद भी वो मेरी हर फरमाईश को पूरा करते हैं , वे मेरे लिए खिलौने लाते हैं, मुझे घुमाने ले जाते हैं और मुझे अच्छी अच्छी चीजें खिलाते हैं | मुझे इस बात की ख़ुशी है कि मेरे पास पिता हैं , क्योंकि मेरे दोस्त आकाश के तो पिता ही नहीं हैं। बच्चे का होमवर्क पढने के बाद वह व्यक्ति जैसे अचानक नींद से जाग गया हो। उसकी सोच बदल सी गयी। बच्चे की लिखी बातें उसके दिमाग में बार बार घूम रही थी। खासकर वह आखिरी वाली लाइन। उसकी नींद उड़ गयी थी। फिर वह व्यक्ति थोडा शांत होकर बैठा और उसने अपनी परेशानियों के बारे में सोचना शुरू किया। मुझे घर के सारे खर्चे उठाने पड़ते हैं, इसका मतलब है कि मेरे पास घर है और ईश्वर की कृपा से मैं उन लोगों से बेहतर स्थिति में हूँ जिनके पास घर नहीं है। मुझे पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है, इसका मतलब है कि मेरा परिवार है, बीवी बच्चे हैं और ईश्वर की कृपा से मैं उन लोगों से ज्यादा खुशनसीब हूँ जिनके पास परिवार नहीं हैं और वो दुनियाँ में बिल्कुल अकेले हैं। मेरे यहाँ कोई ना कोई मित्र या रिश्तेदार आता जाता रहता है, इसका मतलब है कि मेरी एक सामाजिक हैसियत है और मेरे पास मेरे सुख दुःख में साथ देने वाले लोग हैं।  इसके बाद उसकी सोच एकदम से बदल गयी, उसकी सारी परेशानी, सारी चिंता एक दम से जैसे ख़त्म हो गयी। वह एकदम से बदल सा गया। वह भागकर अपने बेटे के पास गया और सोते हुए बेटे को गोद में उठाकर उसके माथे को चूमने लगा और अपने बेटे को तथा ईश्वर को धन्यवाद देने लगा। इस कहानी की तरह हम में से बहुत से लोगों की ज़िन्दगी भी कुछ इसी तरह बीतती है | हम परेशान होते हैं तो ईश्वर या फिर अपनी किस्मत को कोसना शुरू कर देते हैं | तो कुछ नई व छोटी सी बात लेकर अगले एपिसोड में आपके बीच फिर हाज़िर रहूँगा, तब तक के लिए , अलविदा | सदैव प्रसन्न रहिये!! जो प्राप्त है-पर्याप्त है!!
2022-02-2407 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya
Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar KarosiyaChhoti Si Baat | Andar Bahar ki Baat | Episode 12 | Neeraj Kumar Karosiyaआइये दोस्तों, छोटी सी बात के आज के एपिसोड के माध्यम से आप सभी दोस्तों को आपके अपने दोस्त नीरज कुमार का प्यार भरा नमस्कार एवं एक बार फिर हमेशा की तरह आपके उत्तम स्वास्थ्य व सुखमय जीवन के लिए ईश्वर से मंगलकामना है , आशा है आप अपने परिवार सहित स्वस्थ, कुशल व प्रसन्न होंगे | ज़िन्दगी के तानों-बानों और खुशियों की ख्वाहिश से जुड़ी मेरी श्रंखला “छोटी सी बात” के ग्यारहवें एपिसोड में आपका स्वागत है |छोटी सी बात की जितनी भी बातें मैं आपसे शेयर करता हूँ वे सभी आपके और हमारे आस-पास की छोटी-छोटी घटनाएँ होती हैं जिनसे मैं एवं आप सभी कहीं न कहीं जुड़े हुए हैं या फिर हमें हमारे लोगों द्वारा प्राप्त होती हैं जो कहीं न कहीं हमें सीख दे जाती हैं, इन सभी बातों में किताबी ज्ञान बिलकुल भी नहीं है| दोस्तों, आज जिस विषय पर मैं आपसे बात करने वाला हूँ वो व्यक्ति के बाहरी और अंदरूनी गुणों पर आधारित है, यानि एक सिक्के के दो पहलू | जब कोई भी जन्म लेता है तब जन्म से लेकर उसके अंतिम समय तक सबसे ज़्यादा प्रभावित करने वाली चीज़ों की अगर बात की जाए तो उनमें से एक है व्यक्ति का बाहरी और अंदरूनी रूप | हर व्यक्ति, वह चाहे महिला हो अथवा पुरुष, जिस सबसे पहली चीज़ के लिए लालची रहता है वह होता है उसका बाहरी रूप | बचपन में अधिकतर लोग दिखने में खूबसूरत ही होते हैं और जैसे-जैसे उम्र किशोरावस्था से जवानी की ओर बढ़ती है, रंग-रूप में और भी निखार आने लगता है | इस रंगरूप को सभी लोग सहेजने में लगे रहते हैं | रंगरूप को सहेजने एवं निहारने का यह सिलसिला जवानी, अधेड़ावस्था और बुढ़ापे तक जारी रहता है | चेहरे की रंगत, बालों का रखरखाब एवं पूरे शरीर की फिटनेस को लेकर बहुत से लोग पूरे जीवन भर सजग रहते हैं | इसी चेहरे और रंगरूप की वजह से कई लोगों की रोजीरोटी भी चलती है | यह रंगरूप ईश्वर का दिया एक अनमोल वरदान की तरह होता है | व्यक्ति के बाहरी गुणों की तरह एक सौगात भी ईश्वर से मिलती है जिसे हम अंदरूनी गुण कहते हैं | व्यक्ति की वाणी, उसकी सरलता, विनम्रता, कलात्मकता और बुद्धि के मिलेजुले संयोग से व्यक्ति के इन अंदरूनी गुणों का विकास होता है | रंगरूप की तरह ये अंदरूनी गुण भी व्यक्ति को विरासत में मिलते हैं जिन्हें हम गॉड गिफ्टेड कहते हैं | समय के साथ और जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों से व्यक्ति अपने इन गुणों को और अधिक विकसित करता है | अब आज के इस विषय के भी कई पहलू हैं | एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व वह कहलाता है जिसमें बाहरी रूप के साथ अंदरूनी गुणों का भी पर्याप्त समावेश हो | व्यक्ति अपने रंगरूप, हेल्थ-हाइट और अंदरूनी गुणों से भरपूर हो तो फिर तो कहने ही क्या हैं | अब यहाँ समझना ज़रूरी है कि महत्वपूर्ण क्या है? बाहरी रंगरूप या फिर अंदरूनी गुणों का भण्डार? बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि सुन्दर होना, एक अच्छा रूप होना निहायत ही ज़रूरी है | कुछ हद तक यह सही भी है परन्तु अगर रंगरूप के साथ अच्छे गुण नहीं हैं तो रंगरूप का कोई फायदा नहीं है | रंगरूप समय के साथ ढलते जाते हैं परन्तु आपके अंदरूनी गुण समय के साथ बढ़ते जाते हैं और व्यक्ति के इस दुनिया से जाने के बाद भी उसे उसके गुणों को लेकर ही पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाता है | विश्व कोकिला लतामंगेशकर जी के पास रुपहले पर्दे पर दमकने वाली अभिनेत्रियों की तरह कोई विशेष रंगरूप नहीं था एवं कोई ख़ास हेल्थ- हाइट भी नहीं थी | उनके चेहरे पर बचपन से चेचक के दाग थे | पर हम सभी जानते हैं कि उनकी मंत्रमुग्ध कर देने वाली आवाज़ ने ही उन्हें महान की श्रेणी में ला खड़ा किया है | कई अभिनेत्रियों के रूप के दमक की चकाचौंध केवल लताजी के आवाज़ के कारण ही आलोकित हुई है | आवाज़ के साथ-साथ उनका विनम्र व्यवहार एवं उदार स्वभाव का जादू ही था जिससे पूरी दुनिया उनकी दीवानी हुई | यहाँ हम एक और अभिनेता की बात करते हैं जो हैं राजपाल यादव | राजपाल यादव जैसी छोटी कद-काठी के लोग फिल्मों की तो छोड़ ही दें पर शायद सामान्य जीवन में मिलने वाले संभावनाओं तथा उनसे मिलने वाली सफलताओं के प्रति भी आशंकित रहते होंगे | खुद राजपाल यादव ने भी अपने बचपन में खुद को लेकर सितारा बनने की ग़लतफ़हमी पाली ही नहीं होगी | बस उन्होंने अपनी क्षमताओं को सही समय पर पहचाना और अपने गुणों का विकास करते-करते अपना कर्म करते गए जिसका परिणाम आज सभी के सामने है | उन्होंने अपने छोटे कद को ही अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया और जीत हासिल की | उन्होंने अपने छोटे कद को लेकर कभी अफ़सोस जाहिर नहीं किया | आज के दौर में उनकी हैसियत फिल्म इंडस्ट्री में किसी स्टार से कम नहीं है | 
2022-02-1506 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya
Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar KarosiyaCHHOTI SI BAAT | VAANI AUR VYAVHAAR | EPISODE 11 | NEERAJ KUMAR KAROSIYAआज विषय पर मैं आपसे बात करने वाला हूँ वो आपके व्यक्तित्व और वाणी पर केन्द्रित है | हम सभी लोग अपेक्षा रखते हैं कि दुनिया के सभी लोग आपसे मीठे बोल बोलें | आपके प्रति प्रेम और सम्मान रखें और आपकी हर बात को समझें, पर क्या हम में से किसी ने कभी अकेले में गहराई में ये सोचा है कि जो अपेक्षा हम दूसरों से करते हैं, वैसी ही अपेक्षा लोग भी आपसे करते हैं | यानि एक तरह से ये एक two way ट्रैफिक वाला पुल है | इसलिए एक बार अपना व अपने व्यक्तित्व का आंकलन कीजिये और धीरे-धीरे अपने व्यवहार को बदलिए क्योंकि आपके व्यवहार और वाणी की सबसे सच्ची जीत तभी है जब लोग पीठ पीछे यदि आपकी तारीफ न भी करें, तो कम से कम आलोचना भी न करें |
2022-01-2305 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya
Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar KarosiyaChhoti Si Baat | Rishton ki Garmi Aur Garima | Episode 10 | Neeraj Kumar Karosiyaज़िन्दगी के तानों-बानों और खुशियों की ख्वाहिश से जुड़ी मेरी श्रंखला “छोटी सी बात” के दसवें एपिसोड में आपका स्वागत है |छोटी सी बात की जितनी भी बातें मैं आपसे शेयर करता हूँ वे सभी आपके और हमारे आस-पास की छोटी-छोटी घटनाएँ होती हैं जिनसे मैं एवं आप सभी कहीं न कहीं जुड़े हुए हैं या फिर हमें हमारे लोगों द्वारा प्राप्त होती हैं जो कहीं न कहीं हमें सीख दे जाती हैं | दोस्तों, आज जिस विषय पर मैं आपसे बात करने वाला हूँ वो रिश्तों की गर्मी और गरिमा पर आधारित है | वर्तमान के आपाधापी के दौर में बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपने व्यक्तिगत रिश्तों को लेकर परेशान हैं या उलझन में हैं | उन्हें उन रिश्तों को मैनेज करना नहीं आ पा रहा है जिसके कारण परिवारों में दरारें चौड़ी होने लगी हैं | समझ और सही दिशा न मिल पाने की वजह से ये दरारें और भी बढ़ती जाती हैं और फिर रिश्ते टूटने की कगार पर आ जाते हैं | अब ये रिश्ते कोई भी हो सकते हैं जैसे पिता-पुत्र, सास-बहू अथवा पति-पत्नी | तो आज के episode में सुनिए रिश्तों की गर्मी व गरिमा पर आधारित मेरी "छोटी सी बात"
2022-01-1908 minNAFA by Neeraj Kumar2021-12-2012 minKya Keh Diya... by Neeraj Saini2021-12-0608 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya
Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar KarosiyaKahani Kismat Ki | Chhoti Si Baat | Episode -9 | Neeraj Kumar Karosiyaआज के विषय में दो महत्वपूर्ण शब्द हैं एक है मेहनत और दूसरा किस्मत | कुछ सालों पहले तक मैं खुद भी ये नहीं मानता था कि किस्मत कोई चीज़ होती है | मुझे लगता था कि मेहनत और कठोर मेहनत ही इंसान को सफल बना सकती है | बड़ी-बड़ी सैद्धांतिक बातें,सुनकर ये विश्वास और भी प्रबल हो गया था कि मेहनत और केवल मेहनत ही वो हथियार है जिससे व्यक्ति इस संसार को भी जीत सकता है | बचपन से किशोरावस्था तक केवल मेहनत ही समझ आती थी | घर के बड़े भी कहा करते थे कि पढाई में मेहनत करो तभी पास हो पाओगे | किस्मत का खेल तो अब समझ आया | अब ये भी समझ आया कि कितना भी मेहनत कर लो पर जब तक आपकी किस्मत मेहरबान नहीं होगी आप कुछ भी नहीं कर सकते | किसी समझदार की बात मुझे अच्छी लगी जिसमें उन्होंने कहा था कि जो आपकी किस्मत में होगा वो आपको बिना मेहनत के भी घर बैठे मिल जाएगा और यदि किस्मत ख़राब होगी तो खूब मेहनत करके भी पहाड़ से सर भी मार लो, जो मिलना है वो नहीं मिलेगा | यानि कहीं न कहीं मेहनत और किस्मत का प्रभाव आपके-हमारे जीवन में ज़रूर है | अगर किस्मत का खेल नहीं होता तो मुकेश अम्बानी से भी ज़्यादा मेहनत करने वाले लोग दुनिया में मौजूद हैं और कई मुकेश अम्बानी घूम रहे होते | अगर केवल मेहनत,कला और कुशलता वाली बात होती तो भारत में कई ऐसी प्रतिभाएं हैं जो खूब मेहनत करती हैं पर लता मंगेशकर केवल एक ही क्यों हैं, अमिताभ बच्चन भी एक ही क्यों हैं | और कोई सचिन तेंदुलकर क्यों नहीं बन पाया | ऐसा भी नहीं कि केवल इन महान लोगों ने ही मेहनत से अपने आपको दुनिया के सामने स्थापित किया है | भारत की 130 करोड़ की आबादी में कई विरली प्रतिभाएं भी हैं जो मेहनत पूरी लगन से करती हैं, बस उनकी किस्मत का दायरा सीमित है | अगर किस्मत का खेल न होता तो किशोर दा के बाद और कोई दूसरा किशोर दा क्यों नहीं बन पाया | यहाँ तक कि उनके बेटे अमित कुमार भी अपने पिता की तरह महान श्रेणी में नहीं आ पाए | हाँ, ये बात अलग है कि अमित कुमार का स्थान अपनी जगह अलग ही है | वे भी अपने समय के शानदार गायक हैं, परन्तु वे दुसरे किशोर दा नहीं बन पाए क्योंकि कुछ अनूठी किस्मत और बहुमुखी प्रतिभा के कारण ही किशोर दा किशोर दा ही थे | किशोर दा जिन्होंने शास्त्रीय संगीत भी नहीं सीखा था, इसके बावजूद भी वे ऐसे विरले क्यों थे, यानि एक ही आदमी एक साथ कई सारी प्रतिभाओं का होना चमत्कार या ऊपर वाले का आशीर्वाद ही कहा जा सकता है या फिर इसी को हम उनकी किस्मत का नाम भी दे सकते हैं | इसे हम योग भी कह सकते हैं, जैसे किसी नेता के अचानक,बिना प्रयास के ही मुख्यमंत्री या किसी और बड़े पद पर अचानक रातोंरात पहुँच जाना भी किस्मत का खेल है और इसे राजयोग भी कहा जाता है | अब इन सब बातों का ये मतलब बिलकुल भी नहीं है कि जीवन में मेहनत का स्थान ही नहीं है, या फिर ये मतलब भी नहीं है कि सब कुछ किस्मत के भरोसे ही छोड़ दिया जाये | शायद इसीलिए गीता में भी श्रीकृष्ण भगवान् ने कहा है कि “कर्म करो, फल की इच्छा मत करो” | यानि कि हमें अपना कर्म करते जाना है, कर्म से विमुख नहीं होना है | हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रहना है | सफल होना या न होना, ये उस परमशक्ति के ऊपर निर्भर है जिसने इस दुनिया इस संसार की रचना की है | ये सोचकर मेहनत से मुंह नहीं मोड़ना है कि पता नहीं किस्मत साथ है या नहीं है | अगर हमें अपनी किस्मत के बारे में पहले से ही पूर्वाभास होता तो संसार का हर आदमी सुखी होता | हम अपनी सुविधा के हिसाब से ही कर्म चुनते और सफलता प्राप्त करते | अगर हर आदमी पहले से ये पता होता कि उसकी किस्मत में किस काम के करने से सफलता लिखी है तो वह केवल वही काम करता | पर वास्तिवकता कुछ और है | हमें केवल अपना कर्म पूरी ईमानदारी, लगन, निष्ठा और मेहनत से करते जाना है, सफलता मिलना या मिलना ऊपर वाले पर ही छोड़ दिया जाए तो बेहतर है | अगर असफल हुए तो इसे अपनी किस्मत मान लेना ही काफी नहीं है क्योंकि असफलता केवल यह सिद्ध करती है कि सफलता का प्रयत्न पूरे मन से नहीं हुआ | इसलिए जीवन सफ़र में अपनी निष्ठा एवं प्रयास न छोड़ें और ऊपर वाले पर भरोसा रखें | जो होगा सो अच्छा ही होगा |
2021-11-1805 minKya Keh Diya... by Neeraj Saini2021-11-1302 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya
Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar KarosiyaYaadon Ka Safar | Chhoti Si Baat | Episode -8 | Neeraj Kumar Karosiyaछोटी सी बात के आज के एपिसोड के माध्यम से आप सभी दोस्तों को आपके अपने दोस्त नीरज कुमार का प्यार भरा नमस्कार एवं दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ | एक बार फिर हमेशा की तरह आपके उत्तम स्वास्थ्य व सुखमय जीवन के लिए ईश्वर से मंगलकामना है , आशा है आप अपने परिवार सहित स्वस्थ, कुशल व प्रसन्न होंगे | ज़िन्दगी के तानों-बानों और खुशियों की ख्वाहिश से जुड़ी मेरी श्रंखला “छोटी सी बात” के आठवें एपिसोड में आपका स्वागत है | मेरे पिछले सभी एपिसोड्स को आपने पसंद किया जिसके लिए आपका दिल से शुक्रिया | छोटी सी बात की जितनी भी बातें मैं आपसे शेयर करता हूँ वे सभी आपके और हमारे आस-पास की छोटी-छोटी घटनाएँ होती हैं जिनसे मैं एवं आप सभी कहीं न कहीं जुड़े हुए हैं या फिर हमें हमारे लोगों द्वारा प्राप्त होती हैं जो कहीं न कहीं हमें सीख दे जाती हैं | दोस्तों, आज मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ 90 के दशक की यादों को | तो इन यादों को सुनिए ज़रूर |
2021-11-0407 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya2021-10-3105 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2908 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya
Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar KarosiyaApni kismat khud likho | Chhoti Si Baat | Episode -6 | Neeraj Kumar Karosiyaज़िन्दगी के तानों-बानों और खुशियों की ख्वाहिश से जुड़ी मेरी श्रंखला “छोटी सी बात” के छटवें एपिसोड में आपका स्वागत है | मेरे पिछले सभी एपिसोड्स को आपने पसंद किया जिसके लिए आपका दिल से शुक्रिया | छोटी सी बात की जितनी भी बातें मैं आपसे शेयर करता हूँ वे सभी आपके और हमारे आस-पास की छोटी-छोटी घटनाएँ होती हैं जो कहीं न कहीं हमें सीख दे जाती हैं | दोस्तों, हर इंसान जीवन में कामयाब होना चाहता है | धन, दौलत, यश-वैभव और सुकून भरी लाइफ हर कोई चाहता है | हम सभी जानते हैं कि कामयाब होने का सबसे बड़ा मन्त्र है “कड़ी मेहनत” | केवल और केवल कड़ी मेहनत और अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर होने से ही हम मंज़िल पा सकते हैं | सामान्य सी बात है कि जो लोग भी जीवन में कामयाब होना चाहते हैं वे कड़ी मेहनत के साथ-साथ जितने भी लोग पहले से कामयाबी हासिल कर चुके हैं उनसे प्रेरणा लेते हैं | उनके जीवन की कहानियाँ सुनते हैं तथा उन कामयाब लोगों ने कैसे सफलता प्राप्त की, ये जानने की कोशिश भी करते हैं |  तो दोस्तों, जीवन के किसी भी पड़ाव पर इन छोटी-छोटी बातों से हम बड़ी सीख ले सकते हैं और आगे भविष्य को सरल व सफल बनाने की कोशिश कर सकते हैं |
2021-10-2808 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2807 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2705 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2611 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya
Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar KarosiyaSafalta Aur Kismat | Chhoti Si Baat | Episode -5 | Neeraj Kumar Karosiyaज़िन्दगी के तानों-बानों और खुशियों की ख्वाहिश से जुड़ी मेरी श्रंखला “छोटी सी बात” के पांचवे एपिसोड में आपका स्वागत है | मेरे पिछले अन्य एपिसोड को आपने पसंद किया जिसके लिए आपका दिल से शुक्रिया | छोटी सी बात की जितनी भी बातें मैं आपसे शेयर करता हूँ वे सभी आपके और हमारे आस-पास की छोटी-छोटी घटनाएँ होती हैं जो कहीं न कहीं हमें सीख दे जाती हैं | मैं जानता हूँ आप सभी मुझसे कहीं ज़्यादा समझदार हैं, पर जब अनुभव से जुड़ी कोई सीख हमें किसी से भी मिले तो उसे भी सुन लेना चाहिए | दोस्तों, आज मैं अपने अनुभव से जुड़ा अपना खुद का एक किस्सा आपसे शेयर कर रहा हूँ जिसमें ये सीखने को मिलता है कि आपको अपना प्रयास करते रहना चाहिए, भले ही पहले प्रयास में या फिर शुरू में आपको सफलता न मिले पर कहीं न आपकी सफलता लिखी रहती है | एक तरह से हम सफलता का नहीं बल्कि सफलता हमारा खुद इंतज़ार करती है, केवल हम उसे देख नहीं पाते या फिर हार-थक कर सफ़र बीच में ही छोड़ देते हैं | आपसे अनुरोध है कि मेरी इस कहानी को अंत तक ज़रूर सुनें, तभी आपको सार समझ आएगा |
2021-10-2509 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2506 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2506 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2512 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2405 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2403 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2409 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya2021-10-2306 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2309 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2303 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2308 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2307 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya2021-10-2005 minNAFA by Neeraj Kumar2021-10-2045 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya
Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar KarosiyaKhushiyona ka Taana-Baana | Chhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiyaदोस्तों नमस्कार, प्रणाम | मेरी श्रंखला “छोटी सी बात” के दूसरे भाग में आपका स्वागत है |  आशा है आप सभी स्वस्थ, कुशल व प्रसन्न होंगे |  प्रसन्नता पर याद आया कि ये प्रसन्नता या ख़ुशहाली आती कहाँ से हैं ? क्या हम प्रसन्नता खरीद सकते हैं फसलों की तरह उगा सकते हैं | अब आप सबकी राय इस विषय पर अलग-अलग होगी ऐसा मुझे मालूम है | किसी के पास अथाह पैसा है जिससे उसे लगता है कि वह पैसे के बल पर खुशियाँ खरीद सकता है | किसी के पास बाहूबल है, तो उसे भी लगता है कि वह भी खुशियाँ खरीद सकता है | पर इसका सही जवाब क्या है ?? तो चलिए अपनी कुछ “छोटी सी बात आपसे शेयर करता हूँ | जुड़े रहिये मेरे साथ और सुनिए मेरी "छोटी सी बात"
2021-10-1805 minChhoti Si Baat | Neeraj Kumar Karosiya2021-10-1504 minVaad2021-09-041h 30Neeraj Kumar\'s podcast2021-08-2400 minNeeraj Kumar\'s podcast2021-08-2400 minNeeraj Kumar\'s podcast2021-08-2400 minNeeraj Kumar\'s podcast2021-08-2400 minNeeraj Kumar\'s podcast2021-08-2400 minNeeraj Kumar\'s podcast2021-08-2400 minNeeraj Kumar\'s podcast2021-08-2400 minNeeraj Kumar\'s podcast2021-08-2300 minNeeraj Kumar\'s podcast2021-08-2300 minPari & Papa2021-08-2110 minThe Relearning Podcast2021-07-1656 minCatch The Train-er \2021-05-2004 minCatch The Train-er \2021-05-1606 minCatch The Train-er \2021-05-1600 minDil Diyan Gallaan2021-03-2904 minCatch The Train-er \2020-12-2704 minOn The Record2020-09-2123 minCatch The Train-er \2020-09-0910 minCatch The Train-er \2020-09-0506 minStop Coding Automation Podcast2020-08-2925 minStop Coding Automation Podcast2020-08-2925 minFootball Twaddle2020-08-2733 minValley of Words - VoW Connect2020-07-2532 minKya Keh Diya... by Neeraj Saini2020-07-2001 minKya Keh Diya... by Neeraj Saini2020-07-0802 minKya Keh Diya... by Neeraj Saini2020-06-3002 minMANAN FM2020-06-1203 minStop Coding Automation Podcast2020-06-0423 minStop Coding Automation Podcast2020-06-0423 minCalm Balm2020-05-3102 minNAFA by Neeraj Kumar2020-03-3038 minBrand Architect2015-03-0200 minYour Call2012-07-1533 min