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Ritika Tiwari

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Public Health SPOTlight PodcastPublic Health SPOTlight PodcastBuilding a public health career across three continents and the importance of a strong support network, with Public Health Lecturer and Researcher, Ritika TiwariTell us what you thought of this episode - send us a text!In this episode, Sujani sits down with Ritika Tiwari, a lecturer in Public Health at the University of Greenwich. They discuss Ritika’s education and career journey, her research interests, and her work in various countries around the world.You’ll LearnRitika’s education journey and what pushed her into the field of public healthRitika’s work and research in various areas of the worldHow Ritika’s background in business management...2022-10-1240 minChalte Chalte with RitikaChalte Chalte with RitikaEpisode 50 राशन नहीं, घर नहीं, पर हौसला बरकरार हैHere’s an episode that will keep you waiting for the next one. Tune in now! Chamraee gaon ka safar jaari hai https://youtu.be/2NZvmui98OE2022-06-1113 minChalte Chalte with RitikaChalte Chalte with RitikaSeason 2 Episode 6 Basant Bahaarबसन्त पंचमी के पावन अवसर पर सुनिए बसंत बहार RJ Ritika के साथ 5 February 09.30pm India50plus radio @livehttp://www.india50plusradio.com   Radio Or download the app https://play.google.com/store/apps/details?id=com.vpapps.indiaradio2022-02-0526 minChalte Chalte with RitikaChalte Chalte with RitikaSeason 2 Episode 1 Umra ka Vo sunhara daurChalte chalte with Ritika season 2 episode 1 @india 50 radio2022-01-0932 minChalte Chalte with RitikaChalte Chalte with RitikaEpisode 31 khwaahishon ke SantaChalte chalte with Ritika Christmas spl2021-12-2432 minChalte Chalte with RitikaChalte Chalte with RitikaEpisode 19: Gandhi ki YatraGandhi jayanti special... Connect with me @twitter @ritika tiwari 102021-10-0113 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaग्रामीणों से राम की भेंटसुतीक्ष्ण मुनि के आश्रम में जाते समय राम की वहां के ग्रामीणों से भेंट हुई उन्होंने राम को अपने गांव में आमंत्रित किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2021-09-3016 minChalte Chalte with RitikaChalte Chalte with RitikaEpisode 16 Madhubala splTwitter . @ritikatiwari10 Chalte Chalte with Ritika2021-09-1823 minChalte Chalte with RitikaChalte Chalte with RitikaEpisode 14 Safarnama 2 with Arjun Lama#Chalte Chalte with Ritika2021-09-1138 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaधर्मभृत्य का आगमन 90विराध का अंत करके राम लक्ष्मण सीता और मुखर सुतीक्ष्ण मुनि के आश्रम को जाने लगे तभी रास्ते में उनका परिचय मुनि धर्मभृत्य से हुआ। किस्से उन्हें उस स्थान की पूरी जानकारी मिली। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2021-08-2713 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaविराध का अंत 89अत्रि ऋषि के आश्रम से दंडक वन की ओर निकलने के बाद रास्ते में राम ,सीता और लक्ष्मण का सामना राक्षस विराध से हुआ ।जिसने सीता को पकड़ लिया था पर राम के पराक्रम के आगे वो अधित देर तक टिक नहीं सका। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2021-07-0912 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaऋषि शरभंग द्वारा आत्मदाह 88ऋषि शरभंग ने राक्षसों से तंग आकर आत्मदाह कर लिया था वो अंतिम समय तक राम की राह देख रहे थे । --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2021-07-0811 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम द्वारा आगे की योजना बनाना -87राम ने आगे की योजना बनाते हुए ये तय किया कि वह ब्रह्मचारियो को प्रशिक्षित करके आगे दंडक वन की ओर बढ़ जाएंगे।अब पीड़ितों को स्वयं ही राक्ष्सों का सामना करना होगा। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2021-06-0213 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaकालकाचार्य की विदाई -86भारी मन से कुलपति कालकाचार्य विदा हो रहे थे।वे जानते थे वे गलत है पर वह अपना स्वभाव भी जानते थे। उन्होंने राम से ब्रह्मचारियो की रक्षा करने का आग्रह किया और विदा हो गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2021-05-2611 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaब्रह्मचारियो का राम का साथ -85कालकाचार्या के शिष्यों ने राक्षसों से डर कर भागने के स्थान पर राम के साथ रहकर राक्षसों का सामना करने का निर्णय लिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2021-05-2111 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaकालकाचार्य के सम्मुख विरोध के स्वर - 84कुलपति कालकाचार्य ने ब्रह्मचारियों की दुर्दश देखकर ये फैसला लिया की वे सब राम से दूर अपना आश्रम बनाएंगे ताकि राक्षस उन्हें तंग न कर सकें पर ब्रह्मचारियों ने बदला लेने का फैसला किया --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2021-05-0715 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराक्षसों द्वारा आश्रम वासियों को बंदी बनाना-83राम के जंगल में आ जाने से राक्षस बहुत कुपित थे। उन्होंने जंगल में आतंक मचाना शुरू कर दिया था। कई ऋषि मुनियों को जान से हाथ धोना पड़ा। इसी क्रम में जंगल में लकड़ी काट रहे ब्रह्मचारियों के एक समूह को राक्षसों ने बंदी बना लिया ओर अपने ठिकाने पर ले गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2021-02-1514 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराक्षसों का आतंक -82राम के मित्र चेतन ने भरत के सेना और माताओं के साथ आश्रम आने का समाचार सुनाया जिसे सुनकर लक्ष्मण थोड़ा चिंतित भी हो गए । दूसरी तरफ एक आश्रमवासी अश्विनी जो कि लक्ष्मण से धनुष का प्रशिक्षण ले रहा था राक्षस का शिकार बन गया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2021-01-2813 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaदुष्ट आगंतुक-81आश्रम में राम और लक्ष्मण को न पाकर इन्द्र पुत्र जयंत, सीता पर झपट पड़ा।सीता ने बहादुरी से उसका सामना किया।तक तक राम स्वय वहां पहुंच गए और उन्होंने जयंत की एक आँख बेंध दी।दर्द से कराहता वो आश्रम की सीमा से बाहर भाग गया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2021-01-2114 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaमुखर की बदले की भावना-80इस पूरे घटनाक्रम से मुखर के अंदर दबी राक्षसों से बदले की भावना जाग उठी।लेकिन राम ने उसे उचित समय आने चोट करने की सलाह दी। उधर सीता और सुमेधा धीरे धीरे सामान्य जीवन की ओर अग्रसर हो गए थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-10-1500 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaसुमेधा और झींगुर की वापसी-79तुंभरण को बन्दी बनाकर उसे सीमा से बाहर कर दिया गया। राक्षसों का बुरा हाल देखकर गांव वालों में हिम्मत आ गई। वो सब झींगुर और सुमेधा के साथ राम के आश्रम में पहुंचे।राम को धन्यवाद दिया और आगे का मोर्चा स्वयं संभालने को तैयार हो गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-09-0513 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaतुंभरण और उदघोष का सामना-78राक्षसों ने रात में मौका पाकर राम के आश्रम के द्वार पर आग लगा दी पर राम अपने साथियों के साथ सचेत थे।सभी ने मिलकर राक्षसों पर तीर बरसाने शुरू कर दिए। तुंभरण को बंदी बना लिया गया।वो राम के सामने डर से घिघियाने लगा।राम ने तुंभरण को उदघोष के साथ द्वंद युद्ध करने के लिए ललकारा। पर तुंभरण उदघोष का साहस देखकर डर गया। राम ने उदघोष से तुंभरण को आश्रम की सीमा से खदेड़ने का आदेश दिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-09-0111 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराक्षसों से लड़ने की तैयारी-77राक्षसों को कुंभकार के गांव से भागने का समाचार मिल गया था।अब वो राम के आश्रम पर चढ़ाई की योजना बना रहे थे। इधर राम ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली थी। उन्होंने लक्ष्मण और उदघोष को रात में पहरे के लिए नियुक्त किया था।वे दोनों ही कवच धारण कर के अपने धनुष बाण लेकर पेड़ पर पहरा देने लगे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-08-1910 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaपिता दशरथ के देहावसान का समाचार-76सुमेधा के चले जाने से उदघोष बहुत विचलित था, पर राम ने उदघोष को ढांढस बंधाया और उसमे उत्साह का संचार किया। और उसकी शास्त्र शिक्षा शुरू कर दी।उसी शाम वाल्मीकि आश्रम से चेतन आया जो ऋषि भारद्वाज का संदेश लाया था। और इस तरह उसने राम को पिता दशरथ की मृत्यु का दुखद समाचार सुनाया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-08-1411 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaउदघोष की हताशा-75उस रात भोजन के पश्चात उदघोष, सुमेधा और झींगुर आश्रम में ही रुके। पर दूसरे दिन सुबह झींगुर और सुमेधा आश्रम से गायब थे। पहले तो उदघोष को लगा कि राक्षस उन दोनों को बलात उठा कर ले गए पर अतिथिशाला में किसी भी तरह के विरोध के चिन्ह न दिखने के कारण उदघोष ने ये अनुमान लगाया कि दोनों अपनी इच्छा से आश्रम छोड़ कर गांव वापस भाग गए हैं। उदघोष बहुत दुखी और हताश था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-08-1110 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaकुंभकार का साहस- 74कुंभकार राम का शस्त्रागार देखकर चकित रह गया। राम ने उसे हिम्मत बंधाई। वो वापस लौटकर सुमेधा और उसके पिता झींगुर को साथ ले आया। और इस तरह कुंभकार अपने प्रति हो रहे अत्याचार के ख़िलाफ़ खड़ा हो गया और शास्त्र शिक्षा सीखने का निश्चय कर लिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-08-0714 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaमुखर की कथा- 73मुखर ने बताया कि किस प्रकार राक्षसों ने उसके पूरे परिवार का अंत कर दिया। उसने राम से शस्त्राभ्यास सीखने की प्रार्थना की। जिसे राम ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इसी बीच सुमेधा द्वारा भेजा गया कुंभकार भी राम से मिला और अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के विषय में बताया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-07-2314 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaवन में जनसामान्य से राम का परिचय -72सुमेधा नामक भील कन्या ने सीता को वन में चल रही दास प्रथा के बारे में बताया। और उधर राम ऋषि कालकाचार्य से मिले जो राक्षसों से भयभीत थे। इसी बीच वाल्मिकी आश्रम से मुखर राम से मिलने आए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-07-2117 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaमंदाकिनी नदी के तीरे-71राम,लक्ष्मण और सीता मंदाकिनी नदी के पास ही अपने कुटीर में रहने लगे। इसी बीच सीता की भेंट सुमेधा नाम की एक भील कन्या से हुई।इधर राम भी आसपास की जगह में रहने वालों के विषय में जानने को उत्सुक थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-07-0414 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaनए कुटीर में प्रवेश-70लक्ष्मण द्वारा तीन कुटीर बनकर तैयार हो गए। एक राम और सीता के लिए था, दूसरा लक्ष्मण के लिए, और तीसरा कुटीर इन दोनों कुटीरों के बीच में था जिसे शस्त्रागार बनाया गया था। राम सीता और लक्ष्मण ने अपने नए कुटीर में प्रवेश किया और इस तरह अपना वनवासी जीवन आरंभ किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-06-3015 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaचित्रकूट में बसेरा -69राम ने चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे अपना आश्रम बनाने का निश्चय किया। लक्ष्मण को कुटिया तैयार करने का दायित्व सौंपा गया था।सब मिलकर जंगल से लकड़ी काटने में लग गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-06-2812 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम का चित्रकूट आगमन -68राम भारद्वाज आश्रम से चलकर ,लक्ष्मण, सीता और ऋषि भारद्वाज के कुछ शिष्यों के साथ चित्रकूट पहुंचे जहां ऋषि वाल्मीकि ने उनका स्वागत किया। बातों बातों में राम द्वारा लाये गए शस्त्रों पर चर्चा शुरू हो गई। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-06-2415 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaऋषि भारद्वाज के आश्रम में विश्राम- 67गंगा नदी पार करके राम सीता और लक्ष्मण सहित भारद्वाज ऋषि के आश्रम में पहुँचे।ऋषि ने राम से आगे की यात्रा के विषय में पूछा।राम ने बताया कि वे चित्रकूट जाने की तैयारी में है। ऋषि भारद्वाज ने उन्हें रावण के आतंक से परिचित कराया और रावण के विरोध में लगी टोलियों से परिचित कराया।2020-06-2213 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaगंगा नदी में नाव की यात्रा -66सबसे विदा लेकर राम, लक्ष्मण और सीता के साथ नाव पर सवार होकर गंगा नदी पार कर रहे थे। गंगा नदी के उस पार भारद्वाज ऋषि का आश्रम था। नाव में यात्रा के दौरान सीता को माता कौशल्या की चिंता जाग उठी।और राम भी माँ की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो उठे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-06-1412 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaगुह से विदा -65राम ,लक्ष्मण और सीता ने श्रृंगवेरपुर से गुह,सुमंत्र और बाकी परिजनों से विदा ली और नाव की मदद से गंगा नदी पार करते हुए भारद्वाज आश्रम की और बढ़ गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-06-0812 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaनिषादराज गुह और राम की भेंट -64राम की यात्रा1 अब आगे बढ़ रही थी। वे चलते चलते श्रृंगवेरपुर के पास गंगा नदी के तट पर पहुँच गए थे। वहाँ राम के मित्र निषादराज उनकी प्रतीक्षा1कर रहे थे। राम ने अपने मित्र गुह से भेंट की ।आगे की यात्रा उन्हें वुह की मदद से करनी थी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-06-0414 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaलक्ष्मण और सुमंत्र संवाद-63सरयू नदी से बढ़कर सभी लोग तमसा नदी के तट पर पहुँचे। लक्ष्मण ने राम और सीता के सोने के लिए उचित व्यवस्था की।और पहरा देने के लिए कुछ दूर हटकर खड़े हो गए। तभी सुमंत्र उनके पास आये और उन्होंने राजा दशरथ की शोचनीय अवस्था की ओर अपनी चिंता व्यक्त की। लेकिन लक्ष्मण पिता दशरथ की तरफ से बहुत खिन्न थे. --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-06-0113 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaपिता दशरथ का अंतिम प्रयास -62राम,अयोध्या से विदा लेकर सीता और लक्ष्मण के साथ सरयू नदी के तट पर स्थित त्रिजट के आश्रम में पहुँचे। वहां पहुँचते ही आर्य सुमंत्र अयोध्या से राजा दशरथ का संदेश लेकर आये।वे एक रथ और सीता के लिए कुछ वस्त्राभूषण लाये थे। पर राम और सीता दोनों ने उसे स्वीकार करने से मना कर दिया। पर मंत्री चित्ररथ के समझाने पर सीता ने शवसुर दशरथ द्वारा भेजी गई भेंट स्वीकार कर ली। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-05-2915 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम की अयोध्या से विदाई -61अयोध्या की देख रेख अपने मित्रों और हितैषियों को सौंपकर राम थोड़ा निश्चिंत हो गए। गुरु विश्वामित्र तथा अन्य महात्माओं से मिले दिव्यास्त्र लेकर वे वन जाने हेतु तैयार हो गए। पूरी अयोध्या उन्हें भावभीनी विदाई दी रही थी। अयोध्या वासियों में दुख के साथ साथ गुस्सा भी था।पर वे कुछ भी कर सकने की स्थिति में नही थे।राम,लक्षमण तथा सीता पिता दशरथ से विदा लेने उनके महल में पहुँचे जहाँ कैकयी ने उन्हें वल्कल देकर विदा किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-05-2734 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaलक्ष्मण द्वारा वन साथ चलने की जिद्द -60लक्ष्मण को जब कैकयी के वचनों का पता चला तो वे गुस्से से आग बबूला हो गए।राम ने उन्हें समझाया कि उनका वन जाना कितना आवश्यक है, वे ऐसा करके असल में विश्वामित्र को दिए हुए वचन को पूरा करेंगे। ये सुनकर लक्ष्मण कुछ हद्द तक संतुष्ट हुए और भईया राम के साथ वन जाने को तैयार हो गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-05-2511 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaवनवास जाने हेतु सीता का हठ -59राम ने सीता को वनवास जाने का समाचार दिया।सीता ने बहुत ही सहजता से राम का निर्णय स्वीकार कर लिया और स्वयं भी साथ वन जाने को तैयार हो गई।राम ने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि वो अयोध्या में रहकर भी अपना पत्नी धर्म निभा सकती हैं पर सीता नही मानी, वो हर परिस्थिति में राम के साथ रहना चाहती थीं।अंततः राम को सीता के हठ के आगे झुकना पड़ा। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-05-2013 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaमाता कौशल्या से विदा-58राम वन जाने को उद्दत हो गए पर अभी ये समाचार सभी प्रियजनों को सुनाना बाकी था।राम के लिए ये और भी कठिन परीक्षा की घड़ी थी।उन्होंने सबसे पहले राज्याभिषेक की तैयारियों में जुटीं माता कौशल्या को ये समाचार सुनाया। राम के चौदह वर्षों के लिए वनवास का समाचार सुनकर वो पछाड़ खाकर गिर पड़ी।माता सुमित्रा ने राम को रोकने का बहुत प्रयास किया पर राम कस निर्णय अटल था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-05-1810 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaकैकयी के दो वरदान-57कैकयी ने राम को राजा दशरथ से माँगे गए दो वरदानों के बारे में बताया । पहला राम के स्थान पर भरत का युवराज्यभिषेक और दूसरा राम को तपस्वी वेश मे चौदह वर्ष के लिए वनवास।राम ने सहर्ष ही कैकेयी के कहे अनुसार चौदह वर्षों के लिए वन जाना स्वीकार कर लिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-05-1510 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaकैकयी का रोष-56राम के युवराज्यभिषेक के ठीक पहले राम माता कैकयी के महल में गए।वहाँ पिता दशरथ असहाय अवस्था में पड़े थे।कैकयी दशरथ के प्रति अपना रोष प्रकट कर रहीं थीं ,और सम्राट द्वारा दिये गए दोनों वचन को मांगने की इच्छा प्रकट कर रहीं थीं। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-05-1215 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम के राज्याभिषेक की तैयारियाँ -55पूरा महल राम के राज्याभिषेक की तैयारियों में लगा था।लेकिन दशरथ चिंताग्रस्त थे कि किसी तरह बिना किसी विघ्न के राम का राज्याभिषेक हो जाये।राम पिता की इस चिंता से चिंतित थे। तमाम अटकलों के बाद वो दिन भी आ गया जब राम का अभिषेक होना था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-05-1010 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराज्याभिषेक को लेकर राम का अंतर्द्वंद्व -54दशरथ ने राम को राज्याभिषेक कराने का आदेश दिया क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं इसमे कोई विघ्न आ जाये। राम राज्याभिषेक को लेकर चिंतित थे क्योंकि उन्होने भी विश्वामित्र को वचन दिया था कि वो जंगलों में जाकर मानव कल्याण के कार्यों में अपना योगदान देंगे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-05-0712 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम को राज्याभिषेक की सूचना-53राजा दशरथ ने राम के राज्याभिषेक का निर्णय ले लिया था। उन्होंने गुरु वशिष्ठ द्वारा ये सूचना राम को भिजवाई।राम विस्मित थे कि इस राज्याभिषेक की पूरी गतिविधि को गोपनीय क्यों रखा जा रहा है। इसीलिए उन्होंने पिता दशरथ से मिलने के लिए उनके महल की तरफ प्रस्थान किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-05-0413 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaभरत का अयोध्या से दूर होना -52राजा दशरथ इन दिनों काफी उद्विग्न थे।वे राम के राज्याभिषेक की घोषणा करना चाहते थे और ये तभी संभव था जब भरत अयोध्या से बाहर हों। इसी अवसर की तैयारी में लगे थे राजा दशरथ। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-05-0211 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaदशरथ की दुश्चिंता-51दशरथ राम के प्रति विशेष स्नेही थे इसके अलावा राम दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र थे इसलिए दशरथ चाहते थे कि राम को राजपद प्रदान कर दिया जाए पर वो कैकेय नरेश को वचन दे चुके थे कि कैकयी का पुत्र ही दशरथ के बाद राजसिंहासन का उत्तराधिकारी होगा। और यही दुश्चिंता उन्हें खाये जा रही थी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-2909 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaपरशुराम का क्रोध-50राम सीता विवाह के पश्चात बारात अयोध्या की तरफ़ चल पड़ी।तभी वहां परशुराम का आगमन हुआ।वह शिव धनुष तोड़े जाने पर बहुत क्रोधित थे। लक्ष्मण ने उन्हें ललकारा तो वे क्रोधित होकर उन्हें मारने के लिए उधृत हो गए। फिर राम ने उन्हें शांत किया। परशुराम ने वैष्णवी धनुष के परिचालन की शर्त रखी । राम ने बड़ी ही सहजता से उसे भी खंडित कर दिया।परशुराम आश्वस्त होकर वापस लौट गए।और बारात फिर से अयोध्या की तरफ चल पड़ी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-2716 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम सीता विवाह-49शिव धनुष के खंडित होते ही जनक का प्रण पूरा हो गया और राम सीता से विवाह हेतु प्रस्तुत थे। जनक ने राम सीता के शुभ विवाह का समाचार राजा दशरथ को भिजवाया।और राजा दशरथ ने विस्मित होकर राम द्वारा किये गए महान कार्यो के बारे में जाना।वे बारात लेकर जनकपुर पहुँचे।वहाँ राम और सीता का विवाह सम्पन्न हुआ। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-2511 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम द्वारा शिव धनुष खंडन-48विश्वामित्र की आज्ञा से राम ने शिव धनुष परिचालन आरम्भ किया।बल और कौशल के सही संतुलन का प्रयोग करके राम ने शिव धनुष को दो खंडो में बांट दिया। जनकपुर के राजप्रासाद में बैठे सभी लोग इस अभूतपूर्व प्रदर्शन के साक्षी थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-2315 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaजनक दुलारी सीता-47राजा सीरध्वज जनक ने सीता की इच्छा जानने की कोशिश की। राम के विषय में सीता ने काफी कुछ सुन रखा था।राम एक आदर्श पुरुष थे।परंतु सीता राम को साक्षात देखे बिना कोई भी फैसला नही करना चाहती थी।विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण राजमहल में आये। सीता ने राम को देखा और जनक को अपनी मौन स्वीकृति दे दी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-2109 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaसीरध्वज का राम से परिचय-46राजा सीरध्वज और शतानंद राम से मिलने वाटिका पहुँचे।राम को देखकर सीरध्वज के मन में लालसा उपजी कि ऐसा ही वर तो वो अपनी पुत्री के लिए खोज रहे थे। शतानंद राम के प्रति कृतज्ञ थे कि उन्होंने उनकी माँ अहिल्या को सामाजिक मान्यता और सम्मान दिलाया था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-1911 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम का फ़ैसला-45गुरु विश्वामित्र ने राम का सीता के साथ विवाह का फ़ैसला स्वयं राम पर ही डाल दिया था।राम ने बहुत सोच विचार कर सीता से विवाह करने का निर्णय ले लिया था पर अभी भी दो बातों पर उनका ध्यान अटका था पहली थी सीता की इच्छा और दूसरी शिव धनुष का परिचालन। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-1715 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम का जनकपुर में प्रवेश-44राम द्वारा अहिल्या में जीवन फूंकने के बाद गुरु विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को लेकर जनकपुरी पहुँचे।राज्य सीमा के पास ही गुरु ने शिविर लगवाया।राम को जिज्ञासा थी कि आखिर गुरु उन्हें जनकपुरी क्यों लाये हैं तब गुरु ने राम को सीरध्वज की पुत्री सीता के विषय में बताया, कि किस तरह राम और सीता का विवाह अयोध्या और जनकपुरी दोनों राज्यों के साथ साथ पूरे आर्यावर्त के लिए श्रेयस्कर होगा। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-1514 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम द्वारा शिलावत् अहिल्या में प्राण फूंकना -43राम के अहिल्या की कुटिया में आने भर का मतलब था कि राम ने पूरे आर्यवर्त के बंधनों को तोड़ कर अहिल्या को सामाजिक मान्यता एवं सम्मान दिला दिया था। अहिल्या राम के आगमन से खुशी से फूली नही समा रही थी। उसका आत्मविश्वास और सम्मान अब उसे वापस मिल गया था।वो अपने पुत्र और पति से मिलने के लिए अब स्वतंत्र थी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-1314 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaअहिल्या की मुक्ति -42राम समझ गए थे कि गुरु विश्वामित्र द्वारा अहिल्या की कथा सुनाने का कोई मतलब ज़रूर है। अहिल्या के उस वीरान से आश्रम में विश्वामित्र के साथ दो राजसी युवकों को देखकर अहिल्या को उत्सुकता हुई कि आख़िर इतने वर्षों के बाद उसके कुटीर में कौन और क्यों आया है। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-1212 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaकुलपति गौतम द्वारा इंद्र को श्राप-41गौतम नए आश्रम के कुलपति बन गए।लेकिन वो अहिल्या को छोड़ कर आने से दुखी भी थे। यज्ञ के उपरांत ही गौतम ने इंद्र को श्राप दे दिया कि अब इंद्र पूज्यनीय नही होंगे। राजा सीरध्वज ने उनके इस श्राप को कार्यान्वित करने का आश्वासन भी दिया। राम और लक्ष्मण दोनों ही अहल्या के एकाकी जीवन जीने से बहुत आहत थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-1113 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaएकाकी अहिल्या -40अंततः अहिल्या ने गौतम को जनकपुरी जाने के लिए मना लिया।न चाहते हुए भी गौतम को अहिल्या को छोड़कर जाना ही पड़ा। ऐसा होने के बाद अहिल्या आश्रम में अकेली रह गई पर इंद्र से प्रतिशोध लेना उसके अकेले रह जाने से कहीं अधिक आवश्यक था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-1014 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaसदानीरा का आगमन-39जनकपुरी से सदानीरा गौतम ऋषि के आश्रम आई। वो वास्तव में अपने पति आचार्य ज्ञानप्रिय का संदेश लाई थी। नया आश्रम तो बन गया था पर नए कुलपति की नियुक्ति नही हो पा रही थी क्योंकि राजा सीरध्वज गौतम के अलावा अन्य किसी को भी कुलपति के रूप में स्वीकार नहीं कर पा रहे थे।पर गौतम ने मना करते हुए कहा कि वो अहिल्या को छोड़कर नही का सकते थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-0913 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaगौतम की महत्वाकांक्षा -38गौतम ने अहिल्या को अपनी महत्वकांक्षा के बारे में बताया कि कैसे वो शुरु से ही सर्वश्रेष्ठ ऋषि बनने की आकांक्षा रखते थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-0713 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaअहिल्या का अंतर्द्वंद्व-37गौतम ऋषि का पूरा आश्रम खाली हो गया था। गौतम अब आश्रम के कुलपति नही रह गए थे वो अब साधारण गृहस्थ मात्र थे। अहिल्या इस पूरी स्थिति के लिए स्वयं को ज़िम्मेदार मान रही थी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-0615 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaअहिल्या का संताप-36अहिल्या स्वयं को पतित मान बैठी थी।उसे चिंता थी कि अब वह ऋषि गौतम की पत्नी और शत की माँ कहलाने के योग्य नहीं रही।उधर ऋषि गौतम भी इसी उहापोह में थे कि वो इंद्र से कैसे प्रतिशोध लें। क्योंकि इंद्र से प्रतिशोध लेने के लिए उन्हें ऋषि पद पर रहना जरूरी है और उनका ऋषि पद तभी बना रह सकता था जब वे अहिल्या का त्याग कर दें।जो उनके लिए बहुत कठिन था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-0511 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaअवसरवादी अमितलाभ -35समस्त ऋषि समुदाय अहिल्या को दोषी मान चुका था। इस सुअवसर का लाभ उठाते हुए उपकुलपति अमितलाभ ने ऋषि समुदाय को एकत्रित किया और आश्रम के भ्रष्ट होने की बात कही और एक नया आश्रम बनाने का प्रस्ताव दिया। जिसके कुलपति या तो गौतम होंगे या वो स्वयं।गौतम तभी कुलपति रह पाएंगे जब वो अहिल्या का त्याग कर देंगे,जिसकी आशा अमितलाभ को कम ही थी और ऐसे में अमितलाभ के कुलपति बनने की संभावना निश्चित थी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-0412 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaविश्वामित्र की आत्मग्लानि -34गौतम ने देवराज इंद्र को अहिल्या के दोषी ठहराते हुए ऋषि समाज से न्याय की गुहार लगाई परंतु किसी मे भी इंद्र को दंडित करने का साहस नहीं था। स्वयं विश्वामित्र भी वहाँ उपस्थित थे पर उन्होंने भी इंद्र के विरुद्ध कुछ नहीं कहा। इस बात ग्लानि उन्हें वर्षों से कोंच रही थी। उन्होंने उस समय कुछ न कर पाने का अपराध राम लक्ष्मण के सम्मुख स्वीकार किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-0314 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaइंद्र का प्रतिकार- 33इंद्र गौतम ऋषि के कुटीर से निकलते समय सारा दोष अहिल्या पर लगा गया। गौतम पूरी तरह से टूट चुके थे, पर उन्हें अपनी पत्नी अहिल्या पर पूरा विश्वास था।उन्होंने इंद्र का प्रतिकार करने का संकल्प लिया।2020-04-0211 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaइंद्र का दुःसाहस -32इंद्र का पूरा ध्यान अहिल्या को प्राप्त करने में लगा था।वो किसी तरह से भी उसे प्राप्त करना चाहता था।वो जानता था कि अहल्या कभी स्वयं उसके पास नही आएगी। उसने मौका पाकर गौतम के आश्रम में प्रवेश किया और अहिल्या को कीलित कर दिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-04-0114 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaगौतम और अहिल्या के बीच का संतुलन -31विश्वामित्र ने बातों ही बातों में राम को भविष्य के लक्ष्य की ओर आगाह कर दिया था।साथ ही ये भी चेता दिया था कि अपनी धर्मपत्नी का चुनाव करते समय वो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि वो राम के लक्ष्य पूर्ति मे कहीं बाधा न बने इधर ज्वर से पीड़ित शत बड़ी मुश्किल से सोया था।चूंकि गौतम भी बहुत थके हुए थे इसलिये वो चाहते हुए भी अहिल्या की सहायता नही कर पा रहे थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-3112 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaऋषि गौतम की व्यस्तता-30आश्रम में अधिवेशन ज़ोरों शोरों से चल रहा था।अमितलाभ इंद्र से अपमानित होकर राजा सीरध्वज के पास चला गया।उन्होंने भी उसकी मंशा जानकर उसे जाने का आदेश दे दिया था। इधर1अधिवेशन के दिन भर के कार्यो से फुरसत पाकर ऋषि गौतम अपने कुटीर में वापस आ गए थे। आज अहिल्या कुछ उदास थी।सहाय इंद्र वाली घटना से बहुत आहत थी पर उसने दिनभर बड़ी ही सजगता और समझदारी से अधिवेशन के सारे कार्य सम्पन्न किये थे।पुत्र शत को हल्का ज्वर भी था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-3013 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaइंद्र का आगमन-29गौतम ऋषि के आश्रम में देवराज इंद्र का आगमन हुआ। इंद्र को आश्रम में चल रही ज्ञान की गोष्ठियों में कोई रुचि नहीं थी। उसका सारा ध्यान ऋषि गौतम की पत्नी अहिल्या पर टिक गया था। उसने आश्रम की गरिमा को ताक पर रखते हुए अहिल्या के प्रति अपनी रुचि प्रदर्शित कर दी थी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-2915 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaऋषि गौतम और अहिल्या की कहानी -28विश्वामित्र राम और लक्ष्मण के साथ सिद्धाश्रम छोड़ चुके थे। उन्होंने रास्ते में ऋषि गौतम और अहिल्या की कथा आरम्भ की। गौतम ऋषि के आश्रम में सात दिवसीय सम्मेलन आयोजित हो रहा था।जिसमे मिथिला के राजा सीरध्वज आये थे।सीरध्वज ने ही देवराज इंद्र को भी आमंत्रित किया था। पूरा आश्रम इंद्र के स्वागत की तैयारी में लगा था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-2811 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaसिद्धाश्रम से विदाई-27वनजा और बाकी अपह्रत स्त्रियों को गगन को सौंप कर विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण के साथ आगे की यात्रा शुरु की। सभी आश्रम वासियों ने भारी मन से उन्हें विदा किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-2715 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaविश्वामित्र का आश्रम मोह-26राक्षस शिविर में अब कोई राक्षस नही था ,पर विश्वामित्र की यात्रा रुक नही सकती थी।उन्हें अब सिद्धाश्रम से आगे की यात्रा करनी ही थी।उन्हें उन अपह्रत युवतियों की चिंता थी कि अब उनका क्या होगा।उन्हें कोई समाज स्वीकार नही करेगा।तो राम ने ये सुझाव दिया कि क्यूं न गगन को इन युवतियों का अभिभावक नियुक्त कर दिया जाए।गुरु अब चिंतामुक्त हो गए थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-2614 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराक्षस शिविर -25राम आश्रमवासियों और ग्रामवासियों के साथ राक्षसों के शिविर की तरफ चल दिए। राक्षसों का कहीं कोई चिन्ह नही दिखा।पूरा शिविर खाली था। गगन को शिविर से चार बंधक स्त्रियाँ मिली जो राक्षसों द्ववारा बन्दी बना ली गई थी।राम के मन क्षोभ से भर गया। उन्होंने उन युवतियों को लक्ष्मण के साथ सिद्धाश्रम भेज दिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-2411 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम की दंडनीति-24राम ने बहुलाशव को मृत्यु के घाट उतार दिया था।और उप सेनानायक पृथुसेन को अयोध्या का सेनानायक नियुक्त कर दिया।गगन ने समाचार दिया कि मारीच घायलावस्था में दक्षिण की तरफ भाग गया था। राम का अगला पड़ाव अब ताड़कावन में रहने वाले राक्षस थे।अब उनका अंत ज़रूरी था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-2313 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम द्वारा बहुलाशव वध-23देवप्रिय को निषादों द्वारा बंदी बनाने का समाचार उसके पिता सेनानायक बहुलाशव को मिल चुका था।वो अपनी सेना के साथ सिद्धाश्रम आया और राम से देवप्रिय को छोड़ने की मांग की। पर राम ने गहन के परिवार पर होने वाले अत्याचार की बात कही और देवप्रिय को मृत्युदंड की बात कही तो बहुलाशव ने क्रोध से अपनी खड्ग निकाल ली। और राम ने बहुलाशव को अपने तीर से बेध डाला। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-2210 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaदेवप्रिय को मृत्यु दंड-22राम द्वारा सुबाहु वध के पश्चात आश्रम में खुशी की लहर दौड़ उठी।गुरु विश्वमित्र का यज्ञ निर्विघ्न रूप से सम्पन्न हो गया था।गहन के पुत्र देवप्रिय को बंदी बना कर ले आये थे। वे न्याय चाहते थे।गुरु ने न्याय का भार राम को सौंप दिया।राम ने गहन के परिवार के साथ अन्याय की सज़ा देवप्रिय को मृत्यु दंड के रूप में दी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-2108 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaसुबाहु वध -21राक्षसों ने आश्रम में घुस कर धावा बोल दिया। मारीच ने यज्ञ को अपवित्र करने के लिए मांस का एक टुकड़ा यज्ञ वेदी की और फेंका और राम पर झपट पड़ा।किन्तु राम ने तत्परता से अपने बाण द्वारा मांस के टुकड़े को यज्ञ में गिरने से रोक लिया और अगले ही पल शीतेषु नामक बाण द्वारा मारीच को घायल कर दिया।उधर सुबाहु भी राम पर झपटा ।राम ने अपने आग्नेय बाण के प्रयोग से सुबाहु को मार गिराया। तब तक लक्ष्मण ने बाकी की राक्षसी सेना को खदेड़ दिया था।आश्रमवासी पूरी बहादुरी के साथ राक्षसों को डूड तक खदेड़ने में सफल रहे।और इस तरह गुरु का यज्ञ सफल हो गया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-1910 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaसिद्धाश्रम में यज्ञ-20राम ,लक्ष्मण के आने से सभी आश्रमवासियों में एक नए उत्साह का संचार हो गया था। सभी बड़ी व्यग्रता से राक्षसों का इंतज़ार कर रहे थे। सुबह गुरु विश्वामित्र ने यज्ञ आरम्भ किया। राम को सूचना मिली कि राक्षस अपने शिविर से निकल कर आश्रम की तरफ आ रहे थे।राम लक्ष्मण के साथ बाकी आश्रमवासी सतर्क हो गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-1810 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaआश्रमवासियों का आत्मविश्वास-19ताड़का का वध करने के पश्चात राम लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के साथ सिद्धाश्रम पहुँचे। राम की शौर्य गाथा आश्रम तक पहुंच चुकी थी।अब सारे आश्रमवासियों में एक नया उत्साह और आत्मविश्वास का जन्म हो चुका था। सभी राक्षसों के विरुद्ध युद्ध1के लिए अब तत्पर हो गए थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-1710 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaसिद्धाश्रम-18राक्षसों के विरुद्ध युद्व का आगाज़ हो गया था । राम ने ताड़का का वध कर दिया,पर गुरु विश्वामित्र अब भी किसी डर से ग्रसित थे।क्योंकि अभी तो युद्व की शुरुआत हुई थी। आगे की रणनीति गुरु ने तैयार की। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-1512 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम द्वारा ताड़का वध -17राम ने अपने दिव्यास्त्र से ताड़का का वध कर दिया और इस तरह राम ने अन्याय के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-1413 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaताड़कावन में राम का प्रवेश -16गुरु विश्वामित्र ने राम को कई दिव्यास्त्र दिए।ताकि वो राक्षसों का सामना कर सकें। अब राम ,लक्ष्मण और गुरु विश्वामित्र ने ताड़कावन में प्रवेश किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-1312 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम की प्रतिज्ञा -15गुरु विश्वामित्र को राम ने ये वचन दिया कि वो स्वयं जगह जगह जाकर अन्याय का समूल नाश करेंगे और पूरे आर्यावर्त को रावण के आतंक से मुक्ति दिलाएंगे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-1214 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaदिव्यास्त्रों पर चर्चा -14विश्वमित्र ने राम लक्ष्मण के साथ अपनी यात्रा आगे बढ़ाई।अब वो गंगा नदी पार करके सिद्धाश्रम पहुंचने की राह पर थे। रास्ते में विश्वामित्र ने दिव्यास्त्रों के विषय में बात की। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-1112 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम की परीक्षा- 13गुरु वशिष्ठ ने राम लक्ष्मण के साथ आगे की यात्रा पैदल ही शुरू कर दी। वे सरयू के तट पर विश्राम हेतु रुके। फिर उन्होंने राम को पूरे आर्यावर्त में फैले रावण के अत्याचार से परिचित कराया।राम ने भी धैर्यपूर्वक उनकी बातें सुनी और उनपर उचित प्रतिक्रिया दी। राम ने ये प्रण लिया कि वो रावण के अत्याचारों से समाज को मुक्ति दिलाएंगे।गुरु वशिष्ठ अब राम के प्रति आश्वस्त हो गए थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-0914 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaराम की यात्रा का आरंभ - 12पिता दशरथ और माँ कौशल्या के न चाहते हुए भी राम ने अनुज लक्ष्मण और गुरू विश्वामित्र के साथ अपनी विजय यात्रा का आरंभ किया। इस दौरान राम ने विश्वामित्र से अपनी मनोदशा की चर्चा भी की। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-0613 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaमाँ कौशल्या का डर-11माँ कौशल्या के मन में ये डर था कि राम राक्षसों का सामना कैसे करेंगे। कहीं ये रानी कैकेयी की चाल तो नही थी कि राम को जंगल भेजकर राक्षसों का ग्रास बना दिया जाए और फिर भरत के लिए उत्तराधिकारी पद का रास्ता साफ हो जाये। #ramkatha by Ritika #ramkatha --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-0512 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaकौशल्या नंदन राम-10गुरु वशिष्ठ विश्वामित्र को राम सौंप चुके थे।राजा दशरथ पुत्र मोह के कारण दुखी थे।कौशल्या ने जब ये समाचार सुना तो वो आशंका से घिर गई।कौशल्या राजा दशरथ की ज्येष्ठ पत्नी ज़रूर थीं पर उनकी प्रेमिका नही बन पाई थीं , पर वो रघुकुल के उत्तराधिकारी राम की माँ ज़रूर थीं। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-0311 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaविश्वामित्र द्वारा दशरथ से राम को माँगना -9अयोध्या पहुँच कर विश्वामित्र ने रावण से सुरक्षा हेतु दशरथ से राम को मांगा । दशरथ पुत्र मोह के कारण राम को विश्वामित्र को नही सौंपना चाहते थे।पर गुरु वशिष्ठ ने विश्वामित्र को, राम को सौपने का आश्वासन दिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-0211 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaविश्वामित्र की अयोध्या यात्रा -8आर्यावर्त्त को राक्षसों के आतंक से बचाने के लिए विश्वामित्र ने अयोध्या जाने का फ़ैसला किया। वे सम्राट दशरथ से मिले और उनसे सहायता का वचन लिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-03-0110 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaविश्वामित्र का फ़ैसला-7विश्वामित्र ने पूरे आर्यावर्त पर मंडरा रहे राक्षसो के खतरे को भांप लिया था।अब कोई न कोई उपाय तो ज़रूरी था।ऐसी स्थिति में विश्वामित्र ने अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट दशरथ से मिलने का फ़ैसला किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-02-2911 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaजम्बूद्वीप पर मंडराता खतरा-6गहन की घटना सुनकर विश्वामित्र और अधिक व्याकुल हो उठे।अब उन्हें सम्पूर्ण जम्बूद्वीप पर मंडराता खतरा साफ साफ दिखने लगा था। रावण का निरंकुश आतंक धीरे धीरे अब पूरे आर्यावर्त पर छाने लगा था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-02-2811 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaगहन की कहानी -5आर्य युवकों द्वारा गहन जो कि जाति से निषाद था उसके घर की स्त्रियों के साथ अमानवी कृत्य किया गया। जिसे सुनकर विश्वामित्र बहुत आहत हुए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-02-2711 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaरिश्तों में Postivity -4रामकथा हमे बहुत कुछ सिखाती है।खासकर रिश्तों में postivity रखना बहुत ज़रूरी है। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-02-2605 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaआजानुबाहु और विश्वामित्र -3आजानुबाहु आसपास के गाँवो के मुखियों से मिले पर कोई फायदा नही हुआ।सभी राक्षसों से डरते थे। सेनानायक बहुलाश्व भी राक्षसों से ढेर सारे उपहार लेकर शांत बैठा था।ऐसी व्यवस्था देखकर विश्वामित्र का गुस्सा और असहायता और बढ़ गई। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-02-2609 minRamkatha by RitikaRamkatha by Ritikaअसहाय विश्वामित्र -2विश्वामित्र अब थक चुके थे। आश्रमवासियों की सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी थी जिसमें वो स्वयं को असफ़ल महसूस कर रहे थे।अब उन्होंने आजानुबाहु को आदेश दिया कि जंगल में रहनेवाली सभी जातियों के प्रतिनिधियों से मिलकर आश्रमवासियों की सुरक्षा का प्रबंध करें। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app2020-02-2506 min