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Sanskriti Sanskar Srivastava
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Smriti Anil
Kafan
Ghishu aur Madhav chamaro ke kunbe mein rahte the Jo bahut alsi aur kam chor the unke ghar mein koi mahila Nahin thi 1 sal pahle Madhav ki shaadi hone ke bad uski patni mein Uske Ghar ko vyavasthit Kiya lekin jab Uske bachcha Hona tha uski mrutyu prasav vedna se ho gai Uske pati aur sasur ne aalas ke Karan uska dhyan nahin diya Madhav ki patni ki mrutyu ke bad Uske kafan ke liye bhi UN logon ke pass paise Nahin the wo sochte the ki uski patni mar jay jisse unhen mehnat Nahin karni padegi
2021-06-15
10 min
Smriti Anil
रानी सारंधा-भाग९रानी सारंधा के जीवन का अंतिम क्षण
रानी सारंगा का अपने पुत्र छत्रसाल को बादशाह के पास समझौते के लिए भेजना कि वह उसकी प्रजा को नुकसान न पहुंचाए और वह ओरछा छोड़कर चले जाएंगे चंपत राय रानी सारंधा छोड़कर कुछ दसकोशी दूर जाते हैं कि तभी बादशाही सेनाओं का पीछा करते-करते वहां पहुंच जाती है यह देखकर रानी सारंधा बहुत निराश होती हैं परंतु कहते हैं हर निराशा में एक आशा होती है उसे लगता है कहीं ऐसा तो नहीं कि उसके राजकुमारों ने उसके मदद के लिए ओरछा की सेना भेजि हो कुछ दूर चलने के बाद शाही सेना पास आती है तो रानी सारंधा को एहसास हो जाता है कि यह सेना बादशाही है जैसे ही चंपत राय को यह पता चलता है कि बादशाही सेना उनके पास आ पहुंची है तो चंपत राय कहते हैं मुझे मृत्यु दान दे दो सारन यह बात सुन सारन बहुत दुखी होती है परंतु परिस्थिति वर्ष रानी सारंधा को अपने प्राण पति चंपत राय और अपने जीवन का बलिदान देना पड़ता है
2020-10-21
08 min
Smriti Anil
रानी सारंधा- भाग८
इस एपिसोड में यह बताया गया है की, बादशाही सेना ओरछा को चारों तरफ से घेर लेती है।तब रानी सारंधा चंपत राय से कहती है, हमें ओरछा छोड़ देना चाहिए, चंपत राय कहते हैं नहीं हम ओरछा नहीं छोड़ सकते। क्योंकि जिन वीरों ने हमारे लिए अपनी जान का बलिदान किया, उनके परिवार को मझदार में छोड़कर नहीं जाएंगे, तब रानी सारंधा कहती है अगर हम ओरछा छोड़ दें तो, हो सकता है बादशाह इन लोगों को छोड़ देगा या माफ कर देगा लेकिन चंपत राय ओरछा छोड़ने से मना कर देते हैं। फिर रानी सारंधा बोलती हैं अगर बादशाह हमसे यह वादा करें कि वह ओरछा के जन को छोड़ दें तब तो आप ओरछा छोड़ देंगे चंपत राय कहता है लेकिन यह प्रस्ताव बादशाह के पास लेकर जाएगा कौन? रानी सारंधा कहती हैं, हमारा पुत्र "छत्रसाल" हमारा प्रस्ताव बादशाह के सेनापति के पास लेकर जाएगा।
2020-10-16
06 min
Smriti Anil
रानी सारंधा-भाग ७
इस एपिसोड में बताया गया है कि रानी सारंधा जब घोड़े के बदले में अपना मंसब जागीर सब बादशाह के हाथों सौंप कर घोड़ा ले जाती है, यह बात जानकर चंपत राय बहुत दुखी होते हैं और वह वापस ओरछा लौट जाते हैं बादशाह को यह बात दोबारा नहीं होती की रानी सा धंधा उससे उसका घोड़ा ले गई है और वह चंपत राय अर्थात ओरछा में आक्रमण कर देता
2020-10-15
03 min
Smriti Anil
रानी सारंधा-भाग६
उस दिन युद्ध जीतने के बाद रानी सारंधा बादशाह के घोड़े को अपने राज्य में ले आती है,क्योंकि यह घोड़ा चंपत राय को बहुत ही मोहित कर देता है, एक बार युवराज उस घोड़े में सवारी करते-करते आगरा तक पहुंच गए, बादशाह इसी फिराक में बैठा हुआ था और उसने अपने घोड़े को अपने कब्जे में ले लिया जब युवराज बुंदेलखंड लौट के आते हैं रानी सारंधा से अपनी आपबीती बताते हैं रानी सारंधा युवराज से कहती हैं तुम जीते ही क्यों लौट आए क्या तुझमे इतना भी बल नहीं था कि तुम उस घोड़े के लिए युद्ध कर सकते यह कहकर रानी अपने 25 सैनिकों के साथ बादशाह के महल पहुंचती है और फिर घोड़े को वापस पाने के लिए वह अपना राजपाठ सब कुछ दांव में लगाकर घोड़े को वापस ले आती है बादशाह कहता है यह सौदा आपको महंगा न पड़ा एक घोड़े के लिए आप अपना सब कुछ हार रही है रानी सारंधा ने कहा नहीं यह घोड़ा नहीं मेरी आन है और अपनी आन के लिए मैं अपनी जान भी निछावर कर सकती हूं।
2020-10-14
15 min
Smriti Anil
रानी सारंधा-भाग५
इस एपिसोड में बताया गया है कि चंपत राय और रानी सारंधा जब ओरछा पहुंचते हैं, तो ओरछा के भाग जाग जाते हैं और इसी तरीके से दिन बीतने लगते हैं तभी शाहजहां बीमार पड़ते हैं शाहजहां के बीमार पड़ने के बाद उनके शत्रु लोग इसी धाक में बैठे रहते हैं कि कब दिल्ली पर आक्रमण कर सके, शहजादे मुराद और मुहीउद्दीन ने चंपत राय से मदद मांगी, चंपत राय ने रानी सारंधा से पूछा हमें क्या करना चाहिए रानी सारंधा ने कहा हमें उनकी मदद करनी चाहिए, युद्ध हुआ, युद्ध में हार होते देख एक सेना ने हारे हुए युद्ध को जीत में बदल दिया, यह सेना और किसी की नहीं यह सेना रानी सारंधा की थी।
2020-10-10
05 min
Smriti Anil
रानी सारंधा-भाग४
रानी सरंगा के भाग 4 में बताया गया है कि चंपत राय किस तरीके से रानी सारंधा से पूछते हैं तुम इतनी उदास क्यों रहती हो ,ओरछा में ऐसा क्या था जो यहां पर नहीं है,रानी सारंधा चंपत राय से बोलती है कि मैं ओरछा की रानी थी और यहां कि मैं एक चेरी अर्थात काम करने वाले की पत्नी हूं मैं ओरछा में वैसी ही थी जिस तरीके से कौशल्या अयोध्या में,तो भला मैं यहां खुश कैसे रह सकती हूं उसकी यह भावपूर्ण बातें सुनकर चंपत राय भावुक हो जाते हैं और उन्हें अपने मातृभूमि की याद आती है और वह दिल्ली से ओरछा की ओर निकल पड़ते हैं।
2020-10-10
02 min
Smriti Anil
रानी सारंधा-भाग३
नमस्कार दोस्तों आप सब ने इस एपिसोड में यह सुना की रानी सारंधा का विवाह ओरछा के राजा चंपत राय से होता है और चंपत राय बहुत ही वीर पुरुष थे जिनकी वजह से कभी ओरछा में किसी भी मुगल राजा का शासन नहीं हो पाया किन्हीं कारणवश चंपत रायओरछा को अपने भाई को सौंपकर दिल्ली चले गए मुगल साम्राज्य में उन्होंने नौकरी की यह बात रानी सारंधा को पसंद नहीं आई और वह मन ही मन उदास रहने लगी इसका कारण जानने के लिए चंपत राय ने रानी सारंधा से कहा तुम क्यों उदास रहती हो क्या तुम्हें यह तरक्की पसंद नहीं?
2020-10-09
03 min
Smriti Anil
रानी सारंधा-भाग२
अनिरुद्ध का युद्ध से भाग कर आना,जब यह बात रानी सारंधा को पता चली कि उसका भाई युद्ध से भाग कर आया है तब उसे बहुत क्रोध आया और उसने अनिरुद्ध से कहा कि भाई तुमने अपने कुल पर दाग लगा दिया है हमारे कुल मे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ, यह सुनकर अनिरुद्ध की आत्मा जाग गई और फिर वह वापस उस युद्ध में चला गया अनिरुद्ध के जाते ही शीतला और रानी सारंधा के बीच वाद विवाद होता है रानी सारंधा का शीतला को वचन देना कि यदि उसका पति कभी ऐसा करता है तो वह उसके पति के छाती पर छुरा भोंक देगी इस दिन का वाद विवाद दोनों रानियों के हृदय में घर कर जाता है और साल के भीतर ही रानी सारंगा की शादी ओरछा के राजा चंपत राय से हो जाती है और अनिरुद्ध भी मैं रोने का युद्ध विजय प्राप्त करके लौट आता है।
2020-10-08
03 min
Smriti Anil
(कहानि न०-१)रानी सारंधा-भाग१
ये episode "बुंदेलखंड"के एक दुर्ग के गांव से संबंधित है जहां का राजा अनिरुद्ध है, अनिरुद्ध के विवाह के अभी 3 वर्ष ही व्यतीत हुए थे,लेकिन वह अपनी जिम्मेदारियों के चलते,अपने विवाह सुख सौभाग्य विलास को भोगने के बजाय अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए अपने राज्य की रक्षा के लिए राज्य के सीमा पर युद्ध कर रहा था उसकी पत्नी शीतला उससे सदैव कहती थी कि चलो हम लोग हरिद्वार चलते हैं मैं वहां वनवासियों की तरह तुम्हारे साथ वन में वनवास के दिन सुख पूर्वक व्यतीत कर लूंगी
2020-10-08
02 min
Smriti Anil
Munshi Premchand ki kahani"Rani sarandha"
Bundelkhand ki nar,nari ki veerta ki kahani Rani sarandha ki kahani
2020-09-30
00 min
Smriti Anil
Thakur ka kunwa
Jati paati me bhed bhav karna,unch neech k bhed bhav karna
2020-09-29
09 min
Smriti Anil
Munshi Premchand
About the munshi Premchand's story
2020-09-28
10 min