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Shashi Bhooshan
Shows
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Shikshikaen | Shashi Bhooshan
"शिक्षिकाएँ" कविता एवं वाचन : शशिभूषण
2024-03-08
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Bharat Men: Shashi Bhooshan
"तो क्या करें भारत में होने का !"
2021-12-12
00 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Rashmirathi ka Panchava Sarg
रामधारी सिंह दिनकर की अप्रतिम कृति, "रश्मिरथी" का पाँचवाँ सर्ग ।
2021-11-28
40 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Archana Lark ki kavita Mrityu achanak nahin aati
"समय सिखाता है गले की नसों को आँसुओं से भरना और एकांत में घूँट घूँटकर पीना ।"
2021-11-28
01 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Archana Lark ki kavita Dharti ka chakkar
"सोचती हूँ अगर कुछ लौटकर आता है/तो पहले उन बच्चों की माँ लौटकर आये/उनके लिए एक घर आये और खाने को रोटी आये/लड़की को उसका प्रेम मिले।"
2021-11-28
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Sudha Arora | Mannu Bhandari dee ke nam
प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी के निधन पर वरिष्ठ लेखिका सुधा अरोड़ा का पत्र, "मन्नू भंडारी दी के नाम ।"
2021-11-16
09 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Muktibodh | Katth ka Sapna
उसने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और वह , मन ही मन, उस पूरी गरम चिलकती हुई पृथ्वी की याद करने लगा जिस पर वह बेसहारा मारा- मारा फिरता है । क्या यह पृथ्वी उतनी ही दुःखी रही है जितना कि वह स्वयं है !
2021-11-13
13 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Nastik Bachche Ki Prarthna
मैं कभी-कभी एक नास्तिक बच्चे की लिखी प्रार्थना किया करता हूँ।
2021-10-16
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Kranti ki pratimurti Durga bhabhi
"जश्ने आज़ादी" के अंतर्गत जाने माने लेखक और इतिहासकार सुधीर विद्यार्थी द्वारा लिखा संस्मरण, "क्रांति की प्रतिमूर्ति: दुर्गा भाभी"। प्रस्तुतकर्ता: रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड। वाचन: शशिभूषण।
2021-10-14
22 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Pawan Karan ki kavita Ahilya
पवन करण के कविता संग्रह "स्त्री शतक" के दूसरे खंड से कविता, "अहिल्या"। वाचन: शशिभूषण।
2021-10-11
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Pyar chamdi ka rang nahin dekhta
"एक था मोहन" सोपान जोशी द्वारा लिखी किताब से चौदहवाँ अध्याय, "प्यार चमड़ी का रंग नहीं देखता।" वाचन: शशिभूषण।
2021-10-04
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Satyagrah yah kya hota hai
"एक था मोहन" सोपान जोशी द्वारा लिखी किताब से तेरहवाँ अध्याय, "सत्याग्रह यह क्या होता है ?" वाचन: शशिभूषण।
2021-10-04
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Likhna padhna dhimi gati se
"एक था मोहन" सोपान जोशी द्वारा लिखी किताब से बारहवाँ अध्याय, "लिखना पढ़ना धीमी गति से क्यों करना चाहिए"। वाचन: शशिभूषण।
2021-10-04
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Karne vala hi seekhta hai
"एक था मोहन" सोपान जोशी द्वारा लिखी किताब से दसवाँ अध्याय, "करने वाला ही सीखता है"। वाचन: शशिभूषण।
2021-10-04
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Muqadmebazi se faisle milte hain nyay nahin
"एक था मोहन" सोपान जोशी द्वारा लिखी किताब से सातवाँ अध्याय, "मुक़दमेबाज़ी से फ़ैसले मिलते हैं न्याय नहीं"। वाचन: शशिभूषण।
2021-10-04
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Homeopathy Allopathy Sympathy
सोपान जोशी द्वारा लिखित किताब "एक था मोहन" का 33वाँ अध्याय "होमियोपैथी, एलोपैथी सिमपैथी"। वाचन: शशिभूषण।
2021-10-02
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Mahatma Gandhi jahan hon vahan
सोपान जोशी द्वारा लिखित किताब "एक था मोहन" का तीसरा अध्याय "महात्मा गांधी जहाँ हों वहाँ"। वाचन: शशिभूषण।
2021-10-02
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Dusron ka man jeetne vala hath ka kam
सोपान जोशी द्वारा लिखित किताब "एक था मोहन" का 11वाँ अध्याय "दूसरों का मन जीतने वाला हाथ का काम"। वाचन: शशिभूषण।
2021-10-02
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Hindi ka matlab kya
मन से हिंदी अपनाएँ भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ाएँ- शशिभूषण
2021-09-14
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Gajanan Madahv Muktibodh
शमशेर की ग़ज़ल, "गजानन माधव मुक्तिबोध"। स्मरण एवं वाचन-शशिभूषण
2021-09-11
05 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Azadi ke matvalon ke kuchh qisse
आज़ादी की 75वीं सालगिरह पर रचनात्मक शिक्षक मंडल द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम जश्ने आज़ादी के अंतर्गत प्रस्तुति, "आज़ादी के मतवालों के कुछ क़िस्से" । आलेख विनोद किमोठी का ।
2021-09-10
07 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Kashinath Singh ke upanyas Upsanhar se ek ansh
वासुदेव ! यह न भूलो कि तुम और नारायणी-सेना एक कुल हो तो कौरव और पांडव भी एक कुल हैं। जाओ, रथ पर अर्जुन तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है। (उपसंहार से। लेखक: काशीनाथ सिंह।)
2021-08-30
05 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Nana Sahab ki putri Devi Maina ko bhasm kar diya gaya
आज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम 'जश्न ए आज़ादी' के अंतर्गत इस एपिसोड में सुनिए चपला देवी का लिखा रिपोर्ताज, "नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया"
2021-08-30
12 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Hum pathik hain aag vaale
आज़ादी के आंदोलन में उत्तराखंड के साहित्यकारों ने भी अपनी रचनाओं से योगदान दिया। ऐसे ही एक कवि हुए मनोहरलाल उनियाल 'श्रीमन' जिनके गीत हम पथिक हैं आग वाले को आज़ादी के दीवाने गाया करते।
2021-08-28
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Shaheed Khudiram Bos
आज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम 'जश्न ए आज़ादी' के अंतर्गत इस एपिसोड में जानते हैं सबसे कम उम्र के शहीद खुदीराम बोस के बारे में।
2021-08-23
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Inqalab zindabad kya hai ?
आज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम 'जश्न ए आज़ादी' के अंतर्गत प्रस्तुति: भगत सिंह-बटुकेश्वर दत्त का लिखा संपादक मॉडर्न रिव्यू के नाम पत्र, "इन्क़लाब ज़िंदाबाद क्या है ?"
2021-08-21
08 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Bhookh hadtal ka notice
आज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम 'जश्न ए आज़ादी' के अंतर्गत प्रस्तुति, 17 जून 1929 को सेंट्रल जेल लाहौर के सुपरिटेंडेंट को बटुकेश्वर दत्त द्वारा दिया "भूख हड़ताल का नोटिस"
2021-08-20
05 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Assembly hall men fenka gaya parcha
आज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम जश्न ए आज़ादी के अंतर्गत प्रस्तुत हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक सेना द्वारा तैयार किया गया असेम्बली हॉल में भगत सिंह और दत्त द्वारा बाँटा गया पर्चा, "बहरों को सुनाने के लिए बहुत ऊँची आवाज़ की आवश्यकता होती है" स्वर : शशिभूषण
2021-08-17
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Fansi dene ki bajay hamen goli se uda diya jaye
आज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम "जश्न ए आज़ादी" के अंतर्गत पंजाब के गवर्नर को लिखा शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का पत्र, "हमें फाँसी देने के बजाय गोली से उड़ा दिया जाए।"
2021-08-15
10 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Shaheed ashfaaqullah ka fansighar se sandesh
"मैंने कभी किसी आदमी के ख़ून से अपने हाथ नहीं रँगे और मेरा इंसाफ़ खुदा के सामने होगा। मेरे ऊपर लगाये सभी इल्ज़ाम ग़लत हैं।"- शहीद अशफ़ाक़उल्ला
2021-08-14
06 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Bhartiya gayikaon men bejod -lata mangeshkar : Kumar Gandharava
"जिस प्रकार मनुष्यता हो तो वह मनुष्य है, वैसे ही 'गानपन' हो तो वह संगीत है। और लता का कोई भी गाना लीजिये उसमें शत-प्रतिशत यह 'गानपन' मौजूद मिलेगा। लता की लोकप्रियता का मुख्य मर्म यह 'गानपन' ही है। लता के गाने की एक और विशेषता है, उसके स्वरों की निर्मलता" - कुमार गंधर्व
2021-08-13
18 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Sham ek kisan : Sarveshwar Dayal Saxena
पॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता 'शाम एक किसान'
2021-08-11
22 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Papa kho gaye : Vijay Tendulkar
पॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ विजय तेंदुलकर का नाट्य अंश 'पापा खो गये'
2021-08-11
25 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Bachpan : Krishna Sobati
पॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ कृष्णा सोबती का संस्मरण 'बचपन'
2021-08-11
29 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Hum panchhi unmukt gagan ke : Shivmangal Singh Suman
पॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ शिवमंगल सिंह सुमन की कविता 'हम पंछी उन्मुक्त गगन के'
2021-08-11
29 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Aise Aise : Vishnu Prabhakar
पॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ विष्णु प्रभाकर की एकांकी ' ऐसे-ऐसे'
2021-08-11
27 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Himalaya ki betiyan : Nagarjun
पॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ नागार्जुन का निबंध 'हिमालय की बेटियां'
2021-08-11
28 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Chand se thodi si gappen: Shamsher
पॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ शमशेर की कविता 'चाँद से थोड़ी सी गप्पें'
2021-08-11
27 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Shashi Bhooshan ki kavita Dosti
साथी किताब सी तुम्हारी दोस्ती.
2021-08-01
00 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Vinay Saurabh ki kavita Jildsaaz
"जैसे मन के दीपक में तेल कम हो रहा था/ और एक रात में हरा जंगल/ जैसे खाली ठूंठ रह गया था उसके जाने की बात सुनकर/ इलाके में पुरानी किताबें न थीं इसलिए सुबंधु वापस जा रहा था।"
2021-08-01
05 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Premchand ki kahani Thakur ka kuaan
"ब्राह्मणदेवता आशीर्वाद देंगे, ठाकुर लाठी मारेंगे, साहूजी एक के पाँच लेंगे । ग़रीबों का दर्द कौन समझता है ! हम मर भी जाते हैं, तो कोई दुआर पर झाँकने नहीं आता, कंधा देना तो बड़ी बात है । ऐसे लोग कुएँ से पानी भरने देंगे ?"
2021-07-31
09 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Megha Goswami ki kahani Besudh
मैं इरफान के लिए रोये जा रही हूँ, पर मैं खान अंकल के यहाँ जाने की हिम्मत नहीं कर पा रही. xxx मैंने अपने यहाँ काम करने वाली दीदी को फ़ोन किया है, वह थोड़ी परेशान है, अब घर में कुछ ही पैसा बचा है, खाना और कोई सुविधा भी नहीं है, पर वह खुश है. उनका परिवार जिंदा है, यही उसकी खुशी है. :कहानी का अंश.
2021-07-21
06 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Ambedkar | Koi hindu kyon hai
"क्या हरेक हिन्दू के सामने यह सवाल नहीं है कि उसके अपने धर्म के बारे में इतनी ऊहापोह क्यों है? इतनी उलझन क्यों है? वह ऐसे मामूली सवालों का जवाब क्यों नहीं दे पाता; जिनका उत्तर प्रत्येक पारसी, प्रत्येक ईसाई और प्रत्येक मुसलमान के पास है। क्या यह उचित समय नहीं है कि वह आत्मावलोकन करे कि क्या कारण हैं, जिनके फलस्वरूप यह धार्मिक अव्यवस्था बनी हुई है?" - डॉ भीमराव अम्बेडकर
2021-07-20
10 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Man jab khana parosti thi: Chandrakant Devtale
"अब खाने की वैसी राहत और बेचैनी दोनों ही ग़ायब हो गयी हैं/ अब सब अपनी अपनी ज़िम्मेदारी से खाते हैं/ और दूसरे के खाने के बारे में एकदम निश्चिंत रहते हैं।" चंद्रकांत देवताले
2021-07-17
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Mai tum logon se dur hun: Muktibodh
"मैं कनफटा हूँ हेठा हूँ/ शेव्रलेट-डॉज के नीचे मैं लेटा हूँ/ तेलिया लिबास में पुरज़े सुधारता हूँ/ तुम्हारी आज्ञाएँ ढोता हूँ।"
2021-07-16
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Tum Kaun Kyon Bole : Shashi Bhooshan
परिपक्वता के साथ ही सरलता आती है. शशिभूषण की इस कविता में अभिव्यक्ति सम्भार(Rhetoric) एवं दृष्टि(Vison) हैं: किसलय जड़िया, आवाज़ एवं शब्द.
2021-07-10
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
अनामिका की कविता पत्ता-पत्ता बूटा-बूटा
ज़्यादा बूढ़ी औरतें दौड़ भी नहीं पातीं भगदड़ में ! माँ, तुम बूढ़ी मत हो जाना कभी !
2021-06-18
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
'तुम्हें खोजने का खेल खेलते हुए' किताब से दो अंश
तुम्हें खोजने का खेल खेलते हुए(विष्णु खरे की कविताओं के बारे में कुछ बातें) प्रसिद्ध कवि-लेखक और रंगकर्मी व्योमेश शुक्ल की नयी किताब है। यह वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली से प्रकाशित है।
2021-06-17
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
वापसी : विनीत तिवारी
"वापस हूँ कि जीवन की बुलंदी में शामिल रहे मेरी भी आवाज़।"
2021-06-17
01 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Vishnu Khare ki kavita Hamari Patniyan
"हमारी पत्नियों की ज़िंदगी/सिर्फ़ उस दिन से शुरू होती है/जब हमने उन्हें पहली बार देखा था।"
2021-06-04
06 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Vishnu Khare ki kavita Svikaar
"आप जो सोच रहे हैं वही सही है/मैं जो सोचना चाहता हूँ वह ग़लत है।"
2021-06-04
01 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Vishnu Khare ki kavita Usi Tarah
"मैं अकेली औरतों और अकेले बच्चों को ज़मीन पर बैठे खाना खाते नहीं देख सकता।"
2021-06-03
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Vishnu Khare ki kavita Kookar
"मैं सिर्फ़ आगाह कर देना चाहता हूँ कि मुझसे दूर रहा जाए।"
2021-06-03
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Vishnu Khare ki kavita Ek Kam
"कम से कम एक आदमी से तो निश्चिंत रह सकते हो।"
2021-06-03
01 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Anamika ki kavita Kashmeeriyat
"इतिहास की गाँठें भी निकलेंगी, बेटी ऐसे ही धीरज से ईमान से! अखरोट की खेती है लेकिन ईमानदारी इसके फल जल्दी नहीं लगते।"
2021-06-03
11 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Rashmirathee Pratham Sarg
"मैं क्या जानूँ जाति ? शरमाते हैं नहीं जगत में जाति पूछने वाले।" - कर्ण
2021-05-22
17 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
'उपसंहार' उपन्यास मनुष्यता के लिए जन-उभार का आह्वान है
भारत में गीता सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ क्यों माना गया ? माना जाता है ? क्योंकि इसके केंद्र में धर्म है, धर्म युद्ध है और यह किताब हिंदुत्व को जँचती है। वरना, कोई पढ़ने पर आएगा तो ख़ुद जान जाएगा भारत में गीता से श्रेष्ठ ग्रन्थ धम्मपद है। इसके केंद्र में मनुष्यता है, करुणा और शांति है। कहना ही होगा और कुछ अर्थों में दोहराना कि गीता वास्तव में धम्मपद की ही काट है। भारत में राक्षस कोई और नहीं स्वर्ग, ईश्वर और आत्मा को न मानने वाले यहीं के निवासी हैं फिर चाहे वे बौद्ध रहे हों या दूसरे नास्तिक। क्या हम ग्रंथ निर्मित समाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक अन्याय की काट ग्रंथों में ही देख पाते हैं ? क्या हमने कभी सोचा है कि मनुस्मृति एक मेनिफेस्टो है और इससे अनगिन ग्रंथ निकले ? आप महाभारत पढ़ें रामायण पढ़ें, पुराण या कुछ और इनकी नीति और न्याय मनुस्मृति की नीति और न्याय हैं। एक उदाहरण से अपनी बात कहूँ तो मैं महाभारत और कृष्ण कथा के उपसंहार यानी काशीनाथ सिंह के उपन्यास 'उपसंहार' का उदाहरण दूँगा। उपन्यास 'उपसंहार' में क्या है ? इसमें भारतीय उपमहाद्वीप ही नहीं दुनिया भर में प्रसिद्ध और जीवंत स्मृति बन चुके एक महा आख्यान का संक्षिप्त हिंदी औपन्यासिक रूप है। यह उपन्यास अद्वितीय है। महाभारत को ऐसी विश्व युद्ध दृष्टि से आज तक किसी हिंदी लेखक ने नहीं देखा और न ही रचा। उपसंहार एक ऐसी उपन्यासकार दृष्टि है जिसमें दुनिया का कोई धार्मिक राष्ट्रवादी विनाश ही नहीं भारत में हिंदुत्व युद्ध का भी अंजाम दिखता है। मैं इसे हिंदी की एक बेहद प्रभावशाली और खरी दूरदर्शी कृति की तरह देखता हूँ। 'उपसंहार' भारतीय जनमानस की स्मृति से भी गहरे अध्यात्म में बसे एक महा नायक कृष्ण के बहाने दुनिया भर में हो चुके अथवा भारत में होने वाले नरसंहार का खुलासा है। काशीनाथ सिंह जी ने कहा भी था कि इसे लिखते हुए यानी कृष्ण के जीवन का उत्तरार्द्ध संक्षेप में लिखते हुए मेरे ध्यान में हिटलर था तो मोदी भी थे। मैं सालों से इस कृति को पढ़ने, इस पर नाटक खेले जाने की अपील करता रहा हूँ। अंधा युग ने जहां कृष्ण को केवल एक श्राप दंड का फ़ैसला लिया था वहीं उपसंहार आज के किन्हीं कृष्ण जो अपने धर्म-राज के लिए गीता लेकर घूमते हैं को सज़ा देने लायक जन उभार का सपना देखता है। ©शशिभूषण
2021-05-19
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
भगत सिंह अपना अंतिम समय कैसे बिता रहे थे ?
"मैंने महसूस किया है कि अगर आप भगत सिंह के प्रेम में पड़ गए तो उतना प्रेम किसी को नहीं कर पायेंगे। भगत सिंह प्रेम पाने और बलिदान देने के अंतिम उदाहरण सरीखे हैं। वे ईमान और देशप्रेम के युवा शिखर हैं। शहीद भगत सिंह शहीदों में भी महान हैं।" -शशिभूषण
2021-03-23
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
अनामिका की कविता मौसियाँ
मौसियाँ, अनामिका जी की एक ऐसी कविता है जिसे सुनकर नेह-छोह और स्मृतियों का छूट गया घर संसार आंखों के सामने आ जाता है। भीतर तरलता उतर आती है। यह कविता इतनी सादी है कि मन मोह लेती है। इस कविता में जितना छूट गया है उससे कई गुना समा आया है। अक्सर लगता है यह छूट जाना हमारे अपने मन से भरने के लिए है। क्योंकि कविता अनामिका जी की है लेकिन मौसियाँ हम सबकी हैं। ऐसी कविताएँ ही हमें अनुभूतियों से धनी बनाती हैं। इनमें ऐसा मोह होता है जो हमें मानवीय बनाता है और केवल हिंदी कविता में ही हो सकता है। अनामिका जी को मेरी ओर से साहित्य अकादमी सम्मान की दिली बधाई ! अनामिका जी और उनका साहित्य मेरे लिए बहुत प्रीतिकर हैं। मैं उन्हें देखते हुए यही सोचता हूँ कि साहित्य अकादमी उन्हें बहुत पहले मिल जाना चाहिए था। क्योंकि तभी इस बार ज्ञान चतुर्वेदी जी के उपन्यास पागलख़ाना को यह सम्मान मिल पाता (शशिभूषण)
2021-03-19
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
घर : ख़लील जिब्रान
"उन मक़बरों में मत रहो जो मुर्दों ने जीवितों के लिये बनाये हैं।" - ख़लील जिब्रान
2021-03-16
06 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
कार्ल मार्क्स की समाधि पर दिया गया एंगेल्स का भाषण
संसार भर के लिए कार्ल मार्क्स ऐसे अपराजेय योद्धा, महान क्रांतिकारी और महामानव हैं जिनके सिद्धांतों और असमाप्त कार्यों के लिए यदि जान भी जाने का ख़तरा उत्पन्न होता हो तो भी शायद ही दुनिया में कोई ईमानदार मनुष्य कभी पीछे हटे या जीवन में कभी पछताए। भारत में ऐसे मनुष्य केवल एक ही हुए, सिद्धार्थ गौतम। जिन्हें संसार भर में महामानव बुद्ध के नाम से जाना जाता है। हम भारतीय होने के नाते चाहें तो इस होनी पर अतिरिक्त गर्व कर सकते हैं कि संसार में बुद्ध, मार्क्स से पहले हुए और यह गर्व करते हुए मार्क्स और बुद्ध के दिखाए रास्ते पर आजीवन चलते रह सकते हैं। 27 मार्च 1883 को कार्ल मार्क्स की समाधि पर दिया गया एंगेल्स का यह भाषण ऐसा है जिसे सुनने के बाद कभी नहीं भुलाया जा सकता। (शशिभूषण)
2021-03-14
06 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
बालक : ख़लील जिब्रान
बच्चों के अस्तित्व, सृजनात्मकता, उन्नति और आज़ादी के विषय में ख़लील जिब्रान की यह रचना अत्यंत मानवीय और प्रेमपूर्ण है।
2021-03-05
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
सबसे ख़तरनाक : अवतार सिंह पाश
अवतार सिंह पाश की कविता 'सबसे ख़तरनाक' ऐसी कालजयी कविता है जो सबसे बुरे के विषय में बताकर सबसे अच्छे की पहचान करा देती है। इस कविता में जो सबसे बुरा है के बहाने जो करना ही चाहिए जो हमसे होना ही चाहिए का पता चल जाता है।
2021-02-28
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
प्रतिबद्धता : पाश
हम झूठ मूठ का कुछ भी नहीं चाहते...और हम सब कुछ सचमुच का देखना चाहते हैं...ज़िन्दगी, समाजवाद या कुछ भी और...-पाश
2021-02-27
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
नये शेखर की जीवनी : अविनाश मिश्र
"कई कविताओं की राख से एक जीवन पैदा हुआ। जीवित रहने के लिए कविताएँ जलानी पड़ती हैं। जीवन सारी योजनाओं के केंद्र में नज़र आता है और कविताएँ सारी योजनाओं से बाहर। जीवन को बनाया जाता है और कविताएँ ख़ुद बन जाती हैं। ख़ुद बनना संसार में सम्मान का सबब है। लेकिन खुद बनना सारी योजनाओं से बाहर होना है।" - अविनाश मिश्र
2021-02-21
07 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
वर दे, वीणावादिनि वर दे : निराला
निराला रचित यह सरस्वती वंदना मन का मैल दूर कर बुद्धि को उद्दात और सार्वभौम बनाने वाली प्रार्थना है।
2021-02-16
01 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
हम लड़ेंगे साथी : अवतार सिंह पाश
लड़ते हुए मर जाने वालों की याद ज़िंदा रखने के लिए ... हम लड़ेंगे साथी...
2021-02-15
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
भारत : पाश
पाश की कविता 'भारत' देश, खेतों और देश के लोगों के दिल का हलफ़नामा है।
2021-02-14
01 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
मैं अब विदा लेता हूँ : पाश
पाश की कविता 'मैं अब विदा लेता हूँ' प्रेम, सरोकार और क्रांतिकारिता की अविस्मरणीय कविता है।
2021-02-13
07 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
प्रेम : खलील जिब्रान
प्रेम के विषय में खलील जिब्रान की यह रचना प्रेम जितनी ही ह्रदय ग्राही है।
2021-02-13
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
लखनवी अंदाज़ : यशपाल
यशपाल का व्यंग्य लखनवी अंदाज़
2020-12-24
07 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
गुजरात के मृतक का बयान : मंगलेश डबराल
मंगलेश डबराल की अत्यंत मार्मिक और अविस्मरणीय कविता गुजरात के मृतक का बयान
2020-12-17
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
बच्चों के लिए एक चिट्ठी
मंगलेश डबराल की कविता बच्चों के लिए एक चिट्ठी
2020-12-16
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
मंगलेश डबराल को श्रद्धांजलि
सुप्रसिद्ध कवि मंगलेश डबराल को श्रद्धांजलि और उनकी एक कविता, 'हमारे शासक'
2020-12-16
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
नेहा नरूका की दो कविताएँ
मैं कभी किसी से नफ़रत क्यों नहीं कर पाती जबकि मैं करना चाहती हूँ...और सबने प्यार करना बंद कर दिया... धीरे-धीरे सब विष में बदलने लगे...।
2020-12-07
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
भारत माता : जवाहर लाल नेहरू
'भारत माता' आलेख में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने हिंदुस्तान की एकता और भारत माता की जय का वास्तविक अभिप्राय प्रतिपादित किया है।
2020-11-20
06 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
मुक्तिबोध की कविता शून्य
मुक्तिबोध की कविता 'शून्य' आत्मालोचन की एक श्रेष्ठ कविता है। ऐसी कविता जिसका मैं कवि का ही आत्म नहीं बल्कि विश्व मनुष्य का अंतर्मन है।
2020-11-13
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
ऋतुराज की कविता कन्यादान
हाशिये के समाज और लोकजीवन से गहरा जुड़ाव रखने वाले कवि ऋतुराज की कविता 'कन्यादान' स्त्रियों के प्रति जब वे बेटी लड़की होती हैं तब से प्रगतिशील दृष्टि की श्रेष्ठ रचना है।
2020-11-13
01 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
अब्राहम लिंकन का अपने पुत्र के अध्यापक को लिखा मार्मिक पत्र
अब्राहम लिंकन का यह पत्र शिक्षकों के लिए सबसे आत्मीय और भरोसेमंद पथ-प्रदर्शक जैसा है। यह शिक्षकों के लिए लिखा गया है मगर विद्यार्थियों की आनेवाली पीढ़ियों के लिए भी उतना ही खरा है।
2020-11-11
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
सहर्ष स्वीकारा है
मुक्तिबोध की प्रतिनिधि कविताओं में से एक सहर्ष स्वीकारा है प्रेमपूर्ण और अत्यंत प्रेरक कविता है। इस कविता में जीवन के सब सुख दुःख, संघर्ष- अवसाद, उठा-पटक सम्यक भाव से स्वीकार करने का भाव है। यह कविता हमें प्रेरणा, प्रेम और मानवीय मूल्यों के प्रति सहज समर्पित रहने का भी बोध कराती है।
2020-11-04
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
जॉर्ज पंचम की नाक
जॉर्ज पंचम की नाक कमलेश्वर की प्रतिनिधि कहानी है। यह कहानी औपनिवेशिक दासता के कारण और उसके गहरे दीर्घकालिक प्रभाव में नौकरशाही, कला, मीडिया और राजनीति की मानसिक ग़ुलामी की सजीव दास्तान है।
2020-10-27
16 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
तोलस्तोय की कहानी ज़ार के लिए प्रार्थना करने वाले मेढ़क
विश्व के महान कहानीकार और उपन्यासकार लेव तोलस्तोय की यह कहानी पीपीएच(प्रा.) लिमिटेड से प्रकाशित किताब 'बच्चो सुनो कहानी' में संकलित है।
2020-10-26
01 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
विद्रोही की कविता नूर मियाँ
रामशंकर यादव विद्रोही की कविताएं सरोकार और क्रांतिकारिता की मिसाल हैं। नूर मियां कविता में एक ऐसी स्मृति है जो भारत की मनुष्यता और मिली जुली संस्कृति की स्मृति है।
2020-10-11
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
लुइस ग्लुक की कविता एक फ़ैंटेसी
2020 के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकन कवयित्री लुईज ग्लुक की इस कविता का अनुवाद हिंदी के जाने माने कवि कुमार अम्बुज ने किया है। बकौल कुमार अम्बुज जी "उनकी कुछ कविताएँ पढ़ी हैं। उनके संचयिता संग्रह में से एक कविता A Fantasy का फौरी अनुवाद, बतौर उनके सम्मान के लिए, बधाई के साथ। यह कविता संग्रह 'अराराट' में संकलित है।"
2020-10-09
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
फिराक़ गोरखपुरी की ग़ज़ल
जो मुझको बदनाम करे हैं काश वे इतना सोच सकें मेरा परदा खोले हैं या अपना परदा खोले हैं।
2020-09-30
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
रज़िया सज्जाद ज़हीर की कहानी नमक
नमक एक कालजयी कहानी है। ऐसी कहानी जो भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों के दिल में बसी अपने वतन के लिए मोहब्बत की अमिट दास्तान है। निःशब्द कर देने वाला और दिल को दरिया बनाने वाला अविस्मरणीय मार्मिक क़िस्सा। इस कहानी की व्याख्या नहीं हो सकती। इसका मूल्यांकन मोहब्बत को आज़माना होगा। इस कहानी का एक-एक वाक्य दिल को आंखों से होकर ज़बान की ओर उमड़ता दाद का झरना बना देता है। कहानी जिसके वाक्य दर वाक्य जज़्बात और इंसानियत के लेख हैं।
2020-09-29
21 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
शेखर जोशी की कहानी गलता लोहा
'गलता लोहा' शेखर जोशी की प्रतिनिधि कहानियों में से एक है। कहानी कला की दृष्टि से यह कहानी एक श्रेष्ठ कहानी है। 'गलता लोहा' समाज के जातिगत विभाजन को गहराई और कई कोणों से उदघाटित करती है। यह कहानी श्रम आधारित बंधुता सम्मान समता की ओर प्रवृत्त करती है।
2020-09-28
22 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
मेरे मरते मर जायेगा ईश्वर भी : फिरोज़ ख़ान
फिरोज़ ख़ान की कविता 'मेरे मरते मर जायेगा ईश्वर भी' से हमारा सामना ओझल रहने वाले एक दारुण सत्य से होता है। वह सत्य क्या है ? इंसान के मरने पर वे सब मरते हैं, जो उसके भीतर जीवित होते हैं। यहां तक कि माँ भी मरती है और ईश्वर भी मर जाता है।
2020-07-03
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
रामवृक्ष बेनीपुरी का रेखाचित्र बालगोबिन भगत
रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा लिखित रेखाचित्र 'बालगोबिन भगत' एक कबीरपंथी गृहस्थ साधु की खरी दास्तान है। इंसानियत से भरी अनूठी सच्ची जीवन कथा। सामाजिक सोद्देश्यता और व्यक्तिगत त्याग के संयोग से निर्मित जिसमें श्रम की आभा है एक साधारण इंसान की इससे विलक्षण अमिट कथा दूसरी हो नहीं सकती। हम जैसे- जैसे बालगोबिन भगत के स्मृति शेष जीवन में प्रवेश करते हैं मन निर्मल, कर्मठ और उदात्त होने लगता है। इस अप्रतिम रेखाचित्र में खेतीबारी करने वाले एक आम इंसान के जीवन की सार्थकता को जो संगीत, सौजन्य और लोकधर्म से ओतप्रोत है आत्मीयता और गहराई से चित्रित किया गया है। एक साधारण इंसान में विधवा विवाह के प्रति जैसी सहज दृष्टि देखने में आती है वह लोगों में बल और प्रेरणा भरने वाली है। रेखाचित्र पूरा पढ़ते-पढ़ते बालगोबिन भगत एक पथ प्रदर्शक उदाहरण की तरह दिल में बस जाते हैं।
2020-07-03
18 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
उजाले में आजानुबाहु : दिनेश कुशवाह
दिनेश कुशवाह की लंबी कविता 'उजाले में आजानुबाहु' विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र कहे जाने वाले आज के लुटते पिटते भारत में नाना प्रकार के वक्तव्यों का कच्चा चिट्ठा है। बड़बोले इस कविता का बीज शब्द है। कविता की सफलता यह है कि बड़बोलों में देश डिकोड होता है।
2020-06-30
17 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
गुंग महल : विष्णु खरे
'गुंग महल' विष्णु खरे की ही नहीं हिंदी की प्रतिनिधि लंबी कविताओं में से एक है। यह कथा कविता प्रतिपादित करती है कि ईश्वर या अल्लाह की अपनी कोई भाषा नहीं होती, बल्कि भाषा इंसानों की होती है। संसार में क़ौम अलग-अलग हो सकती हैं, मज़हब अलग-अलग हो सकते हैं, मगर ज़बान और इंसानियत अभिन्न हैं। भाषा और मनुष्यता एक ही हैं।
2020-06-28
11 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
नेताजी का चश्मा : स्वयं प्रकाश
'नेताजी का चश्मा' कभी न भूलने वाली कहानी है। ऐसा लगता है जैसे कथाकार स्वयं प्रकाश ने बातों ही बातों में मर्म, विनोद और सरोकारों से रचा एक सहज अविस्मरणीय आख्यान बुन दिया है। यह कहानी जितनी अनूठी, दिलचस्प है उतनी ही मार्मिक और उम्मीद भरी है। यह कहानी सचमुच की देशभक्ति का एक अमिट पाठ है।
2020-06-28
16 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
पतंग : आलोकधन्वा
आलोकधन्वा की कविता, 'पतंग' बच्चों, पतंग और शरद के बहाने जीवन, प्रकृति, धरती, बचपन, उत्साह, सपनों, संघर्ष, जिजीविषा, सामूहिकता, नव सृजन और मनुष्यता की रागात्मक अभिव्यक्ति है। इस कविता में कोमलतम अनुभूतियां और श्रेष्ठतम स्वप्न-संकल्प साथ-साथ प्रकट हुए हैं।
2020-06-27
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
प्रेमचंद के फटे जूते : हरिशंकर परसाई
'प्रेमचंद के फटे जूते' अत्यंत मार्मिक और अविस्मरणीय निबन्ध है। इसमें प्रेमचंद के प्रति सम्मान, हार्दिकता और समय समाज के प्रति व्यंग्य श्रेष्ठतम रूप में प्रकट हुए हैं। बहुत कम शब्दों में हरिशंकर परसाई ने महान कथाकार प्रेमचंद के संघर्षों, सादगी और अपराजेय मनुष्यता को सर्वथा प्रकट कर दिया है। यह निबन्ध प्रेमचंद और परसाई दोनों की ही लेखकीय खूबियों का आईना है। यह श्रद्धा स्मरण एक कृति है।
2020-06-26
10 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
गुब्बारे वाला : कविता जड़िया
पिछले दिनों मध्य प्रदेश के शाजापुर से एक ख़बर आई कि फुग्गे और गुब्बारे बेचने वाले एक ग़रीब ने आत्महत्या कर ली। कारण छोटा सा था कि गलियों में उसके फुग्गे और गुब्बारे कोई नहीं ख़रीद रहा था। कोरोना संक्रमण के डर से शायद लोग सोचते होंगे कि ये फुग्ग्गे या गुब्बारे मुँह से फुलाये गए हैं। बच्चों को कोरोना रोग लग सकता है। इस बात से गुब्बारे वाले की रोज़मर्रा की मामूली आमदनी बंद हो गयी। उसके घर में खाने के इंतज़ाम को पैसे नहीं बचे। परिवार लाचारी में पड़ गया। अख़बार में यह ख़बर पढ़कर लॉक डाउन के ही दिनों में लिखी गयी कविता जड़िया की एक मार्मिक कविता 'गुब्बारे वाला' याद आ गयी। आप भी सुनियेगा।
2020-06-19
03 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
आधा गाँव की भूमिका : राही मासूम रज़ा
महान उपन्यासकार राही मासूम रज़ा के कालजयी उपन्यास 'आधा गाँव' की भूमिका
2020-06-14
07 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
2020 में गाँव की ओर : विष्णु नागर
कविता : 2020 में गाँव की ओर. कवि: विष्णु नागर.
2020-06-13
04 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
हमें गोली से उड़ा दिया जाए : भगत सिंह
हमें गोली से उड़ा दिया जाए: भगत सिंह
2020-06-12
09 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
हिमालय और हम
कविता : हिमालय और हम. कवि : गोपाल सिंह नेपाली.
2020-06-12
02 min
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
Hamari Aavaaz हमारी आवाज़
नमस्कार! हमारी आवाज़ में आप सबका स्वागत है...
2020-06-07
03 min