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Shashi Bhooshan

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Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Shikshikaen | Shashi Bhooshan"शिक्षिकाएँ" कविता एवं वाचन : शशिभूषण2024-03-0802 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Bharat Men: Shashi Bhooshan"तो क्या करें भारत में होने का !"2021-12-1200 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Rashmirathi ka Panchava Sargरामधारी सिंह दिनकर की अप्रतिम कृति, "रश्मिरथी" का पाँचवाँ सर्ग ।2021-11-2840 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Archana Lark ki kavita Mrityu achanak nahin aati"समय सिखाता है गले की नसों को आँसुओं से भरना और एकांत में घूँट घूँटकर पीना ।"2021-11-2801 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Archana Lark ki kavita Dharti ka chakkar"सोचती हूँ अगर कुछ लौटकर आता है/तो पहले उन बच्चों की माँ लौटकर आये/उनके लिए एक घर आये और खाने को रोटी आये/लड़की को उसका प्रेम मिले।"2021-11-2802 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Sudha Arora | Mannu Bhandari dee ke namप्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी के निधन पर वरिष्ठ लेखिका सुधा अरोड़ा का पत्र, "मन्नू भंडारी दी के नाम ।"2021-11-1609 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Muktibodh | Katth ka Sapnaउसने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और वह , मन ही मन, उस पूरी गरम चिलकती हुई पृथ्वी की याद करने लगा जिस पर वह बेसहारा मारा- मारा फिरता है । क्या यह पृथ्वी उतनी ही दुःखी रही है जितना कि वह स्वयं है !2021-11-1313 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Nastik Bachche Ki Prarthnaमैं कभी-कभी एक नास्तिक बच्चे की लिखी प्रार्थना किया करता हूँ।2021-10-1603 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Kranti ki pratimurti Durga bhabhi"जश्ने आज़ादी" के अंतर्गत जाने माने लेखक और इतिहासकार सुधीर विद्यार्थी द्वारा लिखा संस्मरण, "क्रांति की प्रतिमूर्ति: दुर्गा भाभी"। प्रस्तुतकर्ता: रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड। वाचन: शशिभूषण।2021-10-1422 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Pawan Karan ki kavita Ahilyaपवन करण के कविता संग्रह "स्त्री शतक" के दूसरे खंड से कविता, "अहिल्या"। वाचन: शशिभूषण।2021-10-1102 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Pyar chamdi ka rang nahin dekhta"एक था मोहन" सोपान जोशी द्वारा लिखी किताब से चौदहवाँ अध्याय, "प्यार चमड़ी का रंग नहीं देखता।" वाचन: शशिभूषण।2021-10-0404 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Satyagrah yah kya hota hai"एक था मोहन" सोपान जोशी द्वारा लिखी किताब से तेरहवाँ अध्याय, "सत्याग्रह यह क्या होता है ?" वाचन: शशिभूषण।2021-10-0404 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Likhna padhna dhimi gati se"एक था मोहन" सोपान जोशी द्वारा लिखी किताब से बारहवाँ अध्याय, "लिखना पढ़ना धीमी गति से क्यों करना चाहिए"। वाचन: शशिभूषण।2021-10-0404 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Karne vala hi seekhta hai"एक था मोहन" सोपान जोशी द्वारा लिखी किताब से दसवाँ अध्याय, "करने वाला ही सीखता है"। वाचन: शशिभूषण।2021-10-0403 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Muqadmebazi se faisle milte hain nyay nahin"एक था मोहन" सोपान जोशी द्वारा लिखी किताब से सातवाँ अध्याय, "मुक़दमेबाज़ी से फ़ैसले मिलते हैं न्याय नहीं"। वाचन: शशिभूषण।2021-10-0404 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Homeopathy Allopathy Sympathyसोपान जोशी द्वारा लिखित किताब "एक था मोहन" का 33वाँ अध्याय "होमियोपैथी, एलोपैथी सिमपैथी"। वाचन: शशिभूषण।2021-10-0203 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Mahatma Gandhi jahan hon vahanसोपान जोशी द्वारा लिखित किताब "एक था मोहन" का तीसरा अध्याय "महात्मा गांधी जहाँ हों वहाँ"। वाचन: शशिभूषण।2021-10-0203 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Dusron ka man jeetne vala hath ka kamसोपान जोशी द्वारा लिखित किताब "एक था मोहन" का 11वाँ अध्याय "दूसरों का मन जीतने वाला हाथ का काम"। वाचन: शशिभूषण।2021-10-0204 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Hindi ka matlab kyaमन से हिंदी अपनाएँ भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ाएँ- शशिभूषण2021-09-1402 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Gajanan Madahv Muktibodhशमशेर की ग़ज़ल, "गजानन माधव मुक्तिबोध"। स्मरण एवं वाचन-शशिभूषण2021-09-1105 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Azadi ke matvalon ke kuchh qisseआज़ादी की 75वीं सालगिरह पर रचनात्मक शिक्षक मंडल द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम जश्ने आज़ादी के अंतर्गत प्रस्तुति, "आज़ादी के मतवालों के कुछ क़िस्से" । आलेख विनोद किमोठी का ।2021-09-1007 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Kashinath Singh ke upanyas Upsanhar se ek anshवासुदेव ! यह न भूलो कि तुम और नारायणी-सेना एक कुल हो तो कौरव और पांडव भी एक कुल हैं। जाओ, रथ पर अर्जुन तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है। (उपसंहार से। लेखक: काशीनाथ सिंह।)2021-08-3005 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Nana Sahab ki putri Devi Maina ko bhasm kar diya gayaआज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम 'जश्न ए आज़ादी' के अंतर्गत इस एपिसोड में सुनिए चपला देवी का लिखा रिपोर्ताज, "नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया"2021-08-3012 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Hum pathik hain aag vaaleआज़ादी के आंदोलन में उत्तराखंड के साहित्यकारों ने भी अपनी रचनाओं से योगदान दिया। ऐसे ही एक कवि हुए मनोहरलाल उनियाल 'श्रीमन' जिनके गीत हम पथिक हैं आग वाले को आज़ादी के दीवाने गाया करते।2021-08-2802 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Shaheed Khudiram Bosआज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम 'जश्न ए आज़ादी' के अंतर्गत इस एपिसोड में जानते हैं सबसे कम उम्र के शहीद खुदीराम बोस के बारे में।2021-08-2304 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Inqalab zindabad kya hai ?आज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम 'जश्न ए आज़ादी' के अंतर्गत प्रस्तुति: भगत सिंह-बटुकेश्वर दत्त का लिखा संपादक मॉडर्न रिव्यू के नाम पत्र, "इन्क़लाब ज़िंदाबाद क्या है ?"2021-08-2108 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Bhookh hadtal ka noticeआज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम 'जश्न ए आज़ादी' के अंतर्गत प्रस्तुति, 17 जून 1929 को सेंट्रल जेल लाहौर के सुपरिटेंडेंट को बटुकेश्वर दत्त द्वारा दिया "भूख हड़ताल का नोटिस"2021-08-2005 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Assembly hall men fenka gaya parchaआज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम जश्न ए आज़ादी के अंतर्गत प्रस्तुत हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक सेना द्वारा तैयार किया गया असेम्बली हॉल में भगत सिंह और दत्त द्वारा बाँटा गया पर्चा, "बहरों को सुनाने के लिए बहुत ऊँची आवाज़ की आवश्यकता होती है" स्वर : शशिभूषण2021-08-1704 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Fansi dene ki bajay hamen goli se uda diya jayeआज़ादी की 75वीं सालगिरह पर बच्चों को स्वतंत्रता-आंदोलन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने के लिए रचनात्मक शिक्षक मंडल, उत्तराखंड द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रम "जश्न ए आज़ादी" के अंतर्गत पंजाब के गवर्नर को लिखा शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का पत्र, "हमें फाँसी देने के बजाय गोली से उड़ा दिया जाए।"2021-08-1510 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Shaheed ashfaaqullah ka fansighar se sandesh"मैंने कभी किसी आदमी के ख़ून से अपने हाथ नहीं रँगे और मेरा इंसाफ़ खुदा के सामने होगा। मेरे ऊपर लगाये सभी इल्ज़ाम ग़लत हैं।"- शहीद अशफ़ाक़उल्ला2021-08-1406 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Bhartiya gayikaon men bejod -lata mangeshkar : Kumar Gandharava"जिस प्रकार मनुष्यता हो तो वह मनुष्य है, वैसे ही 'गानपन' हो तो वह संगीत है। और लता का कोई भी गाना लीजिये उसमें शत-प्रतिशत यह 'गानपन' मौजूद मिलेगा। लता की लोकप्रियता का मुख्य मर्म यह 'गानपन' ही है। लता के गाने की एक और विशेषता है, उसके स्वरों की निर्मलता" - कुमार गंधर्व2021-08-1318 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Sham ek kisan : Sarveshwar Dayal Saxenaपॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता 'शाम एक किसान'2021-08-1122 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Papa kho gaye : Vijay Tendulkarपॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ विजय तेंदुलकर का नाट्य अंश 'पापा खो गये'2021-08-1125 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Bachpan : Krishna Sobatiपॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ कृष्णा सोबती का संस्मरण 'बचपन'2021-08-1129 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Hum panchhi unmukt gagan ke : Shivmangal Singh Sumanपॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ शिवमंगल सिंह सुमन की कविता 'हम पंछी उन्मुक्त गगन के'2021-08-1129 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Aise Aise : Vishnu Prabhakarपॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ विष्णु प्रभाकर की एकांकी ' ऐसे-ऐसे'2021-08-1127 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Himalaya ki betiyan : Nagarjunपॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ नागार्जुन का निबंध 'हिमालय की बेटियां'2021-08-1128 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Chand se thodi si gappen: Shamsherपॉडकास्ट हिंदी शिक्षण के अंतर्गत केविसं भोपाल संभाग द्वारा प्रस्तुत पाठ शमशेर की कविता 'चाँद से थोड़ी सी गप्पें'2021-08-1127 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Shashi Bhooshan ki kavita Dostiसाथी किताब सी तुम्हारी दोस्ती.2021-08-0100 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Vinay Saurabh ki kavita Jildsaaz"जैसे मन के दीपक में तेल कम हो रहा था/ और एक रात में हरा जंगल/ जैसे खाली ठूंठ रह गया था उसके जाने की बात सुनकर/ इलाके में पुरानी किताबें न थीं इसलिए सुबंधु वापस जा रहा था।"2021-08-0105 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Premchand ki kahani Thakur ka kuaan"ब्राह्मणदेवता आशीर्वाद देंगे, ठाकुर लाठी मारेंगे, साहूजी एक के पाँच लेंगे । ग़रीबों का दर्द कौन समझता है ! हम मर भी जाते हैं, तो कोई दुआर पर झाँकने नहीं आता, कंधा देना तो बड़ी बात है । ऐसे लोग कुएँ से पानी भरने देंगे ?"2021-07-3109 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Megha Goswami ki kahani Besudhमैं इरफान के लिए रोये जा रही हूँ, पर मैं खान अंकल के यहाँ जाने की हिम्मत नहीं कर पा रही. xxx मैंने अपने यहाँ काम करने वाली दीदी को फ़ोन किया है, वह थोड़ी परेशान है, अब घर में कुछ ही पैसा बचा है, खाना और कोई सुविधा भी नहीं है, पर वह खुश है. उनका परिवार जिंदा है, यही उसकी खुशी है. :कहानी का अंश.2021-07-2106 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Ambedkar | Koi hindu kyon hai"क्या हरेक हिन्दू के सामने यह सवाल नहीं है कि उसके अपने धर्म के बारे में इतनी ऊहापोह क्यों है? इतनी उलझन क्यों है? वह ऐसे मामूली सवालों का जवाब क्यों नहीं दे पाता; जिनका उत्तर प्रत्येक पारसी, प्रत्येक ईसाई और प्रत्येक मुसलमान के पास है। क्या यह उचित समय नहीं है कि वह आत्मावलोकन करे कि क्या कारण हैं, जिनके फलस्वरूप यह धार्मिक अव्यवस्था बनी हुई है?" - डॉ भीमराव अम्बेडकर2021-07-2010 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Man jab khana parosti thi: Chandrakant Devtale"अब खाने की वैसी राहत और बेचैनी दोनों ही ग़ायब हो गयी हैं/ अब सब अपनी अपनी ज़िम्मेदारी से खाते हैं/ और दूसरे के खाने के बारे में एकदम निश्चिंत रहते हैं।" चंद्रकांत देवताले2021-07-1703 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Mai tum logon se dur hun: Muktibodh"मैं कनफटा हूँ हेठा हूँ/ शेव्रलेट-डॉज के नीचे मैं लेटा हूँ/ तेलिया लिबास में पुरज़े सुधारता हूँ/ तुम्हारी आज्ञाएँ ढोता हूँ।"2021-07-1602 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Tum Kaun Kyon Bole : Shashi Bhooshanपरिपक्वता के साथ ही सरलता आती है. शशिभूषण की इस कविता में अभिव्यक्ति सम्भार(Rhetoric) एवं दृष्टि(Vison) हैं: किसलय जड़िया, आवाज़ एवं शब्द.2021-07-1002 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़अनामिका की कविता पत्ता-पत्ता बूटा-बूटाज़्यादा बूढ़ी औरतें दौड़ भी नहीं पातीं भगदड़ में ! माँ, तुम बूढ़ी मत हो जाना कभी !2021-06-1803 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़'तुम्हें खोजने का खेल खेलते हुए' किताब से दो अंशतुम्हें खोजने का खेल खेलते हुए(विष्णु खरे की कविताओं के बारे में कुछ बातें) प्रसिद्ध कवि-लेखक और रंगकर्मी व्योमेश शुक्ल की नयी किताब है। यह वाणी प्रकाशन, नयी दिल्ली से प्रकाशित है।2021-06-1702 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़वापसी : विनीत तिवारी"वापस हूँ कि जीवन की बुलंदी में शामिल रहे मेरी भी आवाज़।"2021-06-1701 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Vishnu Khare ki kavita Hamari Patniyan"हमारी पत्नियों की ज़िंदगी/सिर्फ़ उस दिन से शुरू होती है/जब हमने उन्हें पहली बार देखा था।"2021-06-0406 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Vishnu Khare ki kavita Svikaar"आप जो सोच रहे हैं वही सही है/मैं जो सोचना चाहता हूँ वह ग़लत है।"2021-06-0401 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Vishnu Khare ki kavita Usi Tarah"मैं अकेली औरतों और अकेले बच्चों को ज़मीन पर बैठे खाना खाते नहीं देख सकता।"2021-06-0302 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Vishnu Khare ki kavita Kookar"मैं सिर्फ़ आगाह कर देना चाहता हूँ कि मुझसे दूर रहा जाए।"2021-06-0304 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Vishnu Khare ki kavita Ek Kam"कम से कम एक आदमी से तो निश्चिंत रह सकते हो।"2021-06-0301 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Anamika ki kavita Kashmeeriyat"इतिहास की गाँठें भी निकलेंगी, बेटी ऐसे ही धीरज से ईमान से! अखरोट की खेती है लेकिन ईमानदारी इसके फल जल्दी नहीं लगते।"2021-06-0311 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Rashmirathee Pratham Sarg"मैं क्या जानूँ जाति ? शरमाते हैं नहीं जगत में जाति पूछने वाले।" - कर्ण2021-05-2217 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़'उपसंहार' उपन्यास मनुष्यता के लिए जन-उभार का आह्वान हैभारत में गीता सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ क्यों माना गया ? माना जाता है ? क्योंकि इसके केंद्र में धर्म है, धर्म युद्ध है और यह किताब हिंदुत्व को जँचती है। वरना, कोई पढ़ने पर आएगा तो ख़ुद जान जाएगा भारत में गीता से श्रेष्ठ ग्रन्थ धम्मपद है। इसके केंद्र में मनुष्यता है, करुणा और शांति है। कहना ही होगा और कुछ अर्थों में दोहराना कि गीता वास्तव में धम्मपद की ही काट है। भारत में राक्षस कोई और नहीं स्वर्ग, ईश्वर और आत्मा को न मानने वाले यहीं के निवासी हैं फिर चाहे वे बौद्ध रहे हों या दूसरे नास्तिक। क्या हम ग्रंथ निर्मित समाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक अन्याय की काट ग्रंथों में ही देख पाते हैं ? क्या हमने कभी सोचा है कि मनुस्मृति एक मेनिफेस्टो है और इससे अनगिन ग्रंथ निकले ? आप महाभारत पढ़ें रामायण पढ़ें, पुराण या कुछ और इनकी नीति और न्याय मनुस्मृति की नीति और न्याय हैं। एक उदाहरण से अपनी बात कहूँ तो मैं महाभारत और कृष्ण कथा के उपसंहार यानी काशीनाथ सिंह के उपन्यास 'उपसंहार' का उदाहरण दूँगा। उपन्यास 'उपसंहार' में क्या है ? इसमें भारतीय उपमहाद्वीप ही नहीं दुनिया भर में प्रसिद्ध और जीवंत स्मृति बन चुके एक महा आख्यान का संक्षिप्त हिंदी औपन्यासिक रूप है। यह उपन्यास अद्वितीय है। महाभारत को ऐसी विश्व युद्ध दृष्टि से आज तक किसी हिंदी लेखक ने नहीं देखा और न ही रचा। उपसंहार एक ऐसी उपन्यासकार दृष्टि है जिसमें दुनिया का कोई धार्मिक राष्ट्रवादी विनाश ही नहीं भारत में हिंदुत्व युद्ध का भी अंजाम दिखता है। मैं इसे हिंदी की एक बेहद प्रभावशाली और खरी दूरदर्शी कृति की तरह देखता हूँ। 'उपसंहार' भारतीय जनमानस की स्मृति से भी गहरे अध्यात्म में बसे एक महा नायक कृष्ण के बहाने दुनिया भर में हो चुके अथवा भारत में होने वाले नरसंहार का खुलासा है। काशीनाथ सिंह जी ने कहा भी था कि इसे लिखते हुए यानी कृष्ण के जीवन का उत्तरार्द्ध संक्षेप में लिखते हुए मेरे ध्यान में हिटलर था तो मोदी भी थे। मैं सालों से इस कृति को पढ़ने, इस पर नाटक खेले जाने की अपील करता रहा हूँ। अंधा युग ने जहां कृष्ण को केवल एक श्राप दंड का फ़ैसला लिया था वहीं उपसंहार आज के किन्हीं कृष्ण जो अपने धर्म-राज के लिए गीता लेकर घूमते हैं को सज़ा देने लायक जन उभार का सपना देखता है। ©शशिभूषण2021-05-1904 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़भगत सिंह अपना अंतिम समय कैसे बिता रहे थे ?"मैंने महसूस किया है कि अगर आप भगत सिंह के प्रेम में पड़ गए तो उतना प्रेम किसी को नहीं कर पायेंगे। भगत सिंह प्रेम पाने और बलिदान देने के अंतिम उदाहरण सरीखे हैं। वे ईमान और देशप्रेम के युवा शिखर हैं। शहीद भगत सिंह शहीदों में भी महान हैं।" -शशिभूषण2021-03-2304 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़अनामिका की कविता मौसियाँमौसियाँ, अनामिका जी की एक ऐसी कविता है जिसे सुनकर नेह-छोह और स्मृतियों का छूट गया घर संसार आंखों के सामने आ जाता है। भीतर तरलता उतर आती है। यह कविता इतनी सादी है कि मन मोह लेती है। इस कविता में जितना छूट गया है उससे कई गुना समा आया है। अक्सर लगता है यह छूट जाना हमारे अपने मन से भरने के लिए है। क्योंकि कविता अनामिका जी की है लेकिन मौसियाँ हम सबकी हैं। ऐसी कविताएँ ही हमें अनुभूतियों से धनी बनाती हैं। इनमें ऐसा मोह होता है जो हमें मानवीय बनाता है और केवल हिंदी कविता में ही हो सकता है। अनामिका जी को मेरी ओर से साहित्य अकादमी सम्मान की दिली बधाई ! अनामिका जी और उनका साहित्य मेरे लिए बहुत प्रीतिकर हैं। मैं उन्हें देखते हुए यही सोचता हूँ कि साहित्य अकादमी उन्हें बहुत पहले मिल जाना चाहिए था। क्योंकि तभी इस बार ज्ञान चतुर्वेदी जी के उपन्यास पागलख़ाना को यह सम्मान मिल पाता (शशिभूषण)2021-03-1903 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़घर : ख़लील जिब्रान"उन मक़बरों में मत रहो जो मुर्दों ने जीवितों के लिये बनाये हैं।" - ख़लील जिब्रान2021-03-1606 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़कार्ल मार्क्स की समाधि पर दिया गया एंगेल्स का भाषणसंसार भर के लिए कार्ल मार्क्स ऐसे अपराजेय योद्धा, महान क्रांतिकारी और महामानव हैं जिनके सिद्धांतों और असमाप्त कार्यों के लिए यदि जान भी जाने का ख़तरा उत्पन्न होता हो तो भी शायद ही दुनिया में कोई ईमानदार मनुष्य कभी पीछे हटे या जीवन में कभी पछताए। भारत में ऐसे मनुष्य केवल एक ही हुए, सिद्धार्थ गौतम। जिन्हें संसार भर में महामानव बुद्ध के नाम से जाना जाता है। हम भारतीय होने के नाते चाहें तो इस होनी पर अतिरिक्त गर्व कर सकते हैं कि संसार में बुद्ध, मार्क्स से पहले हुए और यह गर्व करते हुए मार्क्स और बुद्ध के दिखाए रास्ते पर आजीवन चलते रह सकते हैं। 27 मार्च 1883 को कार्ल मार्क्स की समाधि पर दिया गया एंगेल्स का यह भाषण ऐसा है जिसे सुनने के बाद कभी नहीं भुलाया जा सकता। (शशिभूषण)2021-03-1406 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़बालक : ख़लील जिब्रानबच्चों के अस्तित्व, सृजनात्मकता, उन्नति और आज़ादी के विषय में ख़लील जिब्रान की यह रचना अत्यंत मानवीय और प्रेमपूर्ण है।2021-03-0502 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़सबसे ख़तरनाक : अवतार सिंह पाशअवतार सिंह पाश की कविता 'सबसे ख़तरनाक' ऐसी कालजयी कविता है जो सबसे बुरे के विषय में बताकर सबसे अच्छे की पहचान करा देती है। इस कविता में जो सबसे बुरा है के बहाने जो करना ही चाहिए जो हमसे होना ही चाहिए का पता चल जाता है।2021-02-2803 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़प्रतिबद्धता : पाशहम झूठ मूठ का कुछ भी नहीं चाहते...और हम सब कुछ सचमुच का देखना चाहते हैं...ज़िन्दगी, समाजवाद या कुछ भी और...-पाश2021-02-2702 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़नये शेखर की जीवनी : अविनाश मिश्र"कई कविताओं की राख से एक जीवन पैदा हुआ। जीवित रहने के लिए कविताएँ जलानी पड़ती हैं। जीवन सारी योजनाओं के केंद्र में नज़र आता है और कविताएँ सारी योजनाओं से बाहर। जीवन को बनाया जाता है और कविताएँ ख़ुद बन जाती हैं। ख़ुद बनना संसार में सम्मान का सबब है। लेकिन खुद बनना सारी योजनाओं से बाहर होना है।" - अविनाश मिश्र2021-02-2107 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़वर दे, वीणावादिनि वर दे : निरालानिराला रचित यह सरस्वती वंदना मन का मैल दूर कर बुद्धि को उद्दात और सार्वभौम बनाने वाली प्रार्थना है।2021-02-1601 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़हम लड़ेंगे साथी : अवतार सिंह पाशलड़ते हुए मर जाने वालों की याद ज़िंदा रखने के लिए ... हम लड़ेंगे साथी...2021-02-1503 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़भारत : पाशपाश की कविता 'भारत' देश, खेतों और देश के लोगों के दिल का हलफ़नामा है।2021-02-1401 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़मैं अब विदा लेता हूँ : पाशपाश की कविता 'मैं अब विदा लेता हूँ' प्रेम, सरोकार और क्रांतिकारिता की अविस्मरणीय कविता है।2021-02-1307 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़प्रेम : खलील जिब्रानप्रेम के विषय में खलील जिब्रान की यह रचना प्रेम जितनी ही ह्रदय ग्राही है।2021-02-1304 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़लखनवी अंदाज़ : यशपालयशपाल का व्यंग्य लखनवी अंदाज़2020-12-2407 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़गुजरात के मृतक का बयान : मंगलेश डबरालमंगलेश डबराल की अत्यंत मार्मिक और अविस्मरणीय कविता गुजरात के मृतक का बयान2020-12-1704 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़बच्चों के लिए एक चिट्ठीमंगलेश डबराल की कविता बच्चों के लिए एक चिट्ठी2020-12-1602 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़मंगलेश डबराल को श्रद्धांजलिसुप्रसिद्ध कवि मंगलेश डबराल को श्रद्धांजलि और उनकी एक कविता, 'हमारे शासक'2020-12-1604 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़नेहा नरूका की दो कविताएँमैं कभी किसी से नफ़रत क्यों नहीं कर पाती जबकि मैं करना चाहती हूँ...और सबने प्यार करना बंद कर दिया... धीरे-धीरे सब विष में बदलने लगे...।2020-12-0702 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़भारत माता : जवाहर लाल नेहरू'भारत माता' आलेख में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने हिंदुस्तान की एकता और भारत माता की जय का वास्तविक अभिप्राय प्रतिपादित किया है।2020-11-2006 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़मुक्तिबोध की कविता शून्यमुक्तिबोध की कविता 'शून्य' आत्मालोचन की एक श्रेष्ठ कविता है। ऐसी कविता जिसका मैं कवि का ही आत्म नहीं बल्कि विश्व मनुष्य का अंतर्मन है।2020-11-1302 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़ऋतुराज की कविता कन्यादानहाशिये के समाज और लोकजीवन से गहरा जुड़ाव रखने वाले कवि ऋतुराज की कविता 'कन्यादान' स्त्रियों के प्रति जब वे बेटी लड़की होती हैं तब से प्रगतिशील दृष्टि की श्रेष्ठ रचना है।2020-11-1301 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़अब्राहम लिंकन का अपने पुत्र के अध्यापक को लिखा मार्मिक पत्रअब्राहम लिंकन का यह पत्र शिक्षकों के लिए सबसे आत्मीय और भरोसेमंद पथ-प्रदर्शक जैसा है। यह शिक्षकों के लिए लिखा गया है मगर विद्यार्थियों की आनेवाली पीढ़ियों के लिए भी उतना ही खरा है।2020-11-1103 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़सहर्ष स्वीकारा हैमुक्तिबोध की प्रतिनिधि कविताओं में से एक सहर्ष स्वीकारा है प्रेमपूर्ण और अत्यंत प्रेरक कविता है। इस कविता में जीवन के सब सुख दुःख, संघर्ष- अवसाद, उठा-पटक सम्यक भाव से स्वीकार करने का भाव है। यह कविता हमें प्रेरणा, प्रेम और मानवीय मूल्यों के प्रति सहज समर्पित रहने का भी बोध कराती है।2020-11-0402 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़जॉर्ज पंचम की नाकजॉर्ज पंचम की नाक कमलेश्वर की प्रतिनिधि कहानी है। यह कहानी औपनिवेशिक दासता के कारण और उसके गहरे दीर्घकालिक प्रभाव में नौकरशाही, कला, मीडिया और राजनीति की मानसिक ग़ुलामी की सजीव दास्तान है।2020-10-2716 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़तोलस्तोय की कहानी ज़ार के लिए प्रार्थना करने वाले मेढ़कविश्व के महान कहानीकार और उपन्यासकार लेव तोलस्तोय की यह कहानी पीपीएच(प्रा.) लिमिटेड से प्रकाशित किताब 'बच्चो सुनो कहानी' में संकलित है।2020-10-2601 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़विद्रोही की कविता नूर मियाँरामशंकर यादव विद्रोही की कविताएं सरोकार और क्रांतिकारिता की मिसाल हैं। नूर मियां कविता में एक ऐसी स्मृति है जो भारत की मनुष्यता और मिली जुली संस्कृति की स्मृति है।2020-10-1103 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़लुइस ग्लुक की कविता एक फ़ैंटेसी2020 के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकन कवयित्री लुईज ग्‍लुक की इस कविता का अनुवाद हिंदी के जाने माने कवि कुमार अम्बुज ने किया है। बकौल कुमार अम्बुज जी "उनकी कुछ कविताएँ पढ़ी हैं। उनके संचयिता संग्रह में से एक कविता A Fantasy का फौरी अनुवाद, बतौर उनके सम्‍मान के लिए, बधाई के साथ। यह कविता संग्रह 'अराराट' में संकलित है।"2020-10-0902 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़फिराक़ गोरखपुरी की ग़ज़लजो मुझको बदनाम करे हैं काश वे इतना सोच सकें मेरा परदा खोले हैं या अपना परदा खोले हैं।2020-09-3003 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़रज़िया सज्जाद ज़हीर की कहानी नमकनमक एक कालजयी कहानी है। ऐसी कहानी जो भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों के दिल में बसी अपने वतन के लिए मोहब्बत की अमिट दास्तान है। निःशब्द कर देने वाला और दिल को दरिया बनाने वाला अविस्मरणीय मार्मिक क़िस्सा। इस कहानी की व्याख्या नहीं हो सकती। इसका मूल्यांकन मोहब्बत को आज़माना होगा। इस कहानी का एक-एक वाक्य दिल को आंखों से होकर ज़बान की ओर उमड़ता दाद का झरना बना देता है। कहानी जिसके वाक्य दर वाक्य जज़्बात और इंसानियत के लेख हैं।2020-09-2921 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़शेखर जोशी की कहानी गलता लोहा'गलता लोहा' शेखर जोशी की प्रतिनिधि कहानियों में से एक है। कहानी कला की दृष्टि से यह कहानी एक श्रेष्ठ कहानी है। 'गलता लोहा' समाज के जातिगत विभाजन को गहराई और कई कोणों से उदघाटित करती है। यह कहानी श्रम आधारित बंधुता सम्मान समता की ओर प्रवृत्त करती है।2020-09-2822 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़मेरे मरते मर जायेगा ईश्वर भी : फिरोज़ ख़ानफिरोज़ ख़ान की कविता 'मेरे मरते मर जायेगा ईश्वर भी' से हमारा सामना ओझल रहने वाले एक दारुण सत्य से होता है। वह सत्य क्या है ? इंसान के मरने पर वे सब मरते हैं, जो उसके भीतर जीवित होते हैं। यहां तक कि माँ भी मरती है और ईश्वर भी मर जाता है।2020-07-0303 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़रामवृक्ष बेनीपुरी का रेखाचित्र बालगोबिन भगतरामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा लिखित रेखाचित्र 'बालगोबिन भगत' एक कबीरपंथी गृहस्थ साधु की खरी दास्तान है। इंसानियत से भरी अनूठी सच्ची जीवन कथा। सामाजिक सोद्देश्यता और व्यक्तिगत त्याग के संयोग से निर्मित जिसमें श्रम की आभा है एक साधारण इंसान की इससे विलक्षण अमिट कथा दूसरी हो नहीं सकती। हम जैसे- जैसे बालगोबिन भगत के स्मृति शेष जीवन में प्रवेश करते हैं मन निर्मल, कर्मठ और उदात्त होने लगता है। इस अप्रतिम रेखाचित्र में खेतीबारी करने वाले एक आम इंसान के जीवन की सार्थकता को जो संगीत, सौजन्य और लोकधर्म से ओतप्रोत है आत्मीयता और गहराई से चित्रित किया गया है। एक साधारण इंसान में विधवा विवाह के प्रति जैसी सहज दृष्टि देखने में आती है वह लोगों में बल और प्रेरणा भरने वाली है। रेखाचित्र पूरा पढ़ते-पढ़ते बालगोबिन भगत एक पथ प्रदर्शक उदाहरण की तरह दिल में बस जाते हैं।2020-07-0318 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़उजाले में आजानुबाहु : दिनेश कुशवाहदिनेश कुशवाह की लंबी कविता 'उजाले में आजानुबाहु' विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र कहे जाने वाले आज के लुटते पिटते भारत में नाना प्रकार के वक्तव्यों का कच्चा चिट्ठा है। बड़बोले इस कविता का बीज शब्द है। कविता की सफलता यह है कि बड़बोलों में देश डिकोड होता है।2020-06-3017 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़गुंग महल : विष्णु खरे'गुंग महल' विष्णु खरे की ही नहीं हिंदी की प्रतिनिधि लंबी कविताओं में से एक है। यह कथा कविता प्रतिपादित करती है कि ईश्वर या अल्लाह की अपनी कोई भाषा नहीं होती, बल्कि भाषा इंसानों की होती है। संसार में क़ौम अलग-अलग हो सकती हैं, मज़हब अलग-अलग हो सकते हैं, मगर ज़बान और इंसानियत अभिन्न हैं। भाषा और मनुष्यता एक ही हैं।2020-06-2811 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़नेताजी का चश्मा : स्वयं प्रकाश'नेताजी का चश्मा' कभी न भूलने वाली कहानी है। ऐसा लगता है जैसे कथाकार स्वयं प्रकाश ने बातों ही बातों में मर्म, विनोद और सरोकारों से रचा एक सहज अविस्मरणीय आख्यान बुन दिया है। यह कहानी जितनी अनूठी, दिलचस्प है उतनी ही मार्मिक और उम्मीद भरी है। यह कहानी सचमुच की देशभक्ति का एक अमिट पाठ है।2020-06-2816 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़पतंग : आलोकधन्वाआलोकधन्वा की कविता, 'पतंग' बच्चों, पतंग और शरद के बहाने जीवन, प्रकृति, धरती, बचपन, उत्साह, सपनों, संघर्ष, जिजीविषा, सामूहिकता, नव सृजन और मनुष्यता की रागात्मक अभिव्यक्ति है। इस कविता में कोमलतम अनुभूतियां और श्रेष्ठतम स्वप्न-संकल्प साथ-साथ प्रकट हुए हैं।2020-06-2703 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़प्रेमचंद के फटे जूते : हरिशंकर परसाई'प्रेमचंद के फटे जूते' अत्यंत मार्मिक और अविस्मरणीय निबन्ध है। इसमें प्रेमचंद के प्रति सम्मान, हार्दिकता और समय समाज के प्रति व्यंग्य श्रेष्ठतम रूप में प्रकट हुए हैं। बहुत कम शब्दों में हरिशंकर परसाई ने महान कथाकार प्रेमचंद के संघर्षों, सादगी और अपराजेय मनुष्यता को सर्वथा प्रकट कर दिया है। यह निबन्ध प्रेमचंद और परसाई दोनों की ही लेखकीय खूबियों का आईना है। यह श्रद्धा स्मरण एक कृति है।2020-06-2610 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़गुब्बारे वाला : कविता जड़ियापिछले दिनों मध्य प्रदेश के शाजापुर से एक ख़बर आई कि फुग्गे और गुब्बारे बेचने वाले एक ग़रीब ने आत्महत्या कर ली। कारण छोटा सा था कि गलियों में उसके फुग्गे और गुब्बारे कोई नहीं ख़रीद रहा था। कोरोना संक्रमण के डर से शायद लोग सोचते होंगे कि ये फुग्ग्गे या गुब्बारे मुँह से फुलाये गए हैं। बच्चों को कोरोना रोग लग सकता है। इस बात से गुब्बारे वाले की रोज़मर्रा की मामूली आमदनी बंद हो गयी। उसके घर में खाने के इंतज़ाम को पैसे नहीं बचे। परिवार लाचारी में पड़ गया। अख़बार में यह ख़बर पढ़कर लॉक डाउन के ही दिनों में लिखी गयी कविता जड़िया की एक मार्मिक कविता 'गुब्बारे वाला' याद आ गयी। आप भी सुनियेगा।2020-06-1903 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़आधा गाँव की भूमिका : राही मासूम रज़ामहान उपन्यासकार राही मासूम रज़ा के कालजयी उपन्यास 'आधा गाँव' की भूमिका2020-06-1407 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़2020 में गाँव की ओर : विष्णु नागरकविता : 2020 में गाँव की ओर. कवि: विष्णु नागर.2020-06-1304 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़हमें गोली से उड़ा दिया जाए : भगत सिंहहमें गोली से उड़ा दिया जाए: भगत सिंह2020-06-1209 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़हिमालय और हमकविता : हिमालय और हम. कवि : गोपाल सिंह नेपाली.2020-06-1202 minHamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Hamari Aavaaz हमारी आवाज़नमस्कार! हमारी आवाज़ में आप सबका स्वागत है...2020-06-0703 min