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Startup Story (RaiBhiLo)

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RaiBhiLo | raibhiloAAG KI BHEEKHआग की भीख धुँधली हुई दिशाएँ, छाने लगा कुहासा, कुचली हुई शिखा से आने लगा धुआँसा। कोई मुझे बता दे, क्या आज हो रहा है, मुंह को छिपा तिमिर में क्यों तेज सो रहा है? दाता पुकार मेरी, संदीप्ति को जिला दे, बुझती हुई शिखा को संजीवनी पिला दे। प्यारे स्वदेश के हित अँगार माँगता हूँ। चढ़ती जवानियों का श्रृंगार मांगता हूँ। बेचैन हैं हवाएँ, सब ओर बेकली है, कोई नहीं बताता, किश्ती किधर चली है? मँझदार है, भँवर है या पास है किनारा? यह नाश आ रहा है या सौभाग्य का सितारा? आकाश पर अनल से लिख दे अदृष्ट मेरा, भगवान, इस तरी को भरमा न दे अँधेरा। तमवेधिनी किरण का संधान माँगता हूँ। ध्रुव की कठिन घड़ी में, पहचान माँगता हूँ। आगे पहाड़ को पा धारा रुकी हुई है, बलपुंज केसरी की ग्रीवा झुकी हुई है, अग्निस्फुलिंग रज का, बुझ डेर हो रहा है, है रो रही जवानी, अँधेर हो रहा है! निर्वाक है हिमालय, गंगा डरी हुई है, निस्तब्धता निशा की दिन में भरी हुई है। पंचास्यनाद भीषण, विकराल माँगता हूँ। जड़ताविनाश को फिर भूचाल माँगता हूँ। मन की बंधी उमंगें असहाय जल रही है, अरमानआरज़ू की लाशें निकल रही हैं। भीगीखुशी पलों में रातें गुज़ारते हैं, सोती वसुन्धरा जब तुझको पुकारते हैं, इनके लिये कहीं से निर्भीक तेज ला दे, पिघले हुए अनल का इनको अमृत पिला दे। उन्माद, बेकली का उत्थान माँगता हूँ। विस्फोट माँगता हूँ, तूफान माँगता हूँ। आँसूभरे दृगों में चिनगारियाँ सजा दे, मेरे शमशान में आ श्रंगी जरा बजा दे। फिर एक तीर सीनों के आरपार कर दे, हिमशीत प्राण में फिर अंगार स्वच्छ भर दे। आमर्ष को जगाने वाली शिखा नयी दे, अनुभूतियाँ हृदय में दाता, अनलमयी दे। विष का सदा लहू में संचार माँगता हूँ। बेचैन ज़िन्दगी का मैं प्यार माँगता हूँ। ठहरी हुई तरी को ठोकर लगा चला दे, जो राह हो हमारी उसपर दिया जला दे। गति में प्रभंजनों का आवेग फिर सबल दे, इस जाँच की घड़ी में निष्ठा कड़ी, अचल दे। हम दे चुके लहु हैं, तू देवता विभा दे, अपने अनलविशिख से आकाश जगमगा दे। प्यारे स्वदेश के हित वरदान माँगता हूँ। तेरी दया विपद् में भगवान माँगता हूँ। - रामधारी सिंह 'दिनकर' --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/raibhilo/message
2021-09-1903 minRaiBhiLo | raibhilo
RaiBhiLo | raibhiloDO ANUBHUTIYA!This a poem by Lt. Atal ji and very close to my heart hope like the one दो अनुभूतियाँ – अटल बिहारी वाजपेयी पहली अनुभूति: गीत नहीं गाता हूँ बेनक़ाब चेहरे हैं, दाग़ बड़े गहरे हैं टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूँ गीत नहीं गाता हूँ लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूँ गीत नहीं गाता हूँ पीठ मे छुरी सा चांद राहू गया रेखा फांद मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूँ गीत नहीं गाता हूँ दूसरी अनुभूति: गीत नया गाता हूँ टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक रात प्राची मे अरुणिम की रेख देख पता हूँ गीत नया गाता हूँ टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी अन्तर की चीर व्यथा पलको पर ठिठकी हार नहीं मानूँगा, रार नहीं ठानूँगा, काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ गीत नया गाता हूँ ~ अटल बिहारी वाजपेयी --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/raibhilo/message
2021-09-1001 minRaiBhiLo | raibhilo
RaiBhiLo | raibhiloMAUT SE THAN GAYIठन गई! मौत से ठन गई! जूझने का मेरा इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था, रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई। मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं। मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं? तू दबे पांव, चोरी-छिपे से न आ, सामने वार कर फिर मुझे आजमा। मौत से बेखबर, जिंदगी का सफ़र, शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर। बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं, दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं। प्यार इतना परायों से मुझको मिला, न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला। हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए, आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए। आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है, नाव भंवरों की बांहों में मेहमान है। पार पाने का क़ायम मगर हौसला, देख तेवर तूफ़ां का, तेवरी तन गई। मौत से ठन गई। --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/raibhilo/message
2021-09-0901 minRaiBhiLo | raibhilo2021-09-0603 minRaiBhiLo | raibhilo2021-09-0503 minBABA BAKCHOD2021-08-2612 minRaiBhiLo | raibhilo2021-08-2103 minRaiBhiLo | raibhilo2021-08-1518 minBABA BAKCHOD2021-07-2507 minBABA BAKCHOD2021-07-2112 minRaiBhiLo | raibhilo2021-05-2008 minBABA BAKCHOD2021-03-1707 minBABA BAKCHOD2021-02-0809 minRaiBhiLo | raibhilo2020-11-2709 minBABA BAKCHOD2020-11-2103 minRaiBhiLo | raibhilo2020-11-1107 minBABA BAKCHOD2020-10-0601 minBABA BAKCHOD2020-09-2008 minBABA BAKCHOD2020-08-3107 minRaiBhiLo | raibhilo2020-08-3006 minRaiBhiLo | raibhilo2020-08-2802 minBABA BAKCHOD2020-08-2707 minBABA BAKCHOD2020-08-2607 minRaiBhiLo | raibhilo2020-07-0311 minRaiBhiLo | raibhilo2020-05-1810 minRaiBhiLo | raibhilo2020-02-2008 minRaiBhiLo | raibhilo2020-02-0216 minRaiBhiLo | raibhilo2019-12-0713 minRaiBhiLo | raibhilo2019-12-0701 minRaiBhiLo | raibhilo2019-12-0413 minRaiBhiLo | raibhilo2019-10-1602 minRaiBhiLo | raibhilo2019-09-2908 minRaiBhiLo | raibhilo2019-09-1404 minRaiBhiLo | raibhilo2019-09-0511 minRaiBhiLo | raibhilo2019-08-2212 minRaiBhiLo | raibhilo2019-08-1910 minRaiBhiLo | raibhilo2019-08-1105 minRaiBhiLo | raibhilo2019-08-0405 minRaiBhiLo | raibhilo2019-07-2805 minRaiBhiLo | raibhilo2019-07-1910 minRaiBhiLo | raibhilo2019-07-1201 minRaiBhiLo | raibhilo2019-07-0611 minRaiBhiLo | raibhilo2019-07-0503 minRaiBhiLo | raibhilo2019-07-0412 minRaiBhiLo | raibhilo2019-07-0400 min