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Manojdas

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Life@360°2023-04-2304 minLife@360°2023-04-0902 minAlles Leben ist Yoga2022-12-201h 25Life@360°2021-12-2404 minLife@360°2021-12-1606 minLife@360°2021-10-0804 minLife@360°
Life@360°Gandhi Jayanti Special : 2021 II गाँधी जयंती :2021 IIBe the change that you wish to see in the world.....words to live by....This Gandhi Jayanti, let's take a pledge to follow the path of truth and peace. जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका पहुँचे। तो उन्हें अपनी त्वचा के रंग के कारण नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा। एक बार यूरोपीय लोगों के साथ यात्रा के दौरान, उन्हें काली त्वचा के कारण ड्राइवर के पास फर्श पर बैठने के लिए कहा गया था। महात्मा गांधी ने ऐसा करने से मना करा जिसके कारण, उनके साथ मार पीट की गई। उस समय, गांधी जी को जबरदस्ती ट्रेन छोड़ने के लिए मजबुर किया गया था, और ऐसा इसलिए हुई क्योंकि उन्होंने प्रथम श्रेणी छोड़ने से इनकार कर दिया था। नतीजतन, उन्होंने पूरी रात रेलवे स्टेशन में बिताई और पूरी रात ठण्ड के कारण कांपते रहे। अगर हम इस घटना के अलावा भी उन्हें कई और घटनाओं का सामना करना पड़ा जिसमे कि असमान अधिकार और कई अन्य घटनाएं सामिल है। इन घटनाओं के बाद, महात्मा गांधी ने कुछ भारतीयों के साथ ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सवाल करना शुरू कर दिया। दक्षिण अफ्रीका से, महात्मा गांधी 1915 में भारत लौट आए। इस समय, वह बहुत लोकप्रिय थे, और उनकी प्रतिष्ठा बहुत बढ़ गई थी। इसलिए उन्हें एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रवादी के रूप में जाना जाता था। भारत वापस आने के बाद, गांधी जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बन गए। 1920 में, वह भारतीय कांग्रेस संगठन के नेता बने। स्वाधीनता संग्राम के एक हिस्से के रूप में, गांधी जी ने कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का शुभारंभ किया, जैसे कि खेड़ा सत्याग्रह, चंपारण सत्याग्रह, असहयोग, खीलाफत, सविनय अवज्ञा, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता की दिशा में एक कदम थी। Vaishnav Jana To - Flute Cover by bapuflute https://soundcloud.com/bapuflute/bapu...Creative Commons — Attribution 3.0 Unported (CC BY 3.0)Mashup Song Credits : Singer : Devotees Insanos, Deepshikha, Sidhant Recorded at Devotees Insanos Studios. Music : Devotees Insanos II Song and Music credits and copyright goes to the original singer and creator of the songs and music and to the Music producers.
2021-10-0209 minLife@360°
Life@360°सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है, इसके लिए कड़ी मेहनत Hard Work करें।Best Inspirational Stories – वस्तुतः सफलता व्यक्ति की सोच में होती है। जब हम विषम परिस्थितियों में सफल होने वाले साधारण व्यक्ति की कहानी पढ़ते हैं या सुनते है , तो इन Motivational कहानियों से मिलने वाली प्रेरणा हमारे मन-मस्तिष्क को उद्वेलित कर हमें सफलता की बुलन्दियों को छूने के लिए तैयार करती है, प्रोत्साहित करती है। ये ऐसी जीवन्त Inspirational / Motivational (Stories) कहानियाँ हैं, जो आपके जीवन की दिशा, आपके सोचने का ढंग एवं आपके जीने का अन्दाज बदलने हेतु आप में पर्याप्त ऊर्जा का संचार कर सकती हैं।  आज सुनिए संजय अरवाड़े महाराष्ट नासिक की दृढ़ निश्चय की जीती जागती मिसाल जो घोर विपनननता के बावजूद आईएएस बनने मे कामयाब रहे I 
2021-09-2609 minLife@360°
Life@360°PM Modi's Strongest Speech At UNGA : 2021 II प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का United Nations General Assembly में संबोधन IIप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का United Nations General Assembly में संबोधन II प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधन के दौरान कहा कि ये सुनिश्चित किया जाना ज़रूरी है कि अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आंतकवाद के लिए न हो. अपने भाषण की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, "गत डेढ़ वर्ष से पूरा विश्व, 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रहा है. ऐसी भयंकर महामारी में जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं और परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं." "मैं उस देश का प्रधिनिधित्व कर रहा हूं, जिसे मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है. लोकतंत्र की हज़ारों सालों की महान परंपरा रही है. इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आज़ादी के 75वें साल में प्रवेश किया है. हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है. हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है. एक देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अलग-अलग रहन-सहन, खानपान है. ये वाइब्रैंट डेमोक्रेसी का बेहतरीन उदाहरण है."
2021-09-2523 minLife@360°
Life@360°Durga Pooja II Mahishasur Mardini Stotram II Aigiri Nandini Stotram IIअयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुतेगिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥Ayi Giri-Nandini Nandita-Medini Vishva-Vinodini Nandi-NuteGiri-Vara-Vindhya-Shiro-[A]dhi-Nivaasini Vissnnu-Vilaasini Jissnnu-Nute |Bhagavati He Shiti-Kannttha-Kuttumbini Bhuri-Kuttumbini Bhuri-KrteJaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute || 1 ||Meaning:(O Divine Mother, I invoke You and take refuge in Your Auspicious Feet)1.1: Salutations to You O Divine Mother, I Invoke You; Who is the Daughter of the Mountain; By Whose presence the whole World is filled with Joy; For Whom the whole World is a Divine Play and Who is Praised by Nandi,1.2: (I Invoke You O Devi) Who Dwell on the Summit of the Vindhyas, the Best of the Mountains; Who give Joy to Lord Vishnu (as His sister) and Who is Praised by Lord Indra,1.3: O Goddess Bhagavati, Who is the Consort of the One with Blue Throat (Lord Shiva); Who has Many Many Relations in this World (being the Cosmic Mother) and Who has Created Abundance (in Creation),1.4: Victory to You, Victory to You, (I take Refuge in Yo
2021-09-2303 minLife@360°2021-09-2101 minLife@360°2021-09-2003 minLife@360°2021-09-1007 minLife@360°
Life@360°ACHYUTAM KESHAVAM KRISHNA DAMODARAM | JANMASHTAMI SPECIAL - POPULAR KRISHNA BHAJANBeautiful song Lord Krishna. Achyutam Keshavam Krishna Damodaram - krishna bhajan.  Achyutam Keshavam lyrics in english:  Achyutam Keshavam Krishna Damodaram,  Ram Narayanam Janaki Vallabham  Achyutam Keshavam Krishna Damodaram Ram Narayanam Janaki Vallabham  Kaun Kehte Hai Bhagavan Aate Nahi Tum Meera Ke Jaise Bulate Nahi Achyutam . . .  Kaun Kehte Hai Bhagavan Khate Nahi Ber Shabri Ke Jaise Khilate Nahi Achyutam . . .  Kaun Kehte Hai Bhagavan Sote Nahi Maa Yashodha ke Jaise Sulate Nahi Achyutam . . .  Kaun Kehte Hain Bhagavan Nachte Nahi Gopiyo ki Tarah Tum Nachate Nahi Achyutam . . . Ram Narayanam Janaki Vallabham  lyrics in hindi:  अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || -2  कौन कहता है भगवान आते नहीं, तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||  कौन कहता है भगवान खाते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||  कौन कहता है भगवान सोते नहीं, माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||  कौन कहता है भगवान नाचते नहीं, तुम गोपी के जैसे नचाते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||  कौन कहता है भगवान नचाते नहीं, गोपियों की तरह तुम नाचते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||  अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं ||  ------------- Send in a voice message: https://anchor.fm/manojdas0/message
2021-08-3007 minLife@360°2021-08-2707 minLife@360°
Life@360°|| कृष्ण भजन:कान्हा ||Shree Krishna Janmashtami Special || Janmashtami 2021 ||Janmashtami Ka Mahatva माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से व्रत करने पर भक्तों की मनोकामना पूरी होती हैं। जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर होता है अगर वो लोग इस दिन पूजा करते हैं तो उन्हें अच्छे फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति और संतान प्राप्ति के साथ-साथ दीर्घायु भी होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जनमाष्टमी के दिन बाल गोपाल को झूला झुलाने का भी बहुत ज्यादा महत्व है। लोग मंदिरों के साथ-साथ अपने घरों में भी बाल गोपाल को झूला-झूलाते हैं। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति कृष्ण जी को झूला झुलाता है तो उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान श्री कृष्ण विष्णु के आठवे अवतार थे कृष्णजन्माष्टमी उनका जनमोत्सव है। योगेश्वर कृष्ण के जन्माष्टमी को भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि में मथुरा में जन्म लिए। भगवान श्री कृष्ण स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस पावन पर्व के मौके पर भगवान की मोहक छवि देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु इस दिन पर मथुरा पहुंचते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा कृष्णमय हो जाता है। मंदिरों को खास तौर पर सजाया जाता है। ज्न्माष्टमी के दिन स्त्री-पुरुष बारह बजे तक अपना व्रत रखते हैं। इस शुभ दिन पर मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है। और साथ ही रासलीला का भी आयोजन किया जाता है.
2021-08-2307 minLife@360°
Life@360°Hanuman Chalisa : हनुमान चालीसा IFast Hanuman Chalisa in less than 10 Minutes I हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे-हनुमान चालीसा पढ़ने से शनि ग्रह और साढे़ साती का प्रभाव कम होता है.हनुमान जी राम जी के परम भक्त हुए हैं. हनुमान-चालीसा एक ऐसी कृति है, जो हनुमान जी के माध्यम से व्यक्ति को उसके अंदर विद्यमान गुणों का बोध कराती है. इसके पाठ और मनन करने से बल बुद्धि जागृत होती है. हनुमान जी कलयुग में जागृत देव हैं और बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देव हैं. राम भक्त हनुमान जी को संकट मोचन कहा जाता है.श्रीगुरु चरन सरोज रज  निजमनु मुकुरु सुधारि   बरनउँ रघुबर बिमल जसु  जो दायकु फल चारि   बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार  बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार    जय हनुमान ज्ञान गुन सागर  जय कपीस तिहुँ लोक उजागर   राम दूत अतुलित बल धामा  अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा   महाबीर बिक्रम बजरंगी  कुमति निवार सुमति के संगी   कंचन बरन बिराज सुबेसा  कानन कुण्डल कुँचित केसा   हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे  काँधे मूँज जनेउ साजे   शंकर सुवन केसरी नंदन  तेज प्रताप महा जग वंदन   बिद्यावान गुनी अति चातुर  राम काज करिबे को आतुर   प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया  राम लखन सीता मन बसिया   सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा  बिकट रूप धरि लंक जरावा   भीम रूप धरि असुर सँहारे  रामचन्द्र के काज सँवारे   लाय सजीवन लखन जियाये  श्री रघुबीर हरषि उर लाये   रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई  तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई   सहस बदन तुम्हरो जस गावैं  अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं   सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा  नारद सारद सहित अहीसा   जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते  कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते   तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा  राम मिलाय राज पद दीन्हा   तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना  लंकेश्वर भए सब जग जाना   जुग सहस्र जोजन पर भानु  लील्यो ताहि मधुर फल जानू   प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं  जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं   दुर्गम काज जगत के जेते  सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते   राम दुआरे तुम रखवारे  होत न आज्ञा बिनु पैसारे   सब सुख लहै तुम्हारी सरना  तुम रच्छक काहू को डर ना   आपन तेज सम्हारो आपै  तीनों लोक हाँक तें काँपै   भूत पिसाच निकट नहिं आवै  महाबीर जब नाम सुनावै   नासै रोग हरे सब पीरा  जपत निरन्तर हनुमत बीरा   संकट तें हनुमान छुड़ावै  मन क्रम बचन ध्यान जो लावै   सब पर राम तपस्वी राजा  तिन के काज सकल तुम साजा   और मनोरथ जो कोई लावै  सोई अमित जीवन फल पावै   चारों जुग परताप तुम्हारा  है परसिद्ध जगत उजियारा   साधु सन्त के तुम रखवारे  असुर निकन्दन राम दुलारे   अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता  अस बर दीन जानकी माता   राम रसायन तुम्हरे पासा  सदा रहो रघुपति के दासा   तुह्मरे भजन राम को पावै  जनम जनम के दुख बिसरावै   अन्त काल रघुबर पुर जाई  जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई   और देवता चित्त न धरई  हनुमत सेइ सर्ब सुख करई   सङ्कट कटै मिटै सब पीरा  जो सुमिरै हनुमत बलबीरा   जय जय जय हनुमान गोसाईं  कृपा करहु गुरुदेव की नाईं   जो सत बार पाठ कर कोई  छूटहि बन्दि महा सुख होई   जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा  होय सिद्धि साखी गौरीसा   तुलसीदास सदा हरि चेरा  कीजै नाथ हृदय महँ डेरा    पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप  राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप  I
2021-08-1707 minLife@360°2021-08-1608 minLife@360°
Life@360°Independence Day Special :2021 Jay Hind: Jay Bharatजय हिंद I स्वतंत्रा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 15 अगस्त की हार्दिक शुभकामनाएं I स्वतंत्रता दिवस का महत्व- 1757 में, ईस्ट इंडिया कंपनी ने प्लासी के युद्ध में बंगाल के अंतिम नवाब को हराया, जिसने भारत में ब्रिटिश शासन की शुरुआत को चिह्नित किया। भारतीय विद्रोह या स्वतंत्रता का पहला युद्ध 1857 में हुआ था जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक प्रमुख असफल विद्रोह था। वर्ष 1885 में, भारत की पहली राजनीतिक पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन किया गया था। और 1918 में प्रथम विश्व युद्ध के समापन के बाद, भारतीय कार्यकर्ताओं ने स्व-शासन या 'स्वराज' का आह्वान किया। 1929 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर की एक सभा में 'पूर्ण स्वराज' या भारत की स्वतंत्रता की घोषणा की। अंत में, ब्रिटिश सरकार और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच सत्र और बैठकों की एक श्रृंखला के बाद, लॉर्ड माउंटबेटन, जिन्होंने पूर्व-स्वतंत्र भारत के अंतिम वायसराय के रूप में कार्य किया, ने प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की। 15 अगस्त 1947 को, लॉर्ड माउंटबेटन ने ब्रिटिश भारत को दो नए स्वतंत्र राष्ट्रों में विभाजित किया; भारत और पाकिस्तान। इसके बाद से हर साल 15 अगस्त के दिन, भारत का राष्ट्रीय ध्वज कई सार्वजनिक स्थानों पर फहराया जाता है; प्रधान मंत्री ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को मनाने के लिए दिल्ली के लाल किले में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। ध्वजारोहण समारोह के साथ ही परेड और लोक-नृत्य की प्रस्तुतियां भी होती हैं। राष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में कई उत्सव होते हैं। स्कूलों और कॉलेजों सहित शैक्षणिक संस्थान, इस दिन के ऐतिहासिक महत्व के बारे में छात्रों को ज्ञान प्रदान करने के लिए एक विशेष समारोह की मेजबानी करते हैं। इस अवसर को मनाने के लिए बच्चे तिरंगे वाली पतंग उड़ाते हैं। Mashup Credits : Singers : Saheba, Pooja Giri, Puja Lucky Sharma  Music : Gaurav Singh II {{{{Vandematram Song : CCAttribution Licence}}}
2021-08-1508 minLife@360°
Life@360°Shiv Rudrashtakam सर्व कामना सिद्धि स्तोत्र - शिव रुद्राष्टकमशिव उपासना “रुद्राष्टकम”  Shiv prayer rudrashtakm shlok  श्री रुद्राष्टकम महाकवि तुलसीदास जी ने लिखा था | रुद्राष्टक भगवान शिव की उपासना हैं जिसमे उनके रूप, सौन्दर्य, बल का भाव विभोर चित्रण किया गया हैं |रुद्राष्टक काव्य संस्कृत भाषा में लिखा गया हैं | श्रीरामचरितमानस में लिखित 'शिव रुद्राष्टकम'अपने-आप में अद्भुत स्तुति है। अगर कोई भक्त विनय पूर्वक श्रीरामचरितमानस में वर्णित इस स्तुति का पाठ करता है तो शिव जी उससे प्रसन्न हो अपने भक्त को सभी मनोकामना पूरी करने के साथ हर कार्य में विजयी होने का आशीर्वाद भी देते हैं। श्रीरामचरितमानस में लंका विजय से पूर्व भगवान श्रीराम ने शिवजी की 'रुद्राष्टकम'  स्तुति का पाठ किया था और रावन पर विजयश्री प्राप्त की थी। अगर किसी के जीवन में परेशानियां है या कोई शत्रु परेशान कर रहा हो तो इस स्तुति का पाठ करने के बाद मिलने वाला शुभफल किसी चमत्कार से कम नहीं होता। इसका पाठ करते समय भावमग्न होकर भगवान शंकर से मन ही मन अपनी कामना को पूरी होने का निवेदन भी करते है। श्रद्धापूर्वक की गई थोड़ी सी प्रार्थना से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं भगवान शिवजी।Song credits : Singer - Dhvani Arora Music - Ramesh Mishra Producer - Baal Kishan Bunty II  Introductory Guest Speech- Mrs. Urvashi
2021-08-1407 minLife@360°2021-08-1011 minLife@360°2021-08-0834 minLife@360°
Life@360°OM NAMAH SHIVAY JAY JAY SHANKARभगवान शिव देवो के देव क्यों कहलाते है। भगवान शिव देवो के देव कहे जाते हैं । कहते हैं की शिव जी सदैव हितकारी देव हैं जो बहुत जलती अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। देवो के देव  की उपासना अत्यंत ही सरल है। इस कारण उन्हें अवढर दानी कहा जाता है। त्रिदेव में ब्रह्मा जी को सृष्टि कर्ता, भगवान विष्णु को पालन कर्ता और भगवान शिव को संहार का देवता माना गया है। उनके भाल पर पर चंद्रमा शोभामान है और उनकी सवारी नंदी है। उनके सिर के जटे से निकलती गंगा की धारा, गले में विषधर सर्प, शरीर में बाघ की छाल लपेटे हुए अन्य देवो से अलग करता है। उनके सवारी नंदी है जिसपर उन्हें सवार दिखाया जाता है।
2021-08-0406 minLife@360°2021-07-3019 minLife@360°2021-07-2626 minLife@360°2021-07-2522 minLife@360°2021-07-2226 minLife@360°2021-07-1819 minLife@360°2021-07-1617 minLife@360°2021-07-1004 minLife@360°2021-07-0505 minLife@360°2021-06-2706 min