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TeacherParv: Celebrating Learning2023-03-291h 19TeacherParv: Celebrating Learning2021-06-0418 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep29 | डॉ आरती विद्यान्तरिक्ष के साथ बातचीत | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep29 | डॉ आरती विद्यान्तरिक्ष के साथ बातचीत | TeacherParv Podcasts डॉ आरती 'विद्यान्तरिक्ष'  विद्यान्तरिक्ष विद्यान्तरिक्ष स्कूल की संस्थापक और प्रिंसिपल हैं। शिक्षा, बाल-मनोविज्ञान, बच्चों और अभिभावकों की काउंसलिंग आदि तमाम तरह के विषयों पर परिपक्व समझ और अनुभव रखती हैं।  आरती जी और अमित जी के ही विचार आपने विद्यान्तरिक्ष पेरेंटिंग श्रृंखला में सुने हैं। आइये आज उनसे ही बात करते हैं और जानते हैं क्या है विद्यान्तरिक्ष, क्या हैं एक विद्यालय और पेरेंट्स के साँझे सरोकार... अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें: TeacherParv[@]gmail.com Connect at https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-05-2815 minPodMOOCs: MOOCs through Podcasts2021-05-2404 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep28 | वाइपर, बच्चे और पेरेंटिंग | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep28 | वाइपर, बच्चे और पेरेंटिंग | TeacherParv Podcasts क्या वाइपर जैसी साधारण वस्तु से पेरेंटिंग के बारे में आप कुछ सीख सकते हैं?  जी हाँ, वही वाइपर जिसे आप हर रोज़ नहाने के बाद बाथरूम का पानी साफ करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। वैसे तो वाइपर दोनों साइड से काम करता है। लेकिन यदि आप वाइपर को सही साइड से इस्तेमाल करेंगे तो फर्श पर रुका पानी एकदम साफ हो जाएगा। और इस साइड से इस्तेमाल करते समय आपको कोई ताकत नही लगानी पड़ेगी। बस सिर्फ़ एक बार पूरे फर्श पर वाइपर घूमा दीजिए।  लेकिन यदि आपने गलत साइड से वाइपर का इस्तेमाल किया, तो समझिए कि आपको पानी साफ़ करने के लिए बहुत ताकत ओर समय लगेगा, और अंत मे, फ़र्श फिर भी पूरी तरह से साफ नही होगा (कोशिश करके देखें)।  अब इसी सिद्धान्त को आप पेरेंटिंग पर लागू करके देखिए। यदि आप अपने बच्चे को सही साइड (यानी उसके टैलेंट, व्यक्तित्व और नेचर के अनुसार) के हिसाब से हैंडल कर रहे हैं तो आपको उसपर कम ऊर्जा लगाकर, बिना कोई दबाव या तनाव दिए अपेक्षित परिणाम मिलेंगे।  लेकिन यदि आपने बच्चे को गलत साइड से हैंडल किया तो याद रखिये, पानी आपको फर्श पर ही मिलेगा। इसलिए अगली बार वाइपर को सही साइड से ही हैंडल करें।  और बच्चों को तो करना ही है। अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें: TeacherParv[@]gmail.com Connect at https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-05-0703 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep27 | नम्बरों की कोचिंग से क्या हासिल | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep27 |  नम्बरों की कोचिंग से क्या हासिल | TeacherParv Podcasts 2020 में लगभग 40 हज़ार सीटों के लिए 10 लाख से ज्यादा बच्चों ने JEE की परीक्षा दी। 2020 में ही करीब 1 लाख MBBS और BDS की सीटों के लिए लगभग 16 लाख बच्चों ने नीट की परीक्षा दी। इन 26 लाख बच्चों में से लगभग 95% बच्चे इन परीक्षाओं के लिए कोचिंग लेते हैं। सोचिये, कितना प्रेशर और तनाव झेलते हैं हमारे बच्चे। कोचिंग लेते समय प्रेशर से ना जाने हम कितने ही बच्चों को खो चुके हैं। फिर भी कहीं कोई सुधार नही दिखता। हर साल पहले से ज्यादा बच्चे कोचिंग लेते हैं, इन परीक्षाओं में बैठते हैं। चिंता उन बच्चों की ज्यादा होती है जिनका इंजीनियरिंग और मेडिकल कोर्सेज के लिए कोई एप्टीट्यूड नही होता। मेडिकल, इंजीनियरिंग काउंसलिंग के बाद करीब 24 लाख बच्चे बच जाते हैं। क्या करते हैं ये बच्चे? कुछ भी करें, लेकिन ये बच्चे टेस्ट पास ना कर पाने की टीस, माता पिता के सपने पूरे नही कर पाने का प्रेशर, और इसी कारण, कमजोर सेल्फ एस्टीम के साथ ताउम्र जीते हैं। क्या सच में इतना मुश्किल है मेडिकल, इंजीनियरिंग ओर कोचिंग के इस मायाजाल से बाहर निकलना। बिल्कुल नहीं। बस आपकी सोच और इच्छा होनी चाहिए। अपने बच्चे का टैलेंट समझें और उसी हिसाब से उसके लिए कोई कोर्स/ कैरियर चुनें। उलझन में हैं तो प्रोफेशनल सलाह लें। कैरियर कॉउंसल्लर की मदद लें। लेकिन भगवान के लिए, अपने बच्चों को ये बेवजह का तनाव मत दें। मत झोंकें उन्हें कोचिंग की इस भठ्ठी में। अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं:  https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें: TeacherParv[@]gmail.com Connect at https://twitter.com/TeacherParv  TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-05-0704 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep27 | नम्बरों की कोचिंग से क्या हासिल | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep27 | नम्बरों की कोचिंग से क्या हासिल | TeacherParv Podcasts 2020 में लगभग 40 हज़ार सीटों के लिए 10 लाख से ज्यादा बच्चों ने JEE की परीक्षा दी।  2020 में ही करीब 1 लाख MBBS और BDS की सीटों के लिए लगभग 16 लाख बच्चों ने नीट की परीक्षा दी।  इन 26 लाख बच्चों में से लगभग 95% बच्चे इन परीक्षाओं के लिए कोचिंग लेते हैं। सोचिये, कितना प्रेशर और तनाव झेलते हैं हमारे बच्चे। कोचिंग लेते समय प्रेशर से ना जाने हम कितने ही बच्चों को खो चुके हैं। फिर भी कहीं कोई सुधार नही दिखता। हर साल पहले से ज्यादा बच्चे कोचिंग लेते हैं, इन परीक्षाओं में बैठते हैं।  चिंता उन बच्चों की ज्यादा होती है जिनका इंजीनियरिंग और मेडिकल कोर्सेज के लिए कोई एप्टीट्यूड नही होता। मेडिकल, इंजीनियरिंग काउंसलिंग के बाद करीब 24 लाख बच्चे बच जाते हैं। क्या करते हैं ये बच्चे? कुछ भी करें, लेकिन ये बच्चे टेस्ट पास ना कर पाने की टीस, माता पिता के सपने पूरे नही कर पाने का प्रेशर, और इसी कारण, कमजोर सेल्फ एस्टीम के साथ ताउम्र जीते हैं। क्या सच में इतना मुश्किल है मेडिकल, इंजीनियरिंग और कोचिंग के इस मायाजाल से बाहर निकलना? बिल्कुल नहीं। बस आपकी सोच और इच्छा होनी चाहिए।  अपने बच्चे का टैलेंट समझें और उसी हिसाब से उसके लिए कोई कोर्स/ कैरियर चुनें। उलझन में हैं तो प्रोफेशनल सलाह लें। कैरियर कॉउंसल्लर की मदद लें। लेकिन भगवान के लिए, अपने बच्चों को ये बेवजह का तनाव मत दें। मत झोंकें उन्हें कोचिंग की इस भठ्ठी में। अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें: TeacherParv[@]gmail.com Connect at https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox. Spotify Playlist: https://open.spotify.com/playlist/4zgKsvPeUCFh5SRxuX09wL?si=c417cef26ed7465d --- Send in a voice message: https://anchor.fm/teacherparv/message
2021-03-3003 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep26 | कितना टोकते हैं आप बच्चों को | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep26 | कितना टोकते हैं आप बच्चों को | TeacherParv Podcasts बच्चों को ज्ञान या कुछ न करने की सलाह देने में एक बहुत बड़ा जोखिम ये होता है कि या तो वो काम आप भी पहले कर चुके होते हैं या आप भविष्य में कर सकते हैं। किसी विषय को लेकर हमारी सोच कभी भी बदल सकती है। ये नहीं पता कि पहले सही थे या बदली हुई सोच के साथ सही / गलत हैं। ऐसे में बच्चे जब आपको देखते हैं तो उनके मन में ये सवाल आता है कि मम्मी पापा पहले ऐसा कहते/ करते थे अब ऐसे कहते/ करते हैं। पेरेंटिंग में आपकी निरंतरता पर भी संदेह करते हैं बच्चे। और फिर वो ये भी सोचते हैं कि बदलने का ये अधिकार उन्हें क्यों नहीं? छोटा सा उदाहरण - आपको फ़ास्ट फ़ूड खाना पसंद नहीं। आपको डिओडरेंट का इस्तेमाल पसंद नहीं। या और ऐसी बहुत सारी बातें/ चीज़ें होंगी जिन पर आपकी अपनी एक सोच है- सही या गलत। अब अधिकतर पेरेंट्स की कोशिश यही रहती है कि जो उन्हें पसंद नहीं वो काम/ चीज़ बच्चे न करें। लेकिन क्या ये हो सकता है कि भविष्य में आप जंक फ़ूड खाने लग जाएँ / आप डिओडरेंट का इस्तेमाल शुरू कर दें या किसी मुद्दे पर आपकी सोच पहले से विपरीत हो जाये। बहुत सम्भव है। इसीलिए बच्चों के साथ हमें बहुत टोका-टाकी तब तक नहीं करना चाहिए जब तक उनका कोई बहुत बड़ा नुक्सान न होने वाला हो। जिंदगी उनकी है और हर एक्शन के परिणाम उनको ही भुगतने होंगे। हाँ, ये बात आप उन्हें प्यार से समझाते जरूर रहें कभी-कभी। और ऐसा नहीं कि किसी संकट में आप उनका किसी भी प्रकार से साथ छोड़ देंगे। पेरेंट्स होने के नाते हमें तो साथ रहना ही है। अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें: TeacherParv[@]gmail.com Connect at https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-03-2803 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep25 | पेड़ पौधे और बच्चे एक जैसे होते हैं | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep25 | पेड़ पौधे और बच्चे एक जैसे होते हैं | TeacherParv Podcasts पेड़ पौधे और बच्चों का पालन पोषण लगभग एक जैसा होता है। कोई भी पेड़ पौधा हो उसकी नेचुरल प्रवर्ति है ऊपर जाने की। हमारा काम है उनमें समय पर पानी, धूप और खाद डालने का। कई बार फूट के पास से टहनी टूट जाती है, कई बार खुद के वजन से या किसी अन्य कारण से पौधा झुक जाता है, ऊपर नही बढ़ता या समय लेता है। ऐसे में अक्सर लोग पेड़ को सीधा करने के लिए किसी पाइप का सपोर्ट लगा देते हैं। वो पेड़ सीधा तो चल पड़ता है लेकिन जिस दिन सपोर्ट वाला पाइप हटाते हैं वो फिर नीचे की तरफ झुक जायेगा। यदि हम थोड़ा इंतेज़ार करें तो जो नई फूट चलती है वो ऊपर की तरफ ही जाती है। कुछ लोग पेड़ को जल्दी बड़ा करने के लिए उनकी नीचे की टहनियां काट देते हैं। वो पेड़ तो ऊपर निकल जाता है लेकिन उसका तना मजबूत नही हो पाता। और किसी दिन तेज हवा या बारिश के दबाब ना झेल पाने के कारण टूट जाता है। एक जंगल में उगे पेड़ और एक घर में कांट छांटकर बड़ा किया गया पेड़, इनमें सुंदर भी ओर मजबूत भी जंगल वाला पेड़ ही होता है। इसलिए पेड़ पौधों के साथ छेड़छाड़ न करके धैर्य रखते हुए उन्हें नैचुरली यानी स्वाभाविक रूप से बढ़ने देना चाहिए। बस अब पेड़ की जगह बच्चों को रखकर देख लीजिए कि आप क्या कर रहे हैं और आपको क्या करना है। धैर्यपूर्वक उन्हें बिना बड़े करने की जल्दी किये, बिना किसी वैचारिक छेड़छाड़ के बड़े होने दें। न ही उनके सपोर्ट पाइप लगाएं, बस पानी, खाद और धूप लगाते रहें। बच्चे कैसे होंगे ये सोचने की जरूरत नही आपको। अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें: TeacherParv[@]gmail.com Connect at https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-03-2504 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep24 | कितनी तरह के बच्चों को जानते हैं आप | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep24 | कितनी तरह के बच्चों को जानते हैं आप | TeacherParv Podcasts वैसे तो हर बच्चा अपने आप में अलग, अनूठा, अद्वितीय होता है। लेकिन बचपन से मैंने दो ही तरह के बच्चे देखे और सुने हैं - एक वो जिनके नम्बर बढ़िया आते हैं और दुसरे वो, जो नम्बर कम लेकर आते हैं (जैसे जान बूझकर)। अन्य तरह के बच्चे भी होते हैं लेकिन अधिकतर पेरेंट्स के लिए इन दो केटेगरी के बिना उनका कोई अस्तित्व नहीं। पढाई में होशियार बच्चों की सभी कमियां भी स्वीकार (दूध वाली गाय की तरह) जबकि कम नम्बर लाने वालों की हज़ार अन्य खूबियां भी बेकार। ऐसा क्यूँ? कुछ तो हमारी शिक्षा प्रणाली ही ऐसी है और फिर  पेरेंट्स भी इस प्रणाली को ही अंतिम मानकर बैठ जाते हैं। हमेशा ही ऐसे बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा रही है जो हमारी शिक्षा प्रणाली के हिसाब से एवरेज कहलाते हैं। ऐसे में अधिकतर पेरेंट्स बच्चों के नम्बर कैसे बढ़ें इसके लिए नए-नए तरीके आजमाते हैं। फिर थक हारकर ये पेरेंट्स बच्चों के कम नंबरों को अपनी नियति मानकर दुखी मन से स्वीकार कर लेते हैं कि उनके बच्चों का कुछ नहीं हो सकता। पेरेंट्स जीवनभर इस मानसिक पीड़ा से खुद और अपने बच्चों को गुजारते रहते हैं लेकिन नंबरों से अलग अपने बच्चों का टैलेंट ढूंढने की कोशिश नहीं करते। हर क्षेत्र में स्पेशलिस्ट की तरह ही, आपके बच्चे किस क्षेत्र में बढ़िया कर सकते हैं/ करियर बना सकते हैं ये मार्गदर्शन करने वाले एक्सपर्ट्स भी उपलब्ध हैं आज। सौ फीसदी ना सही लेकिन काफी हद तक ये आपकी मदद कर सकते हैं। नम्बरों की दुनिया से बाहर आज एक बहुत बड़ी दुनिया है जो आपके इन "नम्बर नहीं लाने वाले" बच्चों की मददगार बन सकती है। नम्बरों के इस मकड़जाल से निकलिए। आपका बच्चा भी अपने आप में अलग, अनूठा, अद्वितीय है। एक बार दिल से इस बात को स्वीकार तो करके देखिये। अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें: TeacherParv[@]gmail.com Connect at: https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-03-2503 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep23 | पैसे की जरूरत सबको होती है, बच्चों को भी | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep23 | पैसे की जरूरत सबको होती है, बच्चों को भी | TeacherParv Podcasts बच्चों की एक बहुत ही व्यावहारिक जरूरत जिसे अधिकतर पेरेंट्स नजरअंदाज करते हैं, वो है- पैसे की जरूरत। मैंने देखा है ऐसे पेरेंट्स को भी जो पोस्टग्रेजुएशन कर रहे, शादी हो चुके, अपने बच्चों को भी खर्च के लिए पैसे देना जरुरी नहीं समझते। उन्हें लगता है कि सब कुछ तो हम दे रहे हैं, फिर बच्चे पैसे का क्या करेंगे। बच्चों से पूछिए, वो आपको जरूरतें बताएंगे। दूसरा, जेब में पैसा जब आपको कॉन्फिडेंस देता है तो यही बात बच्चों के लिए भी सच है। पेरेंटिंग का एक अहम हिस्सा है फाइनेंसियल लिटरेसी (वित्तीय साक्षरता), जो तब तक बच्चों को नहीं आएगी जब तक आप उन्हें पैसे नहीं देंगे। और पैसे देने के लिए बच्चों के बड़े होने के इंतजार मत करिये। पॉकेट मनी की शुरुआत बचपन से ही कीजिये। बच्चों की उम्र, आपकी सोच और परिवार की आर्थिक स्थिति के हिसाब से इसे तय करते रहें। बच्चे पैसों का दुरूपयोग न करें इसके लिए आप कुछ सकारात्मक शर्तों के साथ पैसे दें। खर्च की एक लिमिट रख कर सकते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया को बच्चों और स्वयं के लिए भी बोझिल न बनाएं। पैसे देकर बच्चों पर इसका अहसान मत करें। कभी बच्चे गलत जगह खर्च भी कर देते हैं तो सकारात्मक तरीके से हैंडल करें। मकसद को महत्व दें, पैसे को नहीं। कुछ पैसे खराब करके यदि बच्चे पैसे का सही इस्तेमाल सीख जाएँ तो ये अनमोल बात होगी। और पैसे बचाने के चक्कर में आप बच्चों को कुछ सीखा नहीं पाए तो बचत किस काम की। ध्यान रखें, पैसे आप नहीं देंगे तो या तो बच्चा किसी गलत तरीके से इसे हासिल करने की कोशिश करेगा, नहीं तो जब वह अपने दोस्तों में जायेगा हीन भावना का शिकार होगा।  और दोनों ही स्थितियां गलत होंगी। अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें: TeacherParv[@]gmail.com Connect at https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-03-2503 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep22 | कहीं आप हेलीकाप्टर पेरेंट तो नहीं | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep22 | कहीं आप हेलीकाप्टर पेरेंट तो नहीं | TeacherParv Podcasts कहीं आप हेलीकाप्टर पेरेंट तो नहीं? ये ऐसे पेरेंट्स होते हैं जो वैसे तो बच्चों की परवरिश में कोई रूचि नहीं रखते, कभी कुछ नहीं कहते, लेकिन जब कभी इनका मूड (खराब) होता है, (बच्चों की कोई शिकायत आ जाये, नम्बर कम आ जाएँ या किसी अन्य कारण से), उस दिन बच्चों को पकड़ लेते हैं। फिर ये पिछले छह महीने तक को सारी जिम्मेदारी निभाते हुए बच्चों की क्लास लगाते हैं। और ज्ञान बांटकर, डांट डपटकर, महीने, दो महीने के लिए पेरेंटिंग की जिम्मेदारियों से फिर मुक्त हो जाते हैं। फिर किसी एक दिन ऐसा ही करने के लिए। ये कभी-कभी की पेरेंटिंग न करें। हेलीकाप्टर पेरेंट्स व् उनकी बातों को बच्चे कभी गंभीरता से नहीं लेते। नौकरी या अन्य कारण से समय की दिक्क्त हो सकती है। लेकिन सारी व्यवहारिक दिक्कतों के बावजूद समय कैसे, कब और कितना निकालना है ये आपको देखना है। लेकिन निकालना है और नियमित रूप से। निरंतरता का बहुत महत्व है पेरेंटिंग में। काम या अन्य किसी बहाने की आड़ में यदि आप पेरेंटिंग की जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेंगे तो गलत है। हेलीकाप्टर पेरेंटिंग तो बिलकुल न करें। ध्यान रखें, जितना गुड़ आप डालेंगे, उतना ही मीठा होगा यानि जितना क्वालिटी समय आप बच्चों में इन्वेस्ट करेंगे, उनकी परवरिश उतनी ही बढ़िया होगी। अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें: TeacherParv[@]gmail.com Connect at: https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-03-2303 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep21 | पेरेंटिंग के परोक्ष तरीके भी अपनाएं | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep21 | पेरेंटिंग के परोक्ष तरीके भी अपनाएं | TeacherParv Podcasts पेरेंटिंग करते समय कुछ बातें आपको बच्चों को स्पष्ट ही बतानी होती हैं। लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें आपको indirect यानि परोक्ष रूप से कहना या करवाना चाहिए। सब कुछ स्पष्ट कहना जरुरी भी नहीं क्यूंकि ऐसा करने से भी कई बार बात बिगड़ सकती है। ब्रिटैन के प्रसिद्द एंटरप्रेन्योर बिजनेसमैन रिचर्ड ब्रैंसन की माँ को जब पता चला कि उनके बेटे को डर लगता है, तो इसे दूर करने के लिए उन्होंने एक तरकीब निकाली। वो हर रोज ब्रैंसन से दूध मंगवाती। दूध लाने के लिए ब्रैंसन को एक सुनसान जंगल से गुजरना पड़ता था। शुरू में तो डर लगा, लेकिन जैसे-जैसे दिन गुजरते गए ब्रैंसन का डर खुलता गया। और आज उनका व्यक्तित्व सबके सामने है। यदि उनकी माँ ब्रैंसन को बता देती कि उनका डर निकालने के लिए ही उनसे दूध मंगवाती हैं तो शायद वो ऐसा नहीं करते, हो सकता है नाराज भी हो जाते अपनी माँ से। बच्चे बहुत सी बातों को स्वीकार करते हैं और बहुत बातों को नहीं। कारण महत्वपूर्ण नहीं। इसलिए सब कुछ बच्चों से सीधे-सीधे न कहकर उन्हें बेहतर बनाने के लिए जहाँ जरूरत हो वहां परोक्ष तरिके भी अपनाएं। मकसद हल होना जरुरी है माध्यम महत्वपूर्ण नहीं। अंत में हम सब चाहते तो अपने बच्चों का भला ही हैं।  अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें: TeacherParv[@]gmail.com Connect at: https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-03-2003 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep20 | रंग सोच और त्वचा का | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep20 | रंग सोच और त्वचा का | TeacherParv Podcasts आजकल बच्चे अपने लुक्स को लेकर बहुत सजग हो गए हैं! समय के हिसाब से होना भी चाहिए। ध्यान रखने वाली बात बस इतनी सी है कि आपके बच्चे सुंदर दिखने को अपने शरीर के रंग से न जोड़ें। पहले तो बच्चों के नाम ही कालू -धोलू रख देते थे, लेकिन अब वो समय नहीं। बच्चों को अपने रंग से काम्प्लेक्स (हीन भावना) हो सकता है जो जीवनभर तनाव का रूप ले सकता है। और यदि आपके बच्चे ऐसा सोचते भी हैं तो इसमें उनकी बहुत ज्यादा गलती नहीं। क्यूंकि आज चर्चा ही हर जगह सुंदर दिखने की हो रही है। हम रहते ही ऐसे समाज में हैं जहाँ सारी उम्र रंग को सफ़ेद करने को लेकर लोग फार्मूला ढूंढते हैं। हम भी जाने-अनजाने में बहुत बार किसी के रंग को लेकर टिप्पणी कर देते हैं। कॉलोनी के दोस्त, स्कूल में कोई सहपाठी आपस में चिढ़ाने के लिए, मजाक में या दुर्भावना से भी कई बार भी आपके बच्चों को ये काम्प्लेक्स दे सकते हैं। इसलिए यदि आपको बच्चों की बातों में उनके शारीरिक रंग से जुड़े किसी प्रकार के संकेत मिलते या दीखते हैं तो उन्हें समझिये। और ये बात कुछ ऐसी है जिसे वो शायद आपके सीधे-सीधे बताने से नहीं समझेंगे। परोक्ष रूप से आपको उन्हें समझाना होगा कि वो कितने खूबसूरत हैं- सिर्फ विचारों से नहीं बल्कि शारीरिक रूप से भी। हर उम्र के लोगों की तरह ही बच्चों को भी अपने हमउम्र ग्रुप में स्वीकार्यता चाहिए होती है- चाहे वो उनके सुंदरता से जुडी हो या इंटेलिजेंस से। इसलिए ऐसे मुद्दों को आपको परोक्ष रूप से और बहुत ही धैर्य से हैंडल करना होगा। अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें : TeacherParv[@]gmail.com Connect at: https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-03-1503 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep19 | परवरिश में प्यार और आत्मीयता का जादू | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep19 | परवरिश में प्यार और आत्मीयता का जादू | TeacherParv Podcasts हाल ही में एक अज़ीज़ मित्र की बेटियों की शादी में शामिल हुआ। उनकी बेटियां कुछ वर्षों से पढ़ाई और फिर नौकरी के कारण चंडीगढ़ रह रहीं थी। जो बात मुझे बहुत अच्छी लगी वो ये कि उनकी बेटियां बातचीत, हावभाव, व्यवहार आदि में दिखावटीपन से कोसों दूर, बिल्कुल स्पष्ट, बेझिझक, आत्मविश्वास से भरी और खुश थीं। और ये इन सबके बाद कि मित्र का घर बहुत आलीशान नही, किसी पॉश कॉलोनी में नही, घर में बहुत सुख- सुविधाएं नही, मित्र बहुत अमीर नहीं, मित्र की पत्नी आज की मॉम नही, आदि सब कारण जो सोचे-कहे जाते हैं आज कल।  उन बेटियों को जो वो खुद हैं, उनका परिवार है, वैसा होने और दिखने पर किसी प्रकार से कोई दिक्कत या झिझक महसूस हुई हो, ऐसा नहीं लगा।   और उनके ऐसा होने में बहुत से कारण रहे होंगे। एक मुख्य कारण जो मैं समझऔर देख पाया वो है-  परिवार में मजबूत, आत्मीयता से भरे आपसी रिश्ते।  तो बच्चों की बढ़िया परवरिश के लिए अपने बच्चों को भौतिक सुख सुविधाओं की जगह अपना समय दीजिए। कॉन्फिडेंस स्कूल में स्टेज पर खड़े होकर बोलने से नही, आपके रिश्ते की मजबूती और प्यार से आएगा।  रिश्तों में बनावटीपन ख़त्म कर वही रहिए और दिखिये जो आप हैं, तभी आपके बच्चे भी इस बीमारी, यानी दिखावटीपन, से बच पाएंगे।  कितने भी बड़े हो जाएं, अपने बच्चों को कसकर गले लगाने से डरिये मत। अपना प्यार उन्हें दिखाइए। उनके साथ हंसिये-हंसाइये। नम्बर कम आएं, रंग गोरा न हो, पतले हों, मोटे हों, कपड़े ब्रांडेड न हों, घर बड़ा न हो, गाड़ी बड़ी न हो, आदि सब चलेगा लेकिन आपके प्यार में कमी होगी तो, जनाब, इन सारी चीजों का भी कोई फायदा नहीं होगा। आप अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें : TeacherParv[@]gmail.com Connect at: https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-03-1303 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep18 | बच्चों के जीवन में वास्तविक व्यवहारिक ज्ञान | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep18 | बच्चों के जीवन में वास्तविक व्यवहारिक ज्ञान | TeacherParv Podcasts मेरा नाम प्रवीण शर्मा है। सीख कर कुछ आप तक पहुँचाता हूँ, और ज़्यादा सीखने के लिए! ___ पेरेंटिंग का एक अहम हिस्सा है बच्चों को जीवन का व्यवहारिक ज्ञान देना। हमें उन्हें ये जरूर बताना चाहिए कि जिस अन्न को हर रोज तीन समय हम भोजन में ग्रहण करते हैं, जो सब्जी, दाल हम खाते हैं, जो दूध हम पीते हैं, ये सब आता कहाँ से आता है और कैसे! जो पीढियां आज शहरों में पल रही हैं वो तो अनाज और सब्जियों को पहचानती भी नहीं। और, ये बातें उनका सामान्य ज्ञान बढ़ाने के लिए नहीं, उनके जीवन ज्ञान के लिए उन्हें बताई जानी चाहिए। वो शायद समझ पाएंगे कि farmer सिर्फ एक occupation नही होता (जैसा उन्हें सिलेबस में पढ़ाया जाता है)। आप अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें : TeacherParv@gmail.com Connect at: https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-03-1203 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep17 | बच्चों में निर्णय लेने की क्षमता | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep17 | बच्चों में निर्णय लेने की क्षमता | TeacherParv Podcasts बच्चों को हम जन्म जरूर देते हैं लेकिन उनकी ज़िन्दगी को हम अपने निर्णयों की बंधुआ नहीं रख सकते। जीवन में सबसे मुश्किल कोई काम है, तो वो है- निर्णय लेना। हमारी ज़िन्दगी हमारे छोटे-छोटे निर्णयों का ही परिणाम होती है। जरा सोचिये, कितनी जरूरी है ये स्किल, कितने भी नम्बरों से ज्यादा महत्वपूर्ण। लेकिन क्या हम अपने बच्चों को इसके लिए तैयार करते हैं?  नहीं। लगभग सभी पेरेंट्स अपने बच्चों के निर्णय उनकी ओर से लेते रहते हैं, और ये उनके बहुत बड़े होने तक भी चलता रहता है। पेरेंट्स ऐसा क्यों करते हैं। शायद हम डरते हैं कि वो सही निर्णय नहीं ले पाएंगे या ऐसा कर पाने में हम उनकी परिपक्वता पर शक करते हैं। लेकिन पेरेंट्स जो निर्णय लेते हैं क्या वो सारे सही साबित होते हैं?  क्या सभी निर्णय सोच समझकर, सिर्फ और सिर्फ बच्चों की भ लाई के लिए लिए गए होते हैं?  ज्यादातर नहीं। अब यदि हम बच्चों को उनके निर्णय लेना सिखाएं, उन्हें ही निर्णय लेने दें, तो क्या हो सकता है। उन सारी बातों की संभावनाएं हैं जो यदि पेरेंट्स निर्णय लेते हैं तो हो सकती हैं। तो स्थिति में बिलकुल कोई फर्क नहीं। सिर्फ हमारी सोच है। विश्वास कीजिये, बच्चे अपने निर्णय ले सकते हैं, आप नहीं सिखाएंगे तो भी। और ज़िन्दगी उनकी है, तो बेहतर है वो ही निर्णय लें। ऐसा करने पर उन्हें अपने निर्णयों के परिणाम भी स्वीकारने होंगे, उनकी जवाबदेही भी लेनी होगी। और अगली बार वो शायद और ध्यान से निर्णय लेंगे। हाँ, अपने अनुभव के कारण, आप उनके साथ चर्चा करके निर्णय लेने में उनकी मदद कर सकते हैं। वो भी तटस्थ रहकर, बिना अपना नज़रिया थोपे। अंतिम निर्णय बच्चों का ही होना चाहिए। ये आपका अपने बच्चों को शायद सबसे कीमती तोहफा होगा। बच्चों को हम जन्म जरूर देते हैं लेकिन उनकी ज़िन्दगी को हम अपने निर्णयों की बंधुआ नहीं रख सकते। पेरेंटिंग प्रगतिशील और समय के हिसाब से होना चाहिए। आप अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें : TeacherParv@gmail.com Connect at: https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-03-0504 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep16 | कुछ क्रिकेट की तरह भी है पेरेंटिंग | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep16 | कुछ क्रिकेट की तरह भी है पेरेंटिंग | TeacherParv Podcasts जिस तरह से खिलाड़ियों को अंडर 12, से अंडर 19 तक, रणजी ट्रॉफी जैसे अन्य घरेलू टूर्नामेंट आदि खिलाकर इंटरनेशनल लेवल के लिए तैयार किया जाता है, ठीक वैसे ही हमें भी बच्चों को एक बेहतर भविष्य के लिए हर स्तर पर पेरेंटिंग करके तैयार करना होता है।  बस यहां कोच और सेलेक्टर दोनों की भूमिका में आप ही हैं। आपको ही अपने बच्चों की प्रतिभा पहचाननी भी है, नियमित प्रैक्टिस भी करवानी है और उन्हें उसके अनुसार मौके भी देने है। सपोर्ट स्टाफ की भूमिका में आपको बच्चों की शारीरिक सेहत के साथ-साथ, मानसिक और भावनात्मक ग्रोथ के लिए भी उन्हें जरूरी मेहनत करवानी है और इसके लिए जरूरी पौष्टिक तत्वों से भरी डाइट का भी ध्यान रखना है। पिच आपको कभी मन माफिक नही मिलेगी, इसलिए हर प्रकार की पिच पर बैटिंग, बोलिंग की प्रैक्टिस जरूरी है। खिलाड़ियों की कहानी को जानेंगे, तो समझ आएगा कि सभी सुविधाएं उपलब्ध हों जरूरी नहीं, परिस्तिथियाँ अनुकूल हों जरूरी नहीं, मौके मिलेंगे जरूरी नही, सभी इंटरनेशनल लेवल पर खेलें ये भी जरूरी नहीं। लेकिन परिस्तिथियाँ चाहे खेल की हों या जीवन की, नियमित परिश्रम और अनुशासन से ही जीवन में संतोषजनक मुकाम हासिल किया जा सकता है।  तो पहन लीजिए अपनी पेरेंटिंग हैट और तैयार हो जाइये, पेरेंटिंग के इस मैदान में अपनी अच्छी भूमिका निभाने के लिये। आप अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/  या लिखें : TeacherParv@gmail.com  Connect at: https://twitter.com/TeacherParv  TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-02-2803 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep15 | बच्चों को सम्मान दें | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep15 | बच्चों को सम्मान दें | TeacherParv Podcasts अपने बच्चों को परिवार में उचित सम्मान देना चाहिए। हमारे जीवन और फिल्मों में बहुत समानताएँ हैं। हम सभी बाल कलाकार के रूप में अपना जीवन शुरू करते हैं, बड़े होकर युवा अवस्था में हीरो/ हीरोइन वाली स्थिति में पहुँचते हैं। फिर समय के साथ हीरो बदल जाते हैं और हम चरित्र अभिनेता के रोल में आ जाते हैं। फिर एक समय ऐसा आता है जब फ़िल्में मिलनी बंद हो जाती है। एक सच्चे कलाकार की तरह ही हमें भी जीवन में सभी अवस्थाएं समान रूप से स्वीकार करनी चाहियें। कल्पना कीजिये ऐसे कलाकारों की जो चरित्र अभिनेता की उम्र में भी हीरो के रोल करते रहे और साथ ही, उन कलाकारों के बारे में जो स्थिति को स्वीकार कर उम्र अनुसार अपनी भूमिकाएं बदलते रहे और अन्य लोगों को हीरो के रुप में स्वीकार किया। आपके परिवार में हीरो कौन है? क्या आप अपने बच्चों को हीरो बनने का मौका देते हैं? हीरो बनने से मतलब है कि न सिर्फ उन्हें अपने जीवन के निर्णय लेने दें, उन्हें परिवार में एक सम्पूर्ण सदस्य के रूप में मान्यता दें, उन्हें परिवार के फैसलों में शामिल करें, फैसले लेते समय उनकी राय लें और उसे महत्व दें और गंभीरता से लें। और उचित समय पर उनके द्वारा लिए गए फैसलों के साथ चलें। यदि सारी उम्र हम ही हीरो रहेंगे, तो हमारे बच्चे बाल कलाकार से सीधे चरित्र अभिनेता की स्थिति में पहुँच जायेंगे और ये गलत होगा। आप अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें : TeacherParv@gmail.com Connect at: https://twitter.com/TeacherParv TeacherParv Podcasts are available on Spotify, Apple Podcasts, JioSaavn, Google Podcasts, Anchor, Breaker, OverCast, Radio Public, PocketCasts, Castbox.
2021-02-2605 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep14 | Best Parenting is NO Parenting At All | TeacherParv PodcastsVidyantriksh Parenting Series | Ep14 | Best Parenting is NO Parenting At All | TeacherParv Podcasts आपके घर बच्चा पैदा होते ही यदि कोई आपको ये लिखकर दे दे कि आपका बच्चा स्वस्थ रहेगा, ज़िन्दगी में बढ़िया सेटल होगा, उसकी अच्छी नौकरी होगी, घर होगा, गाड़ी होगी, नाम कमायेगा, आदि आदि। तब आपका पेरेंटिंग स्टाइल क्या होगा? क्या तब भी आप हर मिनट चिंता करेंगे कि आपका बच्चा क्या कर रहा है, कितना पढता है, कितने नम्बर आये, कितना खेलता है, कैसे बड़ा हो रहा है, पडोसी उसके बारे में क्या सोचेंगे, कहीं बिगड़ तो नहीं जायेगा, क्या स्टेज से बोल पायेगा, क्या अंग्रेजी में बोल पायेगा, कहीं जीवन में पीछे तो नहीं रह जायेगा, आदि। क्यों नहीं हम अपने बच्चों के जीवन में पेरेंट्स होने के अधिकार से ये जो छेड़खानियां करते हैं, वो बंद कर, ये विश्वास कर लें कि जब समय आएगा, हमारे बच्चे जीवन में कुछ बढ़िया ही करेंगे। ऐसा होने की कल्पना मात्र से ही आपको ख़ुशी का एहसास होगा। यदि वास्तव में हम अपने डर को जीत कर ऐसा कर पाएं तो, जीवन बहुत आसान हो जायेगा। आपके और बच्चों के जीवन में कितना आनंद, शांति और सकून होगा। कुछ ना करें। बस शांति से अपने बच्चों को बड़ा होते देखिये।  कोशिश कीजिये - नो पेरेंटिंग। नोट: और सच तो ये भी है कि उनकी जिंदगी में हमारी दखलंदाज़ी, रिमोट कंट्रोल करने की हमारी आदत भी कहाँ हमारे बच्चों को बढ़िया ज़िन्दगी की गारंटी देती है। आप अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें : TeacherParv@gmail.com Connect at: https://twitter.com/TeacherParv
2021-02-2305 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Ep13 | बच्चों को रिश्तों का विस्तार दें | TeacherParv Podcastsएक बार  फिर से चलते हैं - सीखने की यात्रा पर! विद्यांतरिक्ष पेरेंटिंग श्रृंखला के साथ  Vidyantriksh Parenting Series | Ep13 | बच्चों को रिश्तों का विस्तार दें |Expand the World of Relations for Children | TeacherParv Podcasts कहते है कि माँ बच्चे को जन्म देती है लेकिन उसे पालने के लिए पूरे गावं की जरूरत होती है। यानि बच्चे के पालन पोषण में अन्य रिश्तों और समाज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पेरेंटिंग नाम की इस पिक्चर में लीड रोल तो माता-पिता का ही होता है, लेकिन इसमें सहयोगी कलाकार भी उतने ही अहम किरदार होते है। बल्कि कुछ मामलों में तो मुख्य किरदार से भी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होते हैं। दादा-दादी, ताऊ-ताई, चाचा-चाची, नाना-नानी, मामा-मामी, बुआ-फूफा, आपके दोस्त, आपके बच्चों के दोस्त, स्कूल के अध्यापक, प्रिंसिपल और न जाने कितने ही रिश्ते ऐसे हैं जो पेरेंटिंग को आनंददायी बनाने में आपकी मदद कर सकते हैं। कुछ साल पहले तक संयुक्त परिवारों में तो बच्चे ये सारे सहयोगी कलाकार ही पालते थे। रिश्ते ही कुछ ऐसे होते थे। लेकिन आजकल सिंगल परिवार हैं तो माता-पिता को लीड और सहयोगी कलाकार दोनों का ही रोल निभाना पड़ता है। इसलिए पेरेंटिंग में आनंद कम और तनाव ज्यादा हो गया है। और इसका प्रभाव बच्चों पर दीखता भी है। इसीलिए पेरेंटिंग का आनंद लेने के लिए और बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए अपने आसपास के इन सारे सहयोगी कलाकारों को ढूंढिए और इनकी मदद लीजिये। फिर इस पिक्चर की हैप्पी एंडिंग निश्चित है। Related Episode: Vidyantriksh Parenting Series | Ep5 | The Treasure of Your Friends | विरासत रिश्तों की | TeacherParv Podcasts https://anchor.fm/teacherparv/episodes/Vidyantriksh-Parenting-Series--Ep5--The-Treasure-of-Your-Friends------TeacherParv-Podcasts-epuf5i आप अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें : TeacherParv@gmail.com Connect at: https://twitter.com/TeacherParv
2021-02-2003 minTeacherParv: Celebrating Learning
TeacherParv: Celebrating LearningVidyantriksh Parenting Series | Parveen Sharma | TeacherParv Podcastsपेरेंटिंग एक ख़ुशनुमा एहसास है। कभी ज़िम्मेदारी-कभी ज़िम्मा- कभी मुश्किल भी और कभी मज़ेदार भी। केवल वो नहीं जो जन्म देने वाले हैं - वो भी तो पेरेंट्स ही हैं जो बच्चों से बाते करते हैं। किसी भी भूमिका में एक पेरेंट ही होते हैं। पहले 12 एपिसोडेस को सुनने के लिए शुक्रिया! We are coming up with another set of Podcasts from Vidyantriksh Parenting Series. The First 12 Episodes made us feel strong and supported by your appreciations. We are sure, the new episodes shall also get the same acknowledgement.  डॉ आरती और श्री अमित डागर जी के विचारों और समझ को आप तक लाने में हमें जो सीखने को मिला है, वह सुखद भी है और एक इनाम भी।  आप अपने सुझाव-सराहना-विचार भेज सकते हैं: https://www.facebook.com/thevidyantrikshschool/ या लिखें : TeacherParv@gmail.com  Connect at: https://twitter.com/TeacherParv
2021-02-1706 minTeacherParv: Celebrating Learning2020-07-0703 min